जानिए कौन हैं ग्रेटा थनबर्ग ( Greta Thunberg ) जिन्होंने दांत पीसते हुए दुनियाभर के नेताओं को कहा, हम आपको माफ नहीं करेंगे
नई दिल्ली। स्वीडन की 16 साल की ग्रेटा थनबर्ग ने पर्यावरण संरक्षण के मुद्दे पर दुनिया के 197 देशों के प्रतिनिधियों को बोलती बंद कर दी। उनके भाषण में गुस्सा था तो संवेदना भी थी। अपने ऐतिहासिक भाषण की वजह से ग्रेटा थनबर्ग पूरी दुनिया में छा गयीं हैं। लोग उनके साहस, बुद्धिमानी और योग्यता की तारीफ कर रहे हैं। छोटी होने के बावजूद ग्रेटा थनबर्ग पिछले कुछ समय से ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ जोरदार अभियान छेड़े हुए हैं। इस साल मई में टाइम मैगजीन ने कवर पर उनकी तस्वीर प्रकाशित की थी जिसका शीर्षक था- नेक्स्ट जेनेरेशन लीडर । दूसरों को नसीहत देने के पहले थनबर्ग ने पर्यावरण संरक्षण की शुरुआत अपने घर से की। उन्होंने माता-पिता और खुद की दिनचर्चा में इस तरह बदलाव किया ताकि कम से कम कार्बन का उत्सर्जन हो। धुआं उगलने वाले वाहनों की सवारी छोड़ दी। पूरा परिवार इको फ्रैंडली हो गया। थनबर्ग के माता-पिता ने हवाई यात्रा छोड़ दी। उनकी मां मेलिना इर्नमैन ओपेरा सिंगर हैं। वे अक्सर अपने प्रोग्राम के सिलसिले में हवाई यात्रा करती थीं। लेकिन बेटी के कहने पर हवाई यात्रा छोड़ दी। इतना ही नहीं थनबर्ग ने अपने पूरे परिवार को शाकाहारी बना दिया।
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जब ट्रंप की तरफ दांत पीस देखा थनबर्ग ने
संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में भाषण से पहले जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उनके सामने से गुजर रहे थे तो उन्होंने इस शक्तिशाली नेता के खिलाफ अपने हावभाव से बेहद गुस्से का इजहार किया। ट्रंप को देख कर उनकी भृकुटियां तन गयीं। फिर गुस्से में दांत पीसती हुई वह ट्रंप को देखने लगी। थनबर्ग की यह तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हो गयी है। हालांकि ट्रंप उस वक्त मौजूद नहीं थे जब थनबर्ग ने अपना विस्फोटक भाषण दिया। ट्रंप पर थनबर्ग के गुस्से को समझा जा सकता है। ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में अमेरिका आगे है। फिर भी ट्रंप ने अपने देश को अंतराष्ट्रीय संधि से अलग कर रखा है। ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन से ही धरती का तापमान लगातार बढ़ रहा है। इस सम्मेलन में ट्रंप का आना निर्धारित नहीं था। यह कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र महासभा का एक हिस्सा है। लेकिन ट्रंप यहां अचानक पहुंच गये। वे भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भाषण सुनने के लिए 15 मिनट रुके , फिर चल दिये।
16 साल की लड़की ने पढ़ाया पर्यावरण का पाठ
जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संधि पर 197 देशों ने हस्ताक्षर किये हैं। संयुक्त राष्ट्र के उच्चस्तरीय जलवायु परिवर्तन सम्मेलन स्वीडन की 16 साल की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने अपने जोरदार भाषण से दुनियाभर के नेताओं के हिला दिया। उसने सम्मेलन में मौजूद नेताओं से कहा कि आपने अपने खोखले शब्दों से हमारा बचपन, हमारे सपने छीन लिये। इसके लिए आप लोगों की हिम्मत कैसे हुई। अब युवा समझते हैं कि जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर आप लोग हमसे धोखा कर रहे हैं। इसके बाद भी हम युवाओं की नजरें आप पर टिकी हैं। अगर इस बार भी हमें निराश किया तो हम आपको कभी माफ नहीं करेंगे। हम सभी विलुप्त होने के कगार पर हैं और आप लोग विकास की काल्पनिक बातें कर रहे हैं।
कौन हैं ग्रेटा थनबर्ग ?
ग्रेटा थनबर्ग स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम की रहने वाली हैं। उनकी मां मेलिना इर्नमैन ओपेरा सिंगर हैं जब कि पिता स्वांते थनबर्ग अभिनेता हैं। थनबर्ग ने 2011 में पहली बार क्लाइमेट चेंज के बारे में सुना था। उस समय उनकी उम्र आठ साल थी। फिर वे इस विषय पर अपने माता-पिता से बात करने लगीं। कर्बन उत्सर्जन में कमी लाने की बात उनके मन में बैठती चली गयी। अगस्त 2018 में ग्रेटा का नाम तब सुर्खियों में आया जब वे अपने स्कूल की कक्षा से निकल कर अकेले ही स्वीडन के संसद के सामने पहुंच गयी और जलवायु परिवर्तन से बचाव के लिए सख्त कदम उठाने की मांग करने लगीं।
स्कूल स्ट्राइक फॉर द क्लाइमेट
वे अकेले ही प्रदर्शन कर रही थीं। उनकी हाथ में तख्ती थी जिस पर लिखा था- ट्रांस स्कूल स्ट्राइक फॉर द क्लाइमेट। स्कूल स्ट्राइक फॉर द क्लाइमेट उनका अपना आइडिया था जो काफी हिट रहा। हालांकि स्कूल के शिक्षक के इस बात के लिए राजी नही थे कि कोई विद्यार्थी पढ़ाई छोड़ कर प्रदर्शन में शामिल हो। लेकिन ग्रेटा के इस विरोध प्रदर्शन की देश-विदेश में खूब चर्चा हुई। उसे अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण कार्यकर्ता के रूप में ख्याति मिल गयी। जब ग्रेटा ने यह सब किया तब उनकी उम्र केवल 15 साल थी। इसके बाद ग्रेटा क्लाइमेट चेंज पर अपनी बात रखने के लिए शोध करने लगीं। घंटों मेहनत के बाद वे अपना भाषण तैयार करतीं। जब सभा-सेमिनार में वे बोलतीं तो सुनने वाले दंग रह जाते। जल्द ही उन्होंने अपने आप को एक कुशल वक्ता के रूप में स्थापित कर लिया। सोमवार को न्यूयॉर्क में उन्होंने अपनी ख्याति के अनुरूप ही भाषण दिया।
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