क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

दक्षिण अफ्रीका में एक भारतीय का वहां के नागरिक से शादी करना कितना मुश्किल

दक्षिण अफ़्रीका में भारतीय मूल के लोगों की पहली खेप 1860 में आई थी. वो बंधुआ मज़दूर थे. पढ़े-लिखे नहीं थे और अक्सर वो गाँवों से ताल्लुक रखते थे. अगले 50 सालों तक इस देश में वो बंधुआ मज़दूर की तरह आते रहे.

डरबन भारतीय शहरों के बाहर एक ऐसा शहर है, जहाँ प्रवासी भारतीयों की सबसे बड़ी संख्या आबाद है. एक अंदाज़े के मुताबिक़ इस शहर में उनकी आबादी 10 लाख से अधिक है. यहाँ प्रवासी भारतीयों की खूब चलती है.

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News
अंतर-जातीय शादियां
BBC
अंतर-जातीय शादियां

दक्षिण अफ्रीका के डरबन में भारतीय मूल की महिला ईलेन और काली नस्ल के उनके पति सीमो अपने तीन बच्चों और दो पालतू कुत्तों के साथ एक सुखी जीवन जी रहे हैं.

दो अलग नस्लों की यह जोड़ी आज खुश है, लेकिन इनका 14 साल का संयुक्त सफ़र कठिनाइयों से भरा रहा है. वजह थी नस्ली भेदभाव.

सीमो, जिनका संबंध दक्षिण अफ़्रीका के सबसे शक्तिशाली क़बीले जुलु से है, शर्माते हुए कहते हैं कि पहले उन्हें ईलेन से इश्क़ हुआ.

ईलेन को ये जानकर अच्छा लगा, लेकिन उन्होंने फ़ौरन अपने प्यार का इज़हार नहीं किया. ईलेन ने कहा, "मैंने कुछ समय के बाद महसूस किया कि मुझे भी सीमो से प्यार है. मैं उनसे उस समय बहुत प्यार करने लगी जब वो मुझे अपने गाँव लेकर गए."

कई देशों में दो अलग-अलग संस्कृति, नस्ल और मज़हब के लोग आपस में शादियां करते हैं, तो दो अलग नस्लों वाली ईलेन और सीमो की जोड़ी को परेशानियों का सामना क्यों करना पड़ा?

अगर आप दक्षिण अफ़्रीका के संदर्भ में देखें तो ये अनहोनी थी और आज भी है.

अंतर-जातीय शादियां
BBC
अंतर-जातीय शादियां

समाज से बाहर शादी करना विद्रोह

दक्षिण अफ़्रीका में रंगभेद करने वाली गोरी नस्ल की हुकूमत के दौर में काली और गोरी नस्लों के बीच शादियां ग़ैर क़ानूनी थीं. ये पाबंदी 1985 में हटाई गई.

इस अल्पसंख्यक सफ़ेद नस्ल वाले शासन से देश को 1994 में आज़ादी मिली जिसके बाद अंतरजातीय शादियां होने लगीं, लेकिन ऐसी शादियों की संख्या बहुत कम है.

इस माहौल में 14 साल पहले ईलेन और सीमो के बीच प्यार हो जाना और इसके दो साल बाद शादी करना आसान नहीं था.

लंबे समय से दक्षिण अफ़्रीका में रहने वाले भारतीय आज भी अपनी संस्कृति से जुड़े हैं. यहाँ क्षेत्र, मज़हब, जाति और गोत्र देख कर शादी करने का रिवाज अब भी है. ऐसे में भारतीय समाज से बाहर शादी करना समाज से विद्रोह करने जैसा है.

और अगर किसी काली नस्ल के लड़के या लड़की से प्यार हो जाए और मामला शादी तक पहुँच जाए तो ये बग़ावत से भी बढ़ कर है. दक्षिण अफ्रीका में काली नस्ल से शादी करना एक कलंक समझा जाता है.

अंतर-जातीय शादियां
BBC
अंतर-जातीय शादियां

पलायन का इतिहास

दक्षिण अफ़्रीका में भारतीय मूल के लोगों की पहली खेप 1860 में आई थी. वो बंधुआ मज़दूर थे. पढ़े-लिखे नहीं थे और अक्सर वो गाँवों से ताल्लुक रखते थे. अगले 50 सालों तक इस देश में वो बंधुआ मज़दूर की तरह आते रहे.

