पाकिस्तान के कराची शहर का रणछोड़ लेन और नवरात्र का त्योहार मनाते हिंदू
पाकिस्तान में गुजराती हिंदुओं का समुदाय रहता है. इनमें से क़रीब 1,500 लोग नारायणपुरा में रहते हैं जो कराची के रणछोर लेन में है.
नौ दिन चलने वाली पूजा, पंडालों में लगती भीड़, माँ दुर्गा की प्रतिमाएं और डांडिया करते लोग.
नवरात्रि के दौरान भारत के कई इलाक़ों में यह सब आम है, लेकिन ऐसा सिर्फ़ भारत में नहीं होता, दुनिया के कई देश जहाँ हिन्दू आबादी रहती है, वहाँ भी नवरात्रि का त्योहार इसी धूमधाम से मनाया जाता है, पाकिस्तान के कुछ इलाक़ों में भी.
कराची के रणछोड़ लेन में रहने वाली शारदा कहती हैं कि वे पिछले कई दिनों से नवरात्रि की तैयारियों में जुटी थीं.
बीबीसी से बात करते हुए उन्होंने कहा, "हम व्रत रखते हैं, पूजा करते हैं और अपने घरों को सजाते हैं."
"नवरात्रि का पर्व हमारे लिए बहुत अहम है. हम नौ दिन गरबा और डांडिया खेलते हैं, दसवें दिन हम मूर्ति का विसर्जन करने जाते हैं."
"नवरात्रि के बाद हम दिवाली की तैयारियाँ करते हैं. नौ दिन तक हम पूरी तरह त्योहार के रंग में डूबे रहते हैं. नए-नए कपड़े पहनते हैं और भगवान की पूजा करते हैं. हम मंदिर भी जाते हैं और इससे हमें काफ़ी अच्छा महसूस होता है."
पाकिस्तान में गुजराती हिंदुओं का समुदाय
पाकिस्तान में गुजराती हिंदुओं का समुदाय रहता है. इनमें से क़रीब 1,500 लोग नारायणपुरा में रहते हैं जो कराची के रणछोड़ लेन इलाक़े में है.
यहीं रहने वालीं शकुंतला कहती हैं, "ये दस दिनों का प्रोग्राम है, हम व्रत रखते हैं और शाम को डांडिया खेलते हैं. ये पर्व साल में एक बार आता है, हम हर दिन साड़ी पहनते हैं और माता के मंदिर जाते हैं."
भारत भी आना चाहते हैं श्रद्धालु
पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू श्रद्धालु भारत जाकर वहाँ के तीर्थ स्थलों के दर्शन भी करना चाहते हैं.
यहाँ रहने वाली कमला चमन कहती हैं, "मेरे दिल में भारत जाने की बहुत इच्छा है, पर शायद ये माता की मर्ज़ी नहीं है. ऐसा लगता है कि भगवान की तरफ़ से आदेश नहीं आया है."
"मैंने पासपोर्ट भी बनवाया लेकिन उसकी अवधि ख़त्म हो गई और मैं भारत नहीं जा पाई. मैं पैदा होने से लेकर आज तक भारत नहीं जा पाई हूँ. अगर माता ने मेरी प्रार्थना स्वीकार की, तो मैं भारत ज़रूर जाऊंगी."
पाकिस्तान में कोरोना वायरस के मामले भारत की तुलना में बहुत कम हैं.
महामारी जब चरम पर थी, तब भी सभी समुदाय अपने धार्मिक त्योहार मना रहे थे.
इसलिए कोरोना वायरस के ख़तरे के बावजूद, कराची में नवरात्रि का रंग फीका नहीं पड़ा. यहाँ तक कि लोग बिना मास्क, सैनिटाइज़र और सामाजिक दूरी के त्योहार का आनंद लेते देखे गए.
भारत में एहतियात के साथ मनाया जा रहा त्योहार
कोरोना महामारी के कारण भारत में नवरात्री का त्योहार एहतियात के साथ मनाया जा रहा है.
अलग-अलग राज्यों में पंडाल में आने वाले लोगों के लिए कई नियम तय किये गए है.
एक बार में तय संख्या से अधिक लोगों को पंडाल में जाने की अनुमति नहीं दी गई है.
हर जगह सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना से जुड़े दूसरे प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य है.
बंगाल में कलकत्ता हाई कोर्ट ने सोमवार को एक जनहित याचिका पर अपने फ़ैसले में कोरोना के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए तमाम पूजा पंडालों को आम लोगों के लिए नो इंट्री ज़ोन घोषित कर दिया.
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पंडालों में सिर्फ़ आयोजक ही जा सकेंगे. छोटे पंडालों में उनकी संख्या 15 और बड़े पंडालों में 25 तक ही सीमित रहेगी.
अदालत ने सुरक्षा प्रोटोकॉल के उल्लंघन के लिए राज्य सरकार की खिंचाई भी की है.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी डिजिटल तरीक़े से पूजा पंडालों के उद्घाटन में जुटी हैं.
प्रधानमंत्री मोदी भी वर्चुअल तरीक़े से कुछ दुर्गा पूजाओं में शामिल हुए.