हांगकांग: सोमवार रात संसद में दाखिल हो गए प्रदर्शनकारी, बढ़ता जा रहा चीन के खिलाफ गुस्सा
हांगकांग। हांगकांग में चीन के खिलाफ जनता का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। सोमवार को यहां पर जारी प्रदर्शन और ज्यादा उग्र हो गया और सैंकड़ों प्रदर्शनकारी संसद की मुख्य बिल्डिंग में दाखिल हो गए। हालांकि मंगलवार को हांगकांग में शांति है और लोग अपने काम में बिजी हैं। रात में जैसे ही प्रदर्शनकारी संसद की बिल्डिंग में पहुंचे तो पुलिस को इस भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैंस तक का प्रयोग करना पड़ गया।
संसद में हुई तोड़फोड़
1 जुलाई 1997 को ब्रिटिश प्रशासन ने हांगकांग को चीन को सौंप दिया था। सोमवार को इसकी 22वीं सालगिरह थी और इस मौके पर बड़े पैमाने पर प्रदशर्नकारी इकट्ठा हो गए। आधी रात में संसद की बिल्डिंग में दाखिल हुए प्रदर्शनकारियों ने यहां लगी सांसदों की पेंटिंग्स को फाड़ दिया और साथ ही दिवारों पर लोकतंत्र का समर्थन करने वाले कई स्लोगन तक लिख डाले। प्रदर्शनकारी इस बात को लेकर खासे नाराज हैं कि प्रशासन की तरफ से उनकी मांग को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी जा रही है और न ही विपक्ष जो भी कह रहा है उसे सुना जा रहा है। पुलिस के पास दंगों से बचने के लिए जरूरी हथियार थे और साथ ही लगातार आंसू गैस फायर की जा रही थी। प्रदर्शनकारियों को पुलिस के प्रवक्ता की ओर से चेतावनी दी गई थी कि अगर उन्होंने बिल्डिंग को नहीं छोड़ा तो फिर उन्हें जरूरी बल का प्रयोग करना पड़ सकता है। पुलिस की तरफ से जो एक्शन लिया गया, उसमें किसी के भी घायल होने की कोई भी खबर नहीं है। साथ ही अभी तक किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है।
क्या है विरोध प्रदर्शन की वजह
एक जुलाई को हांगकांट में छुट्टी रहती है। हांगकांग की जनता इस बात को लेकर खासी नाराज है कि उनकी नेता कैरी लाम उनकी मांगों को अनसुना कर रही हैं। यहां पर पिछले कुछ दिनों से करीब दो मिलियन लोग एक बिल का विरोध कर रहे हैं। इस विवादित एक्स्ट्राडिशन बिल के तहत हांगकांग से लोगों को चीन प्रत्यर्पित करने में सुविधा हो जाएगी। हांगकांग की नेता कैरी लाम ने जनता से बिल के लिए जनता से माफी मांगी है। प्रदर्शनकारियों को डर है कि इस बिल के बाद चीन का प्रभाव हांग कांग पर बढ़ जाएगा। प्रदर्शनकारी लगातार लाम से उनके इस्तीफे की मांग पर अड़े हैं। इसके अलावा उनका कहना है कि न सिर्फ इस बिल को सस्पेंड किया जाए बल्कि इसे खत्म किया जाए।