'कुर्बानी के लिए बकरा आया या नहीं,' सऊदी अधिकारियों ने खाशोगी की हत्या से पहले किया सवाल
न्यूयॉर्क। अमेरिकी जर्नलिस्ट जमाल खाशोगी की मौत का मामला फिर से सिर उठा रहा है। यूनाइटेड नेशंस (यूएन) की एक नई रिपोर्ट के बाद मामले में नया मोड़ आ गया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक इस बात के विश्वसनीय सुबूत मिले हैं कि खाशोगी की हत्या में सऊदी अरब के राजकुमार मोहम्मद बिन सलमान यानी एमबीएस शामिल थे। यूएन ने जिस रिकॉर्डिंग का हवाला दिया है उसे जानने के बाद इस मर्डर को याद करके आपकी रुंह कांप जाएगी। सऊदी अरब के विदेश मंत्री अब्देल अल-जुबैर ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि रिपोर्ट में कुछ भी नया नहीं है। जुबैर ने ट्वीट कर रिपोर्ट में मौजूद तथ्यों को तथ्यहीन करार दिया।
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'क्या धड़ को बैग में रखा जा सकता है'
यूएन की यह रिपोर्ट बुधवार को जारी हुई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक पिछले वर्ष अक्टूबर में जब खाशोगी की हत्या हुई, उससे पहले उनके संदिग्ध हत्यारे टर्की के इस्तानबुल में स्थित सऊदी कांसुलेट में उनका इंतजार कर रहे थे। रिपोर्ट में सऊदी इंटेलीजेंस ऑफिसर माहेर मतरेब का जिक्र है। रिपोर्ट की मानें तो माहेर ने पूछा था, 'क्या धड़ को बैग में रखना संभव होगा?' मतरेब, एमबीएस के सीनियर एडवाइजर रह चुके हैं। मतरेब के सवाल पर सलाह अल-तुबागे ने जवाब दिया, 'नहीं, यह बहुत भारी होगा।' तुबागे गृह मंत्रालय के साथ बतौर फॉरेंसिक डॉक्टर काम करते हैं। माना जा रहा है कि तुबागे ने ही खाशोगी के शरीर के टुकड़े किए और शव को ठिकाने लगाया। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि उनके काम को आसान किया जाएगा।
'पहली बार जमीन पर रखकर शरीर काटा है'
तुबागे ने इसके बाद आगे कहा, 'ज्वॉइन्ट्स को अलग कर दिया जाएगा, यह कोई समस्या नहीं है। शरीर भारी है पहले बार मैंने जमीन पर रखकर काटा है। अगर हम प्लास्टिक के बैग्स लेते हैं और इसे टुकड़ों में करते हैं, तो यह खत्म हो जाएगा। इसके बाद हम इसे लपेट लेंगे।' मरतेब के अलावा 10 और लोगों पर सऊदी अरब में इस केस का ट्रायल चलाया गया था। यूउन की रिपोर्ट में कहा गया है कि खाशोगी की हत्या जानबूझकर की गई। अमेरिकी इंटेलीजेंस एजेंसी और कुछ पश्चिमी देशों का मानना है कि एमबीएस ने ही खाशोगी की हत्या के आदेश दिए थे।
बेटे को मैसेज भेजने के लिए कहा
एक जगह पर जहां तुबागे के साथ मरतेब बात कर रहे हैं, वहां वह उनसे पूछते हैं, 'क्या कुर्बानी वाला बकरा आ गया है।' इस समय कहीं पर भी खाशोगी का नाम नहीं लिया गया है लेकिन दो मिनट बाद ही वह कांसुलेट में दाखिल होते हैं। कांसुलेट की दूसरी मंजिल पर खाशोगी, मतरेब से मिलते हैं। एक जगह पर मतरेब, खाशोगी से कहते हैं कि वह अपने बेटे को मोबाइल से टेक्स्ट मैसेज भेजें। इस पर खाशोगी जवाब देते हैं, 'मुझे क्या कहना चाहिए? मैं तुमसे जल्दी मिलूंगा? मैं यह नहीं कह सकता कि अपहरण हो चुका है।' इस पर मतरेब उनसे जैकेट उतारने को कहते हैं। खाशोगी कहते हैं कि एक दूतावास में यह सब कैसे हो सकता है। खाशोगी जवाब देते हैं, 'मैं कुछ भी नहीं लिखूंगा।'
बाकी की रिकॉर्डिंग में सिर्फ आवाजें
मतरेब उनसे कहते हैं, 'जल्दी से टाइप करिए मिस्टर जमाल। हमारी मदद करिए ताकि हम आपकी मदद कर सकें क्योंकि अंत में हम ही आपको सऊदी अरब लेकर जाएंगे और अगर आपने हमारी मदद नहीं की तो फिर आपको पता है अंत में क्या होगा। इसलिए इस मुद्दे को छोड़कर कोई और मुद्दा देखिए।'यूएन की रिपोर्ट में कहा गया है कि बाकी की रिकॉर्डिंग में सिर्फ आवाज ही है जिसमें सांस फूलने और प्लास्टिक शीट्स को लपेटने की आवाजें हैं। टर्की की इंटेलीजेंस एजेंसियों की मानें तो खाशोगी की हत्या के बाद सऊदी अधिकारियों ने उनके शरीर के टुकड़े कर दिए।