ICJ में जाधव का केस लड़ने के लिए साल्वे ने लिया सिर्फ एक रुपया, पाक के वकील ने ली इतनी फीस
हेग। बुधवार को नीदरलैंड्स की राजधानी हेग स्थित इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) से भारत के लिए एक बड़ी जीत की खबर आई। आईसीजे ने पाकिस्तान की मिलिट्री कोर्ट की तरफ से कुलभूषण जाधव को सुनाई गई मौत की सजा पर रोक लगा दी है। भारत की तरफ से जाने-माने वकील हरीश साल्वे ने जाधव के केस को लड़ा था। साल्वे ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए पाकिस्तान के हर तर्क की धज्जियां उड़ा दीं। इसका नतीजा था कि जाधव के मसले पर पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी। साल्वे ने इस पूरे मामले को लड़ने के के लिए सिर्फ एक रुपए बतौर फीस चार्ज किए थे।
सुषमा ने खुद बताई थी फीस
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने खुद मई 2017 में इस बात का खुलासा किया था। स्वराज ने इस बात खुलासा उस समय किया जब एक यूजर ने ट्विटर पर साल्वे के केस लड़ने पर तंज कसा था। संजीव गोयल नामक एक यूजर ने लिखा था कि भारत, एक ऐसा वकील हायर कर सकता था जो साल्वे से कम फीस चार्ज करे। इस पर सुषमा ने जवाब दिया था कि यह बात सही नहीं और साल्वे ने इस केस के लिए बस एक रुपए फीस ही ली है। साल्वे, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में सॉलिसिटर जनरल रह चुके हैं। साफ है कि साल्वे के एक रुपए ने जाधव की जान बचा ली।
एक दिन की फीस 30 लाख रुपए
साल्वे ने आईसीजे में कहा था कि पाकिस्तान ने जाधव को मौत की सजा सुनाकर उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन किया है। साल्वे, देश के एक ऐसे वकील हैं जिन्होंने मुलायम सिंह यादव से लेकर प्रकाश सिंह बादल और मुकेश अंबानी जैसे हाई-प्रोफाइल केस लड़े हैं। साल्वे यूं तो अपने क्षेत्र के मशहूर व्यक्ति हैं लेकिन उनका नाम पहली बार देश की आम जनता ने उस समय सुना जब मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी के बीच जारी एक विवाद में उन्हें जीत हासिल हुई। साल्वे उस समय अपनी फीस की वजह से ही चर्चा में आए थे। साल्वे एक दिन के 30 लाख रुपए बतौर फीस चार्ज करते हैं।
पाकिस्तान के वकील कुरैशी
पाकिस्तान की तरफ से बैरिस्टर खावर कुरैशी ने आईसीजे में पाकिस्तान का पक्ष रखा था। बैरिस्टर कुरैशी ने इस पूरे केस के लिए करीब सात करोड़ रुपए लिए थे। वर्ष 1993 में वह आईसीजे में पेश होने वाले सबसे कम उम्र के वकील थे। उस समय वह बोस्निया के लिए युगोस्लाविया के खिलाफ जनसंहार का केस लड़ रहे थे। वर्ष 2014 में चैंबर्स एंड पाटर्नर्स की ओर से कहा था कि कुरैशी हमेशा अपना सर्वोत्तम देते हैं और हर मुश्किल केस में भी उन्हें जीत मिलती है। वह काफी अच्छी टीम का हिस्सा हैं और आज के दौर में जिस तरह के बैरिस्टर होने चाहिए कुरैशी बिल्कुल वैसे ही हैं।