कानपुर का रहने वाला और सिख दंगों के शिकार हुए पिता का बेटा ट्रंप की सुरक्षा में तैनात
नई दिल्ली। भारत के कानपुर मूल के रहने वाले एक जवान को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा गार्ड के रूप में तैनात किया गया है। ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा के लिए भारतीय मूल के शख्स को अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। कानपुर के एक सिख बेटे अंशदीप सिंह भाटिया का परिवार इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में सिख विरोधी दंगों का दंश झेल चुका है। अमेरिकी प्रशासन द्वारा भाटिया को यह अहम जिम्मेदारी सौंपने के बाद अमेरिका में सिख समुदाय के लोग बहुत खुश हुए हैं।
परिवार ने झेला था 84 का नरसंहार
तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश भर में पनपे सिख विरोधी हिंसा में सरदार अमरीक सिंह कमल का परिवार भी इसका शिकार हो गया था। दंगाइयों ने निर्ममता से अमरिक के छोटे बेटे को मार दिया था, वहीं बड़े बेटे को तीन गोलियां लगी थी। दंगों से हताश होकर अमरिक अपने परिवार को लेकर लुधियाना चले गये, जहां देवेंद्र सिंह की शादी हुई। अंशदीप सिंह भाटिया सिख दंगों का शिकार हो चुके देवेंद्र सिंह का बेटा है, जिनका जन्म 2000 में हुआ था। लुधियाना में कुछ साल रहने के बाद पूरा परिवार अमेरिका शिफ्ट हो गया।
अंशदीप का जुनून...
अमेरिका पहुंचने के बाद अंशदीप ने अमेरिकी राष्ट्रपति का सुरक्षा गार्ड बनने की ठानी। हालांकि, राष्ट्रपति के सुरक्षा गार्डों में शामिल होने के लिए सामान्य वेशभूषा ही होने से लेकर सिख समुदाय से ताल्लुक होने तक उन्हें कई समस्याएं आईं। लेकिन, अपने जुनून को पूरा करने की चाहत में अंशदीप ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और उन्हें कामयाबी मिली।
अंशदीप की कामयाबी से हर कोई खुश
अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा में तैनात होने से पहले अंशदीप ने एयरपोर्ट पर सिक्योरिटी गार्ड से लेकर कई नौकरियां की। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा में होने वाली ट्रेनिंग में अंशदीप ने भाग लिया था। उन्हें इसी सप्ताह एक समारोह में अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा के तैनात गार्ड दस्ते में शामिल कर लिया गया। अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा में तैनात अंशदीप की इस कामयाबी से हर कोई गर्व महसूस कर रहा है।
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