गूगल पर लगा साढ़े तीन खरब रुपए का तगड़ा जुर्माना
ब्रसेल्स। यूरोपीय संघ (ईयू) के कंपीटिशन कमिशन ने एंड्रॉयड एंटी ट्रस्ट मामले में गूगल पर 4.3 बिलियन यूरो (साढ़े तीन खरब) का जुर्माना ठोका है। ईयू कमीशन ने अपनी जांच में पाया कि गूगल ने अवैध रूप से एंड्रॉयड स्मार्टफोन कंपनियों और मोबाइल ओपरेटर्स पर प्रतिबंध लगाकर, अपने सर्च इंजन को मजबूत करने का काम किया। गूगल पर भारी जुर्माना लगाते हुए साथ ही ईयू कमिशन ने 90 दिन के भीतर अवैध प्रतिबंधों को हटाने या फिर 5 प्रतिशत अतिरिक्त जुर्माना भरने के लिए कहा है। ईयू कमिशन का आरोप है कि गूगल ने अपने इस कदम से प्रतिस्पर्धियों को नई खोज करने या योग्यता के आधार पर प्रतिस्पर्धा करने का मौका नहीं दिया। वहीं, गूगल ने ईयू कमिशन के इस फैसले को चुनौती देने की बात कही है।
साथ ही कमिशन ने गूगल के उस तर्क को भी सही नहीं ठहराया, जिसमें उन्होंने कहा था कि एंड्रायड डिवाइस का एपल कंपिटेटर था। कमिशन के मुताबिक, आईफोन निर्माता इसकी उच्च कीमतों और उपयोगकर्ताओं के लिए स्विचिंग लागत के कारण पर्याप्त रूप से बाध्य नहीं करता है।
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गूगल पर जुर्माना लगाते हुए यूरोपीय संघ के कंपिटिशनर कमिश्नर मारग्रेथ वेस्टागेर ने कहा, 'गूगल ने एनड्रॉएड का इस्तेमाल कर सर्च इंजन क्षेत्र में अपने प्रभाव को और मजबूत किया। इन कदमों के जरिए प्रतिस्पर्धियों को नई खोज करने या योग्यता के आधार पर प्रतिस्पर्धा करने का मौका नहीं दिया. उन्होंने यूरोपीय ग्राहकों को अहम मोबाइल फोन बाजार की असरदार प्रतिस्पर्धा का लाभ नहीं पहुंचाया'
हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब यूरोपीय संघ ने गूगल पर प्रतिबंध लगाया है। इससे पहले 2017 में ईयू ने ऑनलाइन शॉपिंग के मामले में गूगल पर 2.4 बिलियन यूरो का जुर्माना ठोका था, लेकिन इस बार ईयू ने दोगुना जुर्माना लगाया है। बता दें कि एंड्रॉयड केस का यह फैसला तीन साल तक चले लंबी जांच के बाद आया है। अपनी सुनवाई में ईयू ने कहा कि गूगल ने एंटी ट्रस्ट रूल का उल्लंघन किया है, जिसमें उन्होंने मोबाइल कंपनियों पर गूगल सर्च एप को प्री-इंस्टॉल (डिफॉल्ट) के लिए दबाव डाला।
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