शादी के कुछ सालों में ही तलाक़ लेने के बाद कैसा महसूस होता है?
"वो ख़राब मानसिक स्थिति से गुज़र रही थीं. वो अकेले में समय गुज़ारना चाहती थीं. मैंने तब भी उसे इसके लिए ज़िम्मेदार नहीं ठहराया था और न ही अब ठहराता हूं. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि जब वो गईं तो मुझे फ़र्क़ नहीं पड़ा. मैं पूरी तरह से टूट गया था. जब मैं तलाक़ के लिए मशविरा करने लगा, उस वक़्त मैं बस ज़िंदगी में आगे बढ़ जाना चाहता था, सबकी भलाई के लिए."
अपने लैपटॉप की स्क्रीन के सामने बैठी रेचल अचानक रोने लगती हैं. साल 2018 का कोई दिन था और उसका घर अंधेरे और शांति से भरा था. सब बहुत अलग था. 28 साल की रेचल अपने पति के साथ पहले इसी घर में रहती थीं लेकिन अब वो अकेली हैं.
उन्हीं से 200 मील दूर उनके पति 26 साल के रॉब का घर है जो सरकारी वेबसाइट पर तलाक़ के लिए राय देख रहे हैं. रॉब की पत्नी एक साल पहले उन्हें छोड़ कर जा चुकी हैं.
"वो ख़राब मानसिक स्थिति से गुज़र रही थीं. वो अकेले में समय गुज़ारना चाहती थीं. मैंने तब भी उसे इसके लिए ज़िम्मेदार नहीं ठहराया था और न ही अब ठहराता हूं. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि जब वो गईं तो मुझे फ़र्क़ नहीं पड़ा. मैं पूरी तरह से टूट गया था. जब मैं तलाक़ के लिए मशविरा करने लगा, उस वक़्त मैं बस ज़िंदगी में आगे बढ़ जाना चाहता था, सबकी भलाई के लिए."
रॉब के दो बच्चें हैं जिन्हें वो अकेले संभाल रहे हैं. वो कहते हैं कि वो अब आगे बढ़ना चाहते हैं.
सितंबर में जारी हुए इंग्लैंड के सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2017 में इंग्लैंड और वेल्स में 102,000 हज़ार से ज़्यादा तलाक़ हुए हैं. इनमें ज़्यादातर लोगों ने 40 की उम्र के आस-पास तलाक़ लिया. लेकिन 12,000 ऐसे लोग थे जिन्होंने रेचल और रॉब की तरह 22-25 की उम्र में ही तलाक़ ले लिया.
जो लोग 18-19 साल या 20-22 साल की उम्र में शादी कर लेते हैं उनकी शादी टूटने का रिस्क ज़्यादा होता है. रिसर्च के मुताबिक़ 1976 में 50 प्रतिशत ऐसी महिलाओं ने तलाक़ लिया था जो 20-22 साल की उम्र में शादी कर चुकी थीं. शादी के तीस साल बाद वे तलाक़ ले चुकी थीं.
रेचल ने भी ऐसी ही उम्र में शादी की थी.
रेचल बताती हैं, "ये बहुत दर्दनाक था. दो साल तक मुझे ऐसा लगता रहा जैसे मेरा व्यक्तित्व कुचला जा रहा है. मुझे पता है ये नाटकीय लगता है लेकिन मैंने पहले कभी ऐसा कुछ महसूस नहीं किया था. इस रिश्ते में मुझे बहुत दुख मिला था. जिस रिश्ते के बारे में मैंने सोचा था कि ये हमेशा-हमेशा के लिए है, वो अचानक ही ख़त्म हो गया था."
जब एक शादी में भावनात्मक गिरावट शुरू होती है, वैसे ही रिश्ते के ख़त्म होने की शुरूआत हो जाती है. रेचल और रॉब दोनों ही ख़ुद को विक्टिम की तरह देखते हैं.
