चीन ने UN की रिपोर्ट पर दिया जवाब-शिनजियांग में मुसलमानों पर सख्ती जरूरी, नहीं तो बनेगा एक और सीरिया
चीन की मीडिया ने यूनाइटेड नेशंस (यूएन) की शिनजियांग प्रांत पर आई रिपोर्ट पर जवाब दिया है। चीनी मीडिया का कहना है कि इस प्रांत में सुरक्षाबलों की कड़ी मौजूदगी ने ही इसे सीरिया और लीबिया बनने से रोका हुआ है। चीन की सरकारी मीडिया की ओर से आई यह पहली प्रतिक्रिया है।
बीजिंग। चीन की मीडिया ने यूनाइटेड नेशंस (यूएन) की शिनजियांग प्रांत पर आई रिपोर्ट पर जवाब दिया है। चीनी मीडिया का कहना है कि इस प्रांत में सुरक्षाबलों की कड़ी मौजूदगी ने ही इसे सीरिया और लीबिया बनने से रोका हुआ है। चीन की सरकारी मीडिया की ओर से आई यह पहली प्रतिक्रिया है। आपको बता दें कि यूएन की शुक्रवार को आई रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन का यह प्रांत यहां पर मुसलमान उइगर समुदाय के लिए एक बड़े नजरबंदी कैंप में तब्दील हो गया है। रिपोर्ट में लिखा था कि चीन ने शिनजियांग उइगर ऑटोनॉमस रीजन को एक 'नो-राइट्स जोन,' में बदल दिया है और उइगर के लिए यह किसी नजरबंदी कैंप के तौर पर होकर रहा गया है। रिपोर्ट इस समुदाय के गायब होते लोगों पर भी चिंता जताई गई थी।
लगातार चीन में हो रहे आतंकी हमले
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने एक आर्टिकल में इस सुरक्षा व्यवस्था का बचाव किया है। ग्लोबल टाइम्स ने हालांकि इस प्रांत में सरकार की ओर से चलाए जा रहे रि-एजुकेशन कैंप्स पर कुछ नहीं लिखा है। ग्लोबल टाइम्स ने अपने एडीटोरियल में लिखा है, 'पिछले कुछ वर्षों में शिनजियांग ने हिंसक आतंकी हमलों को झेला है। चरमपंथी विचारों के जरिए युवाओं का ब्रेनवाश किया जा रहा है और आतंकी संगठन उन्हें अपने तरीकों से प्रयोग कर रहे हैं। शिनजियांग में आतंकी हमलों के अलावा इन आतंकियों ने प्रांतों के अंदर तक अपनी पैठ बना ली है और बीजिंग के तियानमेन स्क्वॉयर और कुमिंग रेलवे स्टेशनों पर भी हमले करने शुरू कर दिए हैं।' इस एडीटोरियल में आगे लिखा है, 'शिनजियांग में सुरक्षा हालातों को पिछले कुछ वर्षों में बढ़ाया गया है और आतंकी खतरें जो यहां से निकलकर चीन के दूसरे प्रांतों तक पहुंच गए थे उन्हें भी अब खत्म किया जा रहा है। इन प्रयासों के जरिए शिनजियांग में शांति और स्थिरता का माहौल फिर से कायम हो सका है।'
सुरक्षा की वजह से ही टला एक बड़ा संघर्ष
ग्लोबल टाइम्स ने शिनजियांग के हालातों को उपलब्धि करार दिया है। अखबार ने लिखा है कि शिनजियांग को एक बड़े संघर्ष से बचाया जा सका है। इसे चीन का सीरिया या फिर लीबिया बनने से रोका गया है। शिनजियांग कानून के तहत और नस्ली एकता के तहत काम कर रहा है। अखबार की मानें तो शिनजियांग में वर्तमान हालत यहां पर कड़ी सुरक्षा और नियमों का ही नतीजा हैं। पुलिस और सुरक्षा बलों की पोस्ट को अब हर जगह देखा जा सकता है। लेकिन साथ ही अखबार ने इसे एक ऐसा दौर करार दिया है जब यहां पर शांति और स्थिरता को फिर से कायम करके सामान्य प्रशासन को बहाल किया जा सकता है। अखबार की मानें तो शिनजियांग से किसी भी तरह के संघर्ष को दूर रखना ही महान मानवाधिकार होगा।
यूएन ने शिनजियांग पर जताई चिंता
शुक्रवार को यूएन की मानवाधिकार से जुड़ी हुई एक मीटिंग में इस प्रांत से जुड़ी चिंताओं को रिपोर्ट के जरिए सामने लाया गया। यूएन के पैनल की ओर से कहा गया कि यहां पर हजारों उइगर मुसलमानों को रि-एजुकेशन कैंप में यह कहकर भेजा जा चुका है कि यह धार्मिक अतिवाद के खिलाफ एक लड़ाई है। चीन का कहना है कि यह क्षेत्र लगातार धार्मिक चरमपंथ का खतरा झेलने को मजबूर है और यहां पर विदेशों में ट्रेनिंग हासिल किए हुए आतंकी मौजूद हैं। ये आतंकी स्थानीय उइगरों को हमलों की साजिश करने और इन्हें अंजाम देने के लिए उकसा रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में शिनजियांग में सरकारी ऑफिसों और पुलिस स्टेशनों पर हुए हमलों में सैंकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। चीन ने प्रतिक्रिया स्वरूप यहां पर सुरक्षा व्यवस्था को काफी कड़ा कर दिया है। यहां पर 22 मिलियन आबादी है और इतने लोग रोजाना 24 घंटे सुरक्षा के साए में रहते हैं। मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि यह कदम उइगर मुसलमानों के खिलाफ उठाया गया है।