GOOD NEWS: 25 पर्सेंट फेफड़े ही कर रहे थे काम, ऐसे पॉजिटिव मरीज ने कोरोना को हराया
लंदन। यूनाइटेड किंगडम (यूके) इस समय कोरोना के भयावह दौर से गुजर रहा है। यहां पर रोजाना मृतकों के आंकड़ों में इजाफा हो रहा है और नए संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं। हालत यह हैं कि अब लोग हताश होने लगे हैं और कई लोगों का आत्मविश्वास भी डगमगा गया है। इन सबके बीच 21 साल के डैनियल जेम्स लेसे मैक्एरनी आशा की नई किरण बनकर सामने आए हैं। डैनियल पहले से ही गंभीर बीमारी के शिकार हैं मगर फिर भी उन्होंने कोविड-19 पर जीत हासिल की है।
यह भी पढ़ें-कोविड-19 की वजह से कंडोम बनाने वाली सबसे बड़ी फैक्ट्री पर ताला
एक गंभीर बीमारी के मरीज डैनियल
डैनियल की कहानी इसलिए खास है क्योंकि कोविड-19 के बारे में कहते हैं कि जिनको सांस की बीमारी है या फिर जिनके फेफड़े थोड़े कमजोर हैं, उनके लिए हालात काफी मुश्किल हो जाते हैं। डैनियल के फेफड़े बस 25 प्रतिशत तक ही काम कर रहे थे और इसके बाद भी वह पूरी तरह से ठीक हैं। डैनियल लंदन के कैमडेन टाउन के रहने वाले हैं और उन्हें सिस्टिक फ्रायब्रोसिस नामक बीमारी है। इस बीमारी में फेफड़ों और शरीर के दूसरे नाजुक अंग ठीक से काम नहीं कर पाते हैं। डैनियल ने डेली एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में बताया कि जब कोविड-19 का उनका टेस्ट पॉजिटिव आया तो वह काफी डर गए थे। वह ठीक हैं और इस समय घर में क्वारंटाइन में हैं।
कैसे मिला संक्रमण कोई जानकारी नहीं
डैनियल ने कहा, 'मुझे पता है कि यूके में कई लोगों में इसके संक्रमण का खतरा है। आए दिन जो खबरें आती हैं उससे लोग डरे हुए हैं मगर मैं उन्हें बस कुछ उम्मीद देना चाहता हूं।' डैनियल के मुताबिक उन्हें इस बात का जरा भी आइडिया नहीं कि आखिर वह कैसे कोरोना वायरस के संपर्क में आए। लेकिन जब उन्हें इसका पता लगा तो उन्होंने ठान लिया था कि हर हाल में जीतकर ही सामने आना है। डैनियल के मुताबिक एक ऐसा इंसान जिसके बस 25 प्रतिशत फेफड़े ही काम कर रहे हों और जो सिस्टिक फ्रायब्रोसिस का मरीज हो, उसके लिए कोविड-19 कुछ नहीं हैं।
इम्यून सिस्टम पर रखिए भरोसा
डैनियल के मुताबिक बहुत से लोग इस बीमारी को मात दे सकते हैं। डैनियल को तेज बुखार था, गले में दर्द था और काफी सिरदर्द था। मगर दो हफ्तों बाद वह अब घर पर हैं और उनका टेस्ट निगेटिव आया है। वह कहते हैं कि इस बात का भरोसा रखिए कि आपके शरीर का इम्यून सिस्टम भी काम करता है। डैनियल के शब्दों में, 'सकारात्मक रहिए और ऐसे लोगों के साथ रहिए जिन पर आप विश्वास कर सकते हैं।' डैनियल को चार वर्ष की आयु से ही सिस्टिक फ्रायब्रोसिस की बीमारी है। इसके अलावा वह डायबिटीज के भी मरीज हैं।
तीसरा टेस्ट आया निगेटिव
पांच मार्च को उन्होंने सिस्टिक फ्रायब्रोसिस यूनिट से संपर्क किया था। उन्होंने खुद को घर में आइसोलेट कर लिया था। नौ मार्च को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। जब 10 मार्च को वह जागे तो उन्हें फ्लू के लक्षण लगे। इसके बाद उनका टेस्ट किया गया और वह पॉजिटिव आया। 16 मार्च को उनका एक और टेस्ट हुआ और वह फिर पॉजिटिव आया। डैनियल को इसके बाद स्पेशल एंबुलेंस में घर ले जाया गया और उन्होंने खुद को क्वारंटाइन कर लिया। इस हफ्ते 23 मार्च को उनका एक और टेस्ट आया और वह निगेटिव था।