विदेशों से घातक टैंक और एयरक्राफ्ट खरीदने पर लगेगा प्रतिबंध! निगेटिव लिस्ट में शामिल करने की सरकार की योजना
स्वदेशीकरण को बढ़ावा देते हुए भारत सरकार टैंक और एयरक्राफ्ट इम्पोर्ट को भी निगेटिव लिस्ट में डाल सकती है।
नई दिल्ली: अभी तक विदेशी हथियारों पर निर्भर रहने वाला हिंदुस्तान अब हथियारों के मामले में आत्मनिर्भर होने की तरफ मजबूती से कदम बढ़ा रहा है। अमेरिका, रूस, फ्रांस, इंग्लैंड और जापान से आधुनिक और घातक हथियार खरीदने वाला हमारा देश धीरे धीरे हथियारों के मामले में आत्मनिर्भर होने की तरफ कदम बढ़ा रहा है। भारत के प्रधानमंत्री ने देश को आत्मनिर्भर बनने का मंत्र दिया था और इस मंत्र को भारतीय सेना सबसे पहले आत्मसात कर रही है।
देश में बनेंगे टैंक और एयरक्राफ्ट
भारत सरकार हथियारों के मामले में देश की आत्मनिर्भता बढ़ाने की तरफ एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है। स्वदेशीकरण को बढ़ावा देते हुए भारत सरकार टैंक और एयरक्राफ्ट इम्पोर्ट को भी निगेटिव लिस्ट में डाल सकती है। यानि, बहुत जल्द भारत सरकार टैंक और एयरक्राफ्ट की खरीद बंद कर सकती है। माना जा रहा है कि सेना के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ विपिन रावत टैंक और एयरक्राफ्ट को सेंकेंड निगेटिव लिस्ट में शामिल कर सकते हैं और भविष्य में टैंक और एयरक्राफ्ट की खरीददारी पर बैन लगाया जा सकता है। इंडिया टूडे को टॉप डिफेंस एक्सपर्ट ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि भारतीय सेना के CDS जल्द ही सेना सामानों की खरीद के लिए दूसरी निगेटिव लिस्ट जारी करने वाले हैं जिसमें टैंक और एयरक्राफ्ट को भी शामिल किया जाएगा। इसके लिए सेनाध्यक्ष हथियार बनाने वाली कंपनियों से लगातार बात कर रहे हैं। डोमेस्टिक हथियार इंडस्ट्री से हथियारों की गुणवत्ता, टाइम फ्रेम और तय वक्त में ज्यादा संख्या में टैंक और एयरक्राफ्ट निर्माण को लेकर बातचीत जारी है।
पिछले साल भारत सरकार ने 101 हथियार और हथियारों से जुड़े सामानों के खरीदने पर रोक लगा दी थी। भारत सरकार में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऐलान किया था कि इन सभी 101 उत्पादों का निर्माण अब देश में ही किया जाएगा और धीरे धीरे देश हथियारों के मामले में आत्मनिर्भर होने की तरफ बढ़ेगा। निगेटिव लिस्ट में शामिल किए गये हथियारों में आर्टिलरी गन, असॉल्ट रायफल, सोनार सिस्टम, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और रडार शामिल थे। वहीं सेना की तरफ से दूसरे निगेटिव लिस्ट को भी तैयार किया जा रहा है। दूसरा निगेटिव लिस्ट तैयार करने की जिम्मेदारी डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स को दी गई है जो देश के सीडीएस विपिन रावत के अधीन है।
भारत में बनेगा प्राइवेट डिफेंस सिस्टम
विश्व में सबसे ज्यादा हथियार खरीदने वाले देशों में भारत तीसरे नंबर पर है। हर साल भारत सरकार देश की हिफाजत के लिए 2 लाख करोड़ डिफेंस सिस्टम, मिलिट्री हथियार खरीदने और उनके रखरखाव में खर्च करती है। जिसके बाद भारत की नरेन्द्र मोदी सरकार पिछले साल से भारत को डिफेंस इंडस्ट्री बनाने की दिशा में काम कर रही है और पिछले साल 101 हथियारों को निगेटिव लिस्ट में डाल दिया गया था।
भारत सरकार हथियार बनाने वाली उन कंपनियों को प्रमोट कर रही हैं जिनमें आगे चलकर देश की सैन्य जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होने की क्षमता है। भारत सरकार देश में ही प्राइवेट डिफेंस इंडस्ट्री विकसित करना चाहती है जिसके जरिए देश के लोगो को रोजगार मिल सके। इसके साथ भी भारत सरकार आने वाले वक्त में डिफेंस बजट में भी कटौती करने की दिशा में कदम आगे बढ़ा रही है। भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अपने हालिया बयान में कहा था कि आने वाले 7 सालों में भारत सरकार देश की डिफेंस इंडस्ट्री को 4 लाख करोड़ का डिफेंस ऑर्डर देने वाली है।
NSA अजित डोभाल का चक्रव्यूह और संघर्ष विराम पर राजी पाकिस्तान, इमरान के सहयोगी ने कहा- बहुत दबाव था