डरबन भारतीय शहरों के बाहर एक ऐसा शहर है, जहाँ प्रवासी भारतीयों की सबसे बड़ी संख्या आबाद है. एक अंदाज़े के मुताबिक़ इस शहर में उनकी आबादी 10 लाख से अधिक है. यहाँ प्रवासी भारतीयों की खूब चलती है.

अब वो आर्थिक रूप से एक कामयाब समाज है. लेकिन काली नस्ल के लोग भारतीय मूल को उनके ख़िलाफ़ नस्ली भेदभाव करने का इल्ज़ाम अक्सर लगाते हैं. इन दोनों समुदायों के बीच शादियां तो दूर, आपसी मेल मिलाप भी कम है.

इस पसमंज़र में ईलेन का सीमो की शादी को देखा जाए तो ये एक साहसी क़दम नज़र आएगा.

अंतर-जातीय शादियां
BBC
अंतर-जातीय शादियां

शारीरिक रूप से स्वास्थ सीमो एक शर्मीले व्यक्ति हैं, जो उनकी शख्सियत को आकर्षक बनाती है. उनकी ज़ोरदार हंसी की गूँज दूर तक सुनाई देती है. वो अपनी भावनाओं का इज़हार कम शब्दों में करते हैं.

इसकी कमी ईलेन पूरी करती हैं, जो बोलने में तेज़-तर्रार और अच्छे मिज़ाज की हैं. सबसे बड़ी बात ये कि दोनों में एक-दूसरे के लिए प्यार अब भी घनिष्ठ नज़र आता है.

ईलेन और सीमो के बीच प्यार का हाल ये है कि इनमें से एक बोलना शुरू करता है तो दूसरा वाक्य को पूरा करता है. ईलेन ने कहना शुरू किया कि दो साल की डेटिंग के बाद 12 साल पहले शादी की तो झट से सीमो बोले "और हम आज भी खुश हैं"

दक्षिण अफ़्रीक़ा में ऐसी मिली-जुली नस्ल वाली जोड़ियां आज भी कम नज़र आती हैं.

अंतर-जातीय शादियां
BBC
अंतर-जातीय शादियां

रेल की पटरियां बिछाने आए थे भारतीय

ईलेन कहती हैं कि शुरू में उन्हें काफ़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा था. "मेरी माँ थोड़ा डरी हुई थीं और मेरे लिए चिंतित थीं. भारतीय मूल का समाज सीमो से शादी के बिल्कुल ख़िलाफ़ था. "कई भारतीय मूल के लोगों ने इसका विरोध किया. वो मुझसे ये सवाल कर रहे थे कि मैं एक काले व्यक्ति के साथ क्यों हूँ, मैं किसी भारतीय के साथ क्यों नहीं हूँ."

भारतीय मूल के लोग 19वीं शताब्दी में आये थे तो उस समय भारत और दक्षिण अफ़्रीका, दोनों मुल्कों में अंग्रेज़ों की सरकार थी.

सरकार को दक्षिण अफ़्रीका में रेल की पटरियां बिछवानी थीं, जिसके लिए उन्हें हज़ारों की संख्या में मज़दूरों की ज़रूरत थी. इसके अलावा गन्ने के खेतों में काम करने के लिए भी मज़दूरों की ज़रूरत थी. भारत से आए अधिकतर लोग कभी वापस अपने देश को नहीं लौटे और यहीं के हो कर रह गए.

अंतर-जातीय शादियां
BBC
अंतर-जातीय शादियां

कठिनाइयों ने बढ़ाई नजदीकियां

अपनी कड़ी मेहनत के कारण भारतीय मूल के लोग आज आर्थिक रूप से काफ़ी कामयाब हैं. वो कुल आबादी का केवल ढाई प्रतिशत हैं, लेकिन हर छेत्र में आगे हैं. काली नस्ल के लोगों की शिकायत है कि प्रवासी भारतीय उनके साथ नस्ली भेदभाव करते हैं. उनके अनुसार भारतीय समाज के युवाओं को काली नसल के लोगों से शादी करने से मना किया जाता था और अब भी हालात बदले नहीं हैं.