रेचल बताती हैं, "हमारी शादी के दो साल बाद मुझे पता चला कि मेरे पति का किसी दूसरी औरत के साथ अफ़ेयर चल रहा है, ये जानने के बाद मुझे बहुत बुरा महसूस हुआ लेकिन मैं हमारी शादी ख़त्म नहीं करना चाहती थी. इसलिए हमने इस झूठ को छुपाते हुए छह महीने अपनी शादी बचाने में लगाए"
लेकिन विश्वास टूटने से रिश्ते में आई गिरावट बढ़ती गई और आख़िर में रेचल और रॉब ने तलाक़ लेने का फ़ैसला किया.
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लेकिन उसके लिए भी कई दिक़्क़तों का सामना करना पड़ा.
रेचल बताती हैं, "जब आप अपने पार्टनर के अफेयर के बारे में जानने के बाद उसके साथ छह महीने बिता लेते हैं तो अडल्ट्री (व्याभिचार) के आधार पर क़ानूनी तौर पर तलाक़ नहीं ले सकते. इतना दर्द सहने के बाद मुझे ऐसा लगता था जैसे मुझे अपनी शादी बचाने के लिए सज़ा दी जा रही है"
रॉब बताते हैं कि पत्नी के जाने के बाद उन्हें पता चला कि अगर क़ानूनी तौर पर तलाक़ चाहिए तो अभी एक साल और इस रिश्ते में रहना होगा.
अपने दर्द को बयान करते हुए रॉब कहते हैं, "इस सब के बाद ऐसा लगा था जैसे मैं अपनी ज़िंदगी में आगे ही नहीं बढ़ पांउगा. मैं सिंगल पेरेंट था. मैं बस चीज़ों को आगे बढ़ते हुए देखना चाहता था. इन सारी चीज़ों ने मुझे बहुत मानसिक तनाव दिया था."
दोनों ने इंतज़ार करने के बजाय 'अनुचित व्यवहार' (उन्हें उन कारणों की सूची जमा करनी होगी जो ये बताएं कि वे साथ रहना क्यों नहीं चाहते हैं) के आधार पर तलाक़ की याचिका दायर करना उचित समझा.
रॉब बताते हैं, ''जब मैं ये सब वजह दे रहा था कि मेरी पत्नी बिल भरने में अपना हिस्सा नहीं देतीं, बच्चे संभालने में भी वो मदद नहीं करती है तो मैं सोच रहा था कि इन सभी बातों में अपनी सहमति जताते हुए उसे कितना बुरा लगेगा.''
रेचल कहती हैं, "ये सब उस दौरान ज़्यादा कठिन हो जाता है जब आपके सारे दोस्त जीवन में सेटल हो रहे हों"
31 साल की रूबी ने शादी के दो साल बाद अपने पति से अलग होने का फ़ैसला लिया.
वो बताती हैं, "मैं एक पारंपरिक परिवार से आती हूं जो शादी को धर्म सो जोड़कर देखते हैं. मेरी तीनों छोटी बहनों की शादी हो चुकी है. मैंने अपने पति से मिलने के एक साल के भीतर ही शादी कर ली. हम दोनों अलग तरह के व्यक्ति थे"
रूबी बताती हैं, "वो कई चीज़ों में अच्छा था. लेकिन हर छोटी बात को लेकर हमारी बहस होती थी, झगड़े होते थे. ग़लतफ़हमियां काफ़ी बढ़ गई थीं. फिर एक दिन मैंने उसे दूसरी औरत को मैसेज करते हुए देखा. उस दिन मुझे लगा कि हम दोनों को शादी नहीं करनी चाहिए थी"
रूबी की मां ने तलाक़ के दौरान उनका साथ नहीं दिया. उनकी मां उनसे कहती रहीं कि तुम एक बेहतर पत्नी बनो. रूबी अपना घर छोड़ कर अलग रहने लगीं.
मनोवैज्ञानिक डॉक्टर राहेल एंड्रयू बताते हैं कि जब आपके आस-पास के लोगों में बहुत कम लोग इससे गुज़रे होते हैं तो आप ज़्यादा अकेला महसूस करते हैं.
