Google Doodle: सिंथेटिक डाई की खोज करने वाले पर्किन को गूगल ने दी 'बैंगनी श्रद्धांजलि'
गूगल आज ब्रिटिश केंमिस्ट सर विलियम हेनरी पर्किन का 180वां जन्मदिन मना रहा है। विलियम हेनरी को दुनिया 'mauveine' यानि की पहला सिंथेटिक डाई के आविष्कार के लिए जानती है। सबसे मजेदार बात ये है कि पर्किन ने इसकी खोज गलती से की थी।
लंदन। गूगल आज ब्रिटिश केंमिस्ट सर विलियम हेनरी पर्किन का 180वां जन्मदिन मना रहा है। विलियम हेनरी को दुनिया 'mauveine' यानि की पहला सिंथेटिक डाई के आविष्कार के लिए जानती है। सबसे मजेदार बात ये है कि पर्किन ने इसकी खोज गलती से की थी। सिर्फ 18 साल की उम्र में पर्किनने पहली सिंथेटिक डाई से दुनिया को रूबरू कराया था। आज उनके 180वें जन्मदिन पर डूजल ने बैंगनी रंग का डूडल बना, उन्हें श्रद्धांजलि दी है।
मात्र 18 साल की उम्र में सिथेंटिक डाई की खोज करने वाले पर्किन की कहानी काफी मजेदार है। पर्किन ने इस डाई की खोज तब की जब वो एक लैबोरेटरी असिस्टेंट थे। वो एक बीकर में से गहरे मक को निकाल रहे थे जब उन्होंने देखा कि एल्कोहल के संपर्क में आने से वो बैंगनी रंग का दाग छोड़ रहा है। इसके बाद उन्होंने अपने आविष्कार को पेंटेंट कराया और उसे बनाना शुरू किया। इस सिंथेटिक डाई का नाम उन्होंने 'mauveine' रखा। उनके आविष्कार की टेक्सटाइल इंडस्ट्री में भारी मांग रही।
इस आविष्कार के वक्त बैंगनी रंग काफी स्टाइल में था। उस दौर में बैंगनी रंग के कपड़े काफी महंगे हुए करते थे। ऐसे में पर्किन के आविष्कार ने इस कपड़े को सभी के पास पहुंचाया। उनका बनाई सिंथेटिक डाई हिट हो गई और साल 1862 में क्वीन विक्टोरिया ने खुद एक रॉयल एग्जीबीशन में इस रंग का गाउन पहना था। अपने आविष्कार के लिए पर्किन को कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया। उन्हें फेलो ऑफ द रॉयल सोसाइटी के लिए चुना गया। रॉयल और डेवी मेडल से भी पर्किन को सम्मानित किया गया।
उनके आविष्कार की 50वीं जयंती पर साल 1906 में उन्हें क्वीन द्वारा नाइट का खिताब दिया गया। इसके एक साल बाद ही निमोनिया और अपेंडिक्स फट जाने से उनकी मृत्यु हो गई।
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