इसलिए जब ईलेन को सीमो से प्रेम हुआ तो वो चिंतित थीं कि अपने परिवार को सीमो के बारे में कैसे बताएं. सीमो के परिवार में भारतीय मूल की लड़की कोई मुद्दा नहीं था. ईलेन को सीमो के परिवार ने तुरंत अपना लिया था. ईलेन के परिवार ने संकोच किया. रिश्तेदारों ने सीमो का विरोध तक किया था.

सीमो इस विरोध से हिम्मत नहीं हारे. लेकिन नस्ली भेदभाव के साथ-साथ समस्या ये भी थी कि उस समय दोनों बेरोज़गार थे. सीमो कहते हैं कि उन्हें अपने गाँव जाकर रहना पड़ा. "हमने अपने गाँव में एक टेंट गाड़ा और अपनी पत्नी के साथ रहने लगा."

ईलेन और सीमो तब तक माता पिता भी बन चुके थे. सीमो गर्व के साथ कहते हैं, "इन कठिनाइयों के कारण हम एक-दूसरे से और भी क़रीब आए."

अंतर-जातीय शादियां
BBC
अंतर-जातीय शादियां

बॉलीवुड से लगाव

जब ईलेन के परिवार और रिश्तेदारों का विरोध ख़त्म हुआ तो सांस्कृतिक मतभेद सामने आए. ईलेन के अनुसार सीमो की माँ को इस बात की चिंता थी कि वो ज़ुलु संस्कृति को अपना सकेंगी या नहीं.

"हम ने ज़ुलु भाषा सीखी और उनकी संस्कृति और रीति-रिवाज के बारे में जानकारी हासिल की और इसे अपनाया. सीमो की माँ बहुत खुश हुईं. मैं काफ़ी उत्साहित थी."

ईलेन ईसाई हैं, लेकिन उनका परिवार हिन्दू है. उनके पूर्वज आंध्रप्रदेश से आए थे और इसलिए ईलेन थोड़ा बहुत तेलुगू भी बोल लेती हैं. हिन्दू प्रार्थना सभाएं उनकी संस्कृति का अब भी एक अटूट हिस्सा हैं.

उनका परिवार भजन का अक्सर आयोजन करता है. सीमो ने इसमें शामिल होने में पहल की. "मैंने भजन और भजन ग्रुप्स के बारे में काफी सुन रखा था. मैं इन में शामिल होने लगा और कई भजन सीखे."

ईलेन के अनुसार सीमो ने भजन को बहुत ख़ूबी से अपनाया. लेकिन सीमो को भजन से भी अधिक बॉलीवुड ने प्रभावित किया. ईलेन ने जब 'कुछ कुछ होता है' गुनगुनाना शुरू किया तो वो थोड़ा शर्माकर पत्नी का साथ देने लगे.

अब तो बॉलीवुड के वो इतने दीवाने हो गए हैं कि अपनी पत्नी को नई फ़िल्मों और गानों के बारे में बताते हैं. दूसरी तरफ़ ईलेन ने भी कुछ ज़ुलु गाने सीख लिए हैं.

दोनों का प्यार अब भी घनिष्ठ है, जो उनके शारीरिक हाव-भाव से साफ़ नज़र आता है. उनकी बातों से भी उनका आपसी प्यार झलकता है. वो अपनी बीवी के प्यार में कहते हैं कि वो 60 प्रतिशत भारतीय हो चुके हैं. उनके तुरंत बाद पत्नी कहती हैं कि वो 60 प्रतिशत ज़ुलु हो चुकी हैं.

उन्होंने अपने बच्चों को भी दोनों संस्कृति के रीति-रिवाज के बारे में बताया है. उनके दो बेटे और एक बेटी अभी कच्ची उम्र के हैं, लेकिन उन्हें अपने माता-पिता के नस्ली बैकग्राउंड के बारे में सब कुछ पता है.

ईलेन चाहती हैं कि लोग उनकी और उनके पति की जाति और नस्ल को न देखें. उनका विश्वास है कि "रिश्तों में जो मायने रखता है वो है प्यार."


BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
How difficult it is to marry an Indian in a South African country
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X