
भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा बर्दाश्त नहीं, US की मुस्लिम सांसद के खिलाफ उतरे अमेरिकी हिंदू संगठन
वाशिंगटन, 25 जूनः पाकिस्तान समर्थक अमेरिकी सांसद इल्हान उमर के हिन्दुओं से डर वाले प्रस्ताव पर अमेरिकी संसद में खूब प्रौपगैंडा का खेल हो रहा है। इस बीच अमेरिका की एक हिंदू निकाय ने संसद से अनुरोध किया है कि सांसद इल्हान उमर द्वारा पेश हिन्दूफोबिक प्रस्ताव को खारिज किया जाए। निकाय का कहना है कि इल्हान उमर का यह प्रस्ताव बिना किसी आधार के भारत के मानवाधिकार रिकॉर्ड की अनुचित और बेइमानीपूर्वक निंदा करता है।
तस्वीर- एएनआई

USCIRF की सिफारिश पर कार्रवाई की मांग
बता दें कि इल्हान उमर ने अपने प्रस्ताव में अमेरिकी सरकार से अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग की सिफारिशों पर कार्रवाई करने की मांग की गई है। इसके साथ ही अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता कानून के तहत भारत को विशेष चिंता वाले देशों की कैटेगरी में रखने का अनुरोध किया है। हालांकि USCIRF की सिफारिशें अमेरिकी सरकार के विदेश विभाग के लिए बाध्यकारी नहीं हैं। कई उदाहरण हैं जब अमेरिकी प्रशासन ने ऐसी सिफारिशों की अनदेखी की है।

हिंदू संगठन ने जताई निराशा
हिंदूपैक्ट के कार्यकारी निदेशक उत्सव चक्रवर्ती ने कहा, "सदन के प्रस्ताव 1196 के साथ, महिला सांसद इल्हान उमर स्पष्ट रूप से जमात-ए-इस्लामी और मुस्लिम ब्रदरहुड से जुड़े समूहों की बात कर रही हैं। एक निर्वाचित प्रतिनिधि, जिसने अमेरिका के संविधान के प्रति वफादारी की शपथ ली है, के द्वारा ऐसा किये जाते देखना बेहद दुखद है।" हिंदूपैक्ट के उत्सव चक्रवर्ती ने कहा कि उमर मिनेसोटा की राजनीतिक रूप से एक विवादास्पद डेमोक्रेटिक महिला सांसद हैं, जिन्हें अतीत में उनकी यहूदी विरोधी टिप्पणियों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा झेलनी पड़ी थी।

अप्रैल में किया पीओके का दौरा
उत्सव चक्रवर्ती ने कहा कि यह पहली बार नहीं है और न ही यह आखिरी बार होगा। वह पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों का प्रदर्शन करते हुए अपने हिंदू विरोधी और भारत विरोधी पूर्वाग्रह दिखाती रहती हैं। अप्रैल में उमर ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ फोटो खिंचवाने के बाद पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर का दौरा किया था। हालांकि इस यात्रा के मकसद, प्रकृति और इसके वित्त पोषण का अभी तक पता नहीं चल पाया है। उत्सव चक्रवर्ती ने कहा कि उसी महीने अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर संयुक्त राज्य आयोग ने एक पक्षपातपूर्ण रिपोर्ट जारी की। उसने कहा कि उमर ने अपने दुर्भावनापूर्ण प्रस्ताव में इस पक्षपातपूर्ण रिपोर्ट का व्यापक संदर्भ दिया है।

भारत ने की निंदा
भारत ने उमर की पीओके यात्रा की निंदा करते हुए कहा था कि इस क्षेत्र की उनकी यात्रा ने देश की संप्रभुता का उल्लंघन किया है और यह उनकी 'संकीर्ण मानसिकता' वाली राजनीति को दर्शाता है। वहीं, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था, '' अगर कोई अपने देश में ऐसी संकीर्ण मानसिकता वाली राजनीति करता है, तो उससे हमें कोई मतलब नहीं है। किन्तु अगर कोई इस क्रम में हमारी क्षेत्रीय अखंडता एवं संप्रभुता का उल्लंघन होता है, यह हमसे जुड़ा मामला बन जाता है। यह यात्रा निंदनीय है।''

प्रस्ताव का इरादा भयावह
वर्ल्ड हिंदू काउंसिल ऑफ अमेरिका के अध्यक्ष और हिंदूपैक्ट के संयोजक अजय शाह ने कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप में भू-राजनीतिक हलचल पर सामान्य नजर रखने वाला व्यक्ति भी कहेगा कि इस प्रस्ताव के बहुत गहरे और भयावह इरादे हैं। उन्होंने कहा कि उमर ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री, इमरान खान के अमेरिकी-नफरत वाले पाकिस्तानी शासन से अपना वैचारिक खुराक लिया है। यह सवाल उठता है कि क्या सांसद उमर को इमरान खान ने कोचिंग दी थी? वर्ल्ड हिंदू काउंसिल ऑफ अमेरिका ने कहा है कि हम मांग करते हैं कि इल्हान उमर अपना पाकिस्तानी कनेक्शन खत्म करें।

बैंक की राजनीति है मकसद
इससे पहले भारत ने धार्मिक स्वतंत्रता पर हाल ही में अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट में उसके खिलाफ आलोचना को खारिज करते हुए कहा था कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों में "वोट बैंक की राजनीति" का इस्तेमाल किया जा रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने कहा, "स्वाभाविक रूप से बहुलवादी समाज के रूप में, भारत धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों को महत्व देता है। अमेरिका के साथ हमारी चर्चा में, हमने नस्लीय और जातीय रूप से प्रेरित हमलों, घृणा अपराधों और बंदूक हिंसा सहित वहां चिंता के मुद्दों को नियमित रूप से उजागर किया है।"
विश्व
के
100
सर्वश्रेष्ठ
Airports
में
भारत
के
चार
हवाई
अड्डे
शामिल,
पहले
नंबर
पर
है
इसका
नाम