रिलेशनशिप थेरेपिस्ट और द हैप्पी कपल हैंडबुक के लेखक, एंड्रयू जी मार्शल इससे सहमति जताते हुए कहते हैं, "तलाक़ हमेशा आपके आत्म सम्मान को ठेस पहुंचाएगा, इससे गुज़रने वाले लोगों के लिए शर्म और असफलता की भावना पैदा होना प्राकृतिक है और ऐसी भावनाएं उस स्थिति में अधिक बढ़ जाती हैं जब आप अपने आस-पास के लोगों को प्यार में देखते हैं"
रेचल के लिए भी अपने दोस्तों से मिलना मुश्किल हो गया था. वो बताती हैं, "मेरे दोस्त अपने पार्टनर्स के साथ अच्छा रिश्ता निभा रहे थे. उन लोगों के साथ समय बिताने में मुझे ज़्यादा परेशानी होती थी."
डॉक्टर एंड्रयू कहते हैं, "अपने दोस्तों में सबसे पहले अगर आपकी शादी टूटती है तो भावनात्मक तनाव होता है. ग़ुस्सा, डर, उदासी ये सब आपके भीतर बारी-बारी से आते रहते हैं. लेकिन आपको जितना ज़्यादा जीवन का अनुभव होगा उतना आप अपनी भावनाओं को सही-सही जगह इस्तेमाल करना सीख पाएंगे. लेकिन नौजवान लोगों को ये समझने में परेशानी होती है."
रॉब भी कहते हैं कि दोस्तों से मिलना काफ़ी मुश्किल था. "हम कुछ लोग जो सालों से दोस्त थे, हर शुक्रवार शराब पीने पब पहुंच जाते थे. लेकिन जो कुछ बुरा मैं अंदर महसूस कर रहा था, शराब ने उसे बाहर ला दिया. मैं शर्मिंदा हूं कि मैंने शराब पीकर झगड़े किए. अपने घर की खिड़की का शीशा तक तोड़ डाला."
मेरे दोस्त मेरा साथ देने की पूरी कोशिश कर रहे थे, उन्हें लगता था कि मुझे बाहर ले जाने से, शराब पिलाने से मैं बेहतर महसूस करूंगा लेकिन मैं बस आख़िर में रोने लगता था और उनमें से किसी को समझ नहीं आता था कि मुझसे क्या कहे. मुझे लगा कि मैं शराब पीना छोड़ दूंगा तो ठीक हो जाउंगा. इसलिए छह महीने मैंने शराब नहीं पी."
रूबी ने भी अपने माता-पिता और पुराने दोस्तों से थोड़ी दूरी बनाई और दूसरे शहर जाकर नई नौकरी करने लगीं.
छह महीने के बाद वे फिर से डेट करने लगीं. "पहली डेट तो बहुत ही बुरी रही. मैं 29 साल की थी और लड़का 26 साल का. जब मैंने उसे बताया कि मैं तलाक़ ले रही हूं, उसने बहुत अजीब तरीक़े से बर्ताव किया. उसके बाद मैं लोगों से तलाक़ को लेकर कम ही बात करने लगी."
डॉक्टर एंड्रयू कहते हैं कि रिश्ते के ख़त्म होने को लेकर अपराधबोध होना नॉर्मल है. "आपको ये समझना होगा कि जो कुछ हुआ वो आप दोनों के बीच के रिश्ते की वजह से हुआ. ना ये आपके बारे में कोई जजमेंट है और ना दूसरे व्यक्ति के. युवा लोगों को ये ज़्यादा लगता है कि जो हुआ वो इसलिए क्योंकि वे अच्छे नहीं थे."
रूबी और रेचल दोनों ही अब नए रिश्ते में जाने से पहले थोड़ा समय ले रही हैं लेकिन रॉब ने हाल ही में किसी को डेट करना शुरू किया है.
रॉब बताते हैं, "मेरी पहली पत्नी और मैं अब अच्छे दोस्त हैं. शुरूआत में मुझे समस्या होती थी लेकिन अब चीज़ें सकारात्मक रूप से चल रही हैं."
रूबी अब धीरे-धीरे अपने परिवार वालों से मिलने लगी हैं. वो कहती हैं, तलाक़ ने मुझे सिखाया कि मुझे किसी भी काम के लिए किसी की इजाज़त की ज़रूरत नहीं है. अपनी ख़ुशी के लिए मैं ख़ुद ही ज़िम्मेदार हूं. ये सफ़र मुश्किल था लेकिन ये एक लंबे अंधेरे के बाद रोशनी जैसा था.