Winter Solstice 2020: 400 साल बाद आज आकाश में दिखेगा दुर्लभ नजारा, बृहस्पति-शनि का होगा अनोखा मिलन
Great Conjunction, Winter Solstice 2020 today: करीब 400 साल बाद आज पूरी दुनिया अनोखी आकाशीय घटना की गवाह बनेगी क्योंकि आज बृहस्पति ( Jupiter) और शनि ( Saturn) ग्रह एक-दूसरे के काफी करीब आएंगे। अगर आप आज इस दुर्लभ नजारे को देखने से वंचित रह जाते हैं तो इसे देखने के लिए आपको 15 मार्च, 2080 का इंतजार करना होगा क्योंकि ये दोनों ग्रह उसी दिन फिर एक-दूसरे के पास आएंगे। इस बारे में जानकारी देते हुए बिड़ला तारामंडल के निदेशक देबी प्रसाद दुआरी ने कहा कि निश्चित तौर पर ये दुर्लभ घटना आज घटित होने वाली है, जिसको लेकर हम सभी बहुत उत्साहित हैं।
अनोखी होगी 'ग्रेट कंजक्शन' की घटना
दुआरी ने कहा कि जब इस तरह से दो ग्रह एक-दूसरे के करीब आते हैं तो इसे वैज्ञानिक भाषा में 'कंजक्शन' कहते हैं। और शनि-बृहस्पति के इस तरह के मिलन को 'ग्रेट कंजक्शन' कहा जा रहा है। ये वैज्ञानिकों के लिए अनोखा पल होगा। अनुमान के मुताबिक 21 दिसंबर को दोनों ग्रहों के बीच की दूरी करीब 73.5 करोड़ किलोमीटर होगी। खास बात ये है कि 21 दिसंबर को ही साल का सबसे छोटा दिन और सबसे लंबी रात भी होती है।
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'विंटर सोलस्टाइस'
इसी दिन दक्षिणी गोलार्ध में सूर्य की धरती से दूरी सबसे ज्यादा होती है। दरअसल पृथ्वी के अपनी धुरी पर घूमने के दौरान साल में एक दिन ऐसा आता है, जब दक्षिणी गोलार्ध में सूर्य की धरती से दूरी सबसे ज्यादा होती है तो उस वक्त दिन और रात पर फर्क पड़ता है, इस दिन को 'विंटर सोलस्टाइस' कहा जाता है। कुछ सालों से इस दिन की तारीखों पर फर्क आ रहा है, कभी ये 21 दिसंबर को होता है तो कभी 22 या 23 को, फिलहाल खगोल वैज्ञानिकों के मुताबिक ये अवधि 20 से 23 दिसंबर के बीच ही होती है।
'पॉजिटिव एनर्जी' का खास दिन
आपको बता दें कि चीन में लोग 21 दिसंबर के दिन को 'पॉजिटिव एनर्जी' का प्रतीक मानते हैं। चीन के अलावा ताइवान में इस दिन को लोग 'ट्रेडिशनल फूड डे' के रूप में मनाते हैं तो वहीं पाकिस्तान के नॉर्थ वेस्टर्न क्षेत्र में रहने वाली जनजाति कलाशा इस दिन 'कैमोस उत्सव' मानती है तो वहीं जर्मनी, फ्रांस और इंग्लैंड के कई क्षेत्रों में 'द फिस्टऑफ जूल फेस्टिवल' मनाया जाता है।
हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है 'बृहस्पति'
आपको बता दें कि बृहस्पति हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है, इसका द्रव्यमान सूर्य के हजारवें भाग के बराबर है। पीले रंग के इस ग्रह को अंग्रेजी में 'ज्यूपिटर' भी कहते हैं। रोमन सभ्यता ने अपने देवता Jupiter के नाम पर इसका नाम रखा था। बृहस्पति ग्रह 90% हाइड्रोजन, 10% हीलियम और कुछ मात्रा में मिथेन, पानी, अमोनिया और चट्टानी कणों से मिलकर बना हुआ है।
सौरमंडल का सबसे आकर्षित ग्रह है 'शनि'
जबकि शनि (Saturn), सूर्य से छठां ग्रह और गुरु के बाद सबसे बड़ा ग्रह है। इसका बाहरी हिस्सा गैस का बना हुआ है। इसे सौरमंडल का सबसे आकर्षित ग्रह कहा जाता है। पृथ्वी से नौ गुना बड़े इस ग्रह को एक गैस दानव कहा भी जाता है । शनि ग्रह पर 1800 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलती हैं जो कि काफी भयानक होती हैं।
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