जर्मन खुफ़िया विभाग में काम करती थी हिटलर के सहयोगी की बेटी
जर्मनी की नाज़ी पार्टी के वरिष्ठ नेता हेनरिक हिम्मलर की बेटी को 1960 में पश्चिमी जर्मनी की विदेश खुफ़िया एजेंसी (बीएनडी) में नौकरी पर रखा गया था. इस बात की पुष्टि खुद जर्मनी के अधिकारियों ने की है.
हेनरिक हिम्मलर की बेटी का नाम गुडरुन बुरविट्ज था. 88 साल की उम्र में उनकी मौत के बाद जर्मन समाचार पत्र बिल्ड ने इस बारे में सबसे पहले जानकारी दी कि गुडरुन जर्मनी की विदेश खुफ़िया एजेंसी में काम करती थीं.
जर्मनी की नाज़ी पार्टी के वरिष्ठ नेता हेनरिक हिम्मलर की बेटी को 1960 में पश्चिमी जर्मनी की विदेश खुफ़िया एजेंसी (बीएनडी) में नौकरी पर रखा गया था. इस बात की पुष्टि खुद जर्मनी के अधिकारियों ने की है.
हेनरिक हिम्मलर की बेटी का नाम गुडरुन बुरविट्ज था. 88 साल की उम्र में उनकी मौत के बाद जर्मन समाचार पत्र बिल्ड ने इस बारे में सबसे पहले जानकारी दी कि गुडरुन जर्मनी की विदेश खुफ़िया एजेंसी में काम करती थीं.
गुडरुन के पिता हेनरिक जर्मन तानाशाह हिटलर के बेहद अहम सहयोगी थे और जर्मनी में हुए नरसंहार के मुख्य रणनीतिकार भी थे. उन्होंने साल 1945 में पुलिस हिरासत में रहते हुए आत्महत्या कर ली थी.
जब दूसरा विश्व युद्ध समाप्त हुआ तब गुडरुन एक किशोर बालिका थीं.
पिछले महीने म्यूनिख में उनकी मौत हो गई, इसके बाद शुक्रवार को जर्मन अख़बार बिल्ड ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि गुडरुन बीएनडी में शामिल थीं.
खुफ़िया एजेंसी के इतिहास विभाग के प्रमुख बोडो हेचेलहैमर ने इस रिपोर्ट में गुडरुन के बारे में अधिक जानकारी दी है. उन्होंने बताया है कि पश्चिम जर्मनी में गुडरुन की कोशिशों के चलते ही साल 1990 में पूर्वी जर्मनी और पश्चिमी जर्मनी के विलय में मदद मिली थी.
बोडो हेचेलहैमर ने बताया, ''बीएनडी इस बात की पुष्टि करता है कि गुडरुन बुरविट्ज एक गुप्त नाम के साथ 1963 तक कुछ सालों के लिए बीएनडी की सदस्य रही थीं.''
उन्होंने म्यूनिख़ के पास पुलाख में बीएनडी मुख्यालय में सचिव के पद पर 1961 से 1963 तक काम किया था.
उस समय यह संस्था एक पूर्वी नाज़ी मिलिट्री खुफ़िया कमांडर रीनहर्ड गेह्लन के नियंत्रण में थी, जिन्होंने साल 1968 में बीएनडी छोड़ा.
हेचेलहैमन ने कहा कि वैसे तो उनकी संस्था वर्तमान या पूर्व कर्मचारियों के बारे में अधिक जानकारी नहीं देती ना ही चर्चा करती है लेकिन गुडरुन की मृत्यु हो जाने के बाद उनके बारे में यह जानकारियां साझा करने की छूट दी जा रही है.
जर्मनी में बीएनडी जैसी कुछ संस्थाओं को इस बात का सामना करना पड़ता है कि विश्व युद्ध के बाद के सालों में उनके नाज़ियों के साथ रहे संबंधों को किस तरह संबोधित करें.
गुडरुन पूरी ज़िंदगी दक्षिणपंथी राजनीति में सक्रिय रहीं. वे नाज़ियों के कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए भी जानी जाती थीं.
हेनरिक हिम्मलर एडोल्फ हिटलर के बेहद करीबी थे. वे एसएस(सुट्जस्टाफ़ल) ग्रुप के कमांडर थे. इस ग्रुप ने विश्वयुद्ध के दौरान यहूदियों पर हुए अत्याचारों में अहम भूमिका निभाई थी.