चीन में शीर्ष बौद्ध भिक्षु पर लगे यौन शोषण के आरोप, मीटू कैंपने में आया था नाम
बीजिंग। चीन में उच्च दर्जा प्राप्त एक बौद्ध भिक्षु(मॉन्क) पर यौन शोषण के आरोप लगे है। चीन की सरकारी एजेंसियों बौद्ध भिक्षु के खिलाफ जांच कर रही हैं। ये जांच मीटू कैंपने के द्वारा एक नन द्वारा भिक्षु पर लगाए आरोपों के बाद की जा रही है। लॉन्गक्वान मठ के भिक्षु शि जेचेंग ने मठ की ही दो महिला भिक्षुओं का उत्पीड़न किया था और उनसे सेक्सुल फेवर की मांग की थी। यह जानकारी इस मामले की जांच कर रहे आरोपी बौद्ध साधु के दो साथियों ने 95 पेज की अपनी रिपोर्ट में बीजिंग सरकार को दी है।
कथित पीड़ितों की गवाही और बयान में इस हफ्ते सोशल मीडिया पर लीक हो गए थे। जिससे राज्य मीडिया द्वारा सेंसर किए जाने तक मीडिया काफी बड़े तौर पर कवरेज की थी। चीन के धार्मिक मामलों के प्रशासन ने गुरुवार को कहा कि, इन आरोपों की जांच की जा रही है। वहीं भिक्षु शि जेचेंग और मठ प्रशासन ने इन आरोपों को गलत बताया है। इन आरोपों में बौद्ध सन्यासी के उपर गबन के भी आरोप लगाए गए हैं।
वहीं जब मीडिया ने मठ को फोन किया तो मठ के एक स्वंयसेवक ने कहा कि, उसे नहीं पता है कि भिक्षु शि जेचेंग अभी भी मठ के महंत है या नहीं। जेचेंग चीन के बौद्ध संघ के प्रमुख हैं और केंद्र सरकार के लिए एक राजनीतिक सलाहकार निकाय के तौर पर कार्य करते हैं। चीन में किसी उच्च पद के धार्मिक व्यक्ति का मीटू कैंपने में नाम आना सरकार के लिए शर्मसार करने देने वाली घटना है। बता दें कि इस कैंपने के चलते कई नामी गिरामी लोगों के लोग यौन शोषण के मामले में सामने आए थे। जिन्हे सरकारी कार्रवाई का सामना करना पड़ा था।
51 वर्षीय जेचेंग चीन में एक प्रसिद्ध धार्मिक व्यक्ति है। उनकी कई किताबे छप चुकी हैं। कई पत्र-पत्रिकाओं के उनके रोजाना लेख छपते हैं। यहीं नहीं सोशल मीडिया पर उनकी काफी बड़ी फैन फॉलोइंग है। चीन में लगभग 250 मिलियन लोग बौद्ध धर्म के अनुयायी है। ऐसे में किसी बड़े बौद्ध भिक्षु पर ऐसे आरोप लगना एक बड़ा शर्मनाक माना जा रहा है।
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