इसराइल के हथियारों का ज़ख़ीरा कितना बड़ा है?
इसराइल ने अपने परमाणु कार्यक्रम के बारे में दुनिया को कुछ नहीं बताया. उसके पीछे कितने परमाणु बम हैं?
इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने भारत दौरे के दौरान कहा, "मुझे सॉफ्ट पावर अच्छी लगती है लेकिन हार्ड पावर ज़्यादा बेहतर है."
"आपको एफ-35 फाइटर जेट विमान, साइबर विशेषज्ञता और इंटेलीजेंस चाहिए, और ये सब कहां से आएगा, आर्थिक ताक़त से."
नेतन्याहू का ये बयान साफ़ बताता है कि इसराइल किस नीति पर यक़ीन रखता है. ताक़त के मायने हथियारों से हैं और उसे कोई कनफ़्यूज़न नहीं है.
साल 2016 में इसराइल सेना पर सबसे अधिक खर्च करने वाला 15वें पायदान पर है. इसे अमरीका से 30.5 लाख डॉलर की सैन्य सहायता भी मिलती है.
इसराइल 1950 से परमाणु गुप्त कार्यक्रम पर काम कर रहा है और दुनिया छिप कर बम बना रहा है. शांत रेगिस्तान में इस देश के पास नेगेव परमाणु रिसर्च सेंटर है जहां ताकतवर हथियार बनने के काम किया जाता है.
इसराइल के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े 60 तसवीरें ले कर इन तस्वीरों को एक अख़बार को देने वाले मौर्डेख़ाई वनुनु ने इसराइल के परमाणु हथियारों की बात दुनिया के सामने रखी थी.
1968 में जारी अमरीकी ख़ुफिया एजेंसी सीआईए की एक रिपोर्ट के अनुसार इसराइल परमाणु हथियार बनाने का काम शुरू ही किया था.
हालांकि वनुनु के अनुसार 1968 में इसराइल के पास अंडरग्राउंड प्लूटोनियम सेपरेशन सुविधा थी और उसके पास लगभग 150-200 परमाणु हथियार थे.
लेकिन आज के वक्त में इसराइल के पास कितने परमाणु हथियार हैं?
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न्यूक्लियर थ्रेट इनिशिएटिव के अनुसार इसराइल ने 1973 में अपने पहला परमाणु बम ले जा सकने वाला बैलिस्टिक मिसाइल तैयार किया था.
साल 1975 में अख़बारों में आई ख़बरों के अऩुसार अमरीकी ख़ुफ़िया विशेषज्ञों का मानना था कि इसराइल के पास 10 परमाणु हथियार हैं और उन्हें दाग़ने के लिए ज़रूरी लड़ाकू विमान और मिसाइल सिस्टम भी है.
परमाणु हथियारों पर रोक लगाने की अंतरराष्ट्रीय मुहिम आईकैन के अनुसार दुनिया के नौ देशों के पास 15 हज़ार परमाणु हथियार हैं.
इस रिपोर्ट के अनुसार सबसे अधिक परमाणु हथियार रूस और अमरीका के पास हैं. रूस के पास 7 हज़ार और अमरीका के पास कुल 6 हज़ार 8 सौ परमाणु हथियार हैं.
इसराइल अपने परमाणु कार्यक्रम के बारे में जानकारी साझा नहीं करता और इसीलिए उसके पास कितने हथियार हैं इसका आकलन लगाना मुश्किल है. इस सूची के अनुसार इसराइल के पास कुल 80 परमाणु हथियार हैं.
स्टॉकहोम इंतरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीस्यूट की एक रिपोर्ट के अनुसार इन 80 में से 30 ग्रेविटी बम हैं जिन्हें लड़ाकू विमानों के ज़रिए निशाने पर गिराया जाता है.
बचे 50 हथियार मध्यम दूरी तक मार कर सकने वाली जेरिको-2 बैलिस्टिक मिसाइल पर लगाए जा सकने वाले बम हैं.
माना जाता है कि ये बम यरूशलम के नज़दीक एक सैन्य अड्डे की गुफाओं में मोबाइल लॉन्चर्स के साथ रखे गए हैं.
इस रिपोर्ट के अनुसार इसराइल जेरिको-2 बैलिस्टिक मिसाइल बना रहा है, लेकिन वो बना या नहीं इसकी जानकारी पुख्ता तौर पर उपलब्ध नहीं है.
साथ ही जर्मनी के सहयोग से इसराइल 6 डॉलफिल क्लास पनडुब्बियां भी बना रहा है जिनमें परमाणु बम ले जाने की क्षमता होगी.
मेहदी शर्रम अपनी किताब 'न्यूक्लियर लाइज़, डिसेप्शन एंड हिपोक्रेसी' में लिखते हैं कि अक्तूबर 1973 में अरब-इसरइली युद्ध के दौरान इसराइ को हर का डर सता रहा था और इस दौरान उन्होंने 13 बीस किलो के परमाणु बम बनाए थे.
लेकिन 1990 के आख़िर तक अमरीकी खुफ़िया तंत्र से जुड़े जानकारों ने इसराइल का परमाणु उत्पादन क्षमता के आधार पर आकलन लगाया कि उनके पास कम से कम 75-130 तक परमाणु हथियार हो सकते हैं.
हालांकि इस दौरान छपे कुछ अन्य आकलनों के अनुसार ये आंकड़ा करीब 400 तक हो सकता था.
बुलेटिन ऑफ़ ऐटोमिस साइंटिस्ट के सितंबर 1997 के अंक के अनुसार 1990 में छपी डिफेंस इंटेलिजंस एजेंसी की एक रिपोर्ट का कहना था कि अरब के रसायनिक हथियार के हमले के ख़तरे को देखते हुए इसराइल ने रसायनिक हथियार बनाने की क्षमता हासिल कर ली है.
इस रिपोर्ट के अनुसार इसराइल के पास रसायनिक हथियारों के परीक्षण के लिए भी सुविधा मौजूद है जो कि हो सकता है कि नेगेव रेगिस्तान में ही हो.