क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

Good News : कोरोना वायरस वैक्‍सीन बनाने में लगे वैज्ञानिकों को मिली सफलता, बंदरों पर टेस्‍ट हुआ सफल

Google Oneindia News

लंदन। ब्रिटेन की प्रतिष्ठित ऑक्‍सफोर्ड यूनिवर्सिटी से अच्‍छी खबर आ रही है। यहां पर साइंटिस्‍ट कोरोना वायरस की वैक्‍सीन बनाने के एक कदम और करीब पहुंच गए हैं। गुरुवार को अमेरिकी और ब्रिटिश रिसर्चर्स की तरफ से बताया गया है कि छह बंदरों पर वैक्‍सीन को लेकर जो स्‍टडी की गई थी उसके नतीजे काफी सकारात्‍मक हैं। यूनिवर्सिटी की तरफ से पिछले माह वैक्‍सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू किया गया था।

<strong>यह भी पढ़ें-ट्रंप के इस बयान के बाद और बिगड़े अमेरिका-चीन के रिश्‍ते</strong> यह भी पढ़ें-ट्रंप के इस बयान के बाद और बिगड़े अमेरिका-चीन के रिश्‍ते

Recommended Video

Coronavirus: Oxford से अच्छी खबर, बंदरों पर सफल रहा Corona Vaccine | वनइंडिया हिंदी
पिछले माह हुआ था ऐलान

पिछले माह हुआ था ऐलान

शुरुआती नतीजों के मुताबिक वैक्‍सीन जिसे चैडॉक्स-1 नाम दिया जा रहा है। टेस्‍ट में वैक्सीन फेफड़ों को नुकसान पहुंचने से रोकने में असरदार साबित हुई है। इसके साथ ही इम्यून सिस्टम से जुड़ी किसी भी बीमारी के सामने आने का कोई संकेत भी नहीं मिले हैं। ऑक्‍सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साइंटिस्‍ट्स ने कोरोना वायरस की हाई डोज से छह बंदरों को इंफेक्‍टेड किया था। बायोरिक्सिव सर्वर पर इसकी रिपोर्ट आई है। वैक्‍सीन बनाने वाली ब्रिटिश कंपनी एस्‍ट्राजेंका ने पिछले माह ऐलान किया था कि वह ऑक्‍सफोर्ड वैक्‍सीन ग्रुप और जेनेर इंस्‍टीट्यूट के रिसर्चर्स के साथ वैक्‍सीन को डेवलप करने के लिए एक टीम बना रही है।

बंदरों पर टेस्‍ट के मिले अच्‍छे नतीजे

बंदरों पर टेस्‍ट के मिले अच्‍छे नतीजे

जिन बंदरो को कोरोना की हाई डोज दी गई थी उन्‍हें वैक्‍सीन का सिंगल शॉट दिया गया था। इसके बाद 14 दिनों के अंदर उनमें एंटी-बॉडीज डेवलप हुए थे। इसके बाद सभी बंदरों को वायरस की हाइडोज दी गई। वायरस की वजह से फेफड़ों को कोई नुकसान न हो इसके लिए वैक्‍सीन का डोज दिया गया था। लंदन स्‍कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन में फार्मासोपिडिमियोलॉजी के प्रोफेसर स्‍टीफन इवांस ने कहा कि बंदरों से जो नतीजे मिले हैं वह काफी अच्‍छे हैं और यह निश्चित तौर पर एक गुड न्‍यूज है। उनका कहना था कि यह पहली बाधा थी जिसे पार कर लिया गया है।

कुछ जगहों जारी है जानवरों पर ट्रायल

कुछ जगहों जारी है जानवरों पर ट्रायल

किंग्स कॉलेज लंदन के विजिटिंग प्रोफेसर डॉ. पेनी वार्ड ने बताया, ये देखना अच्छा है कि बंदरों पर कोरोना की वैक्सीन के परीक्षण के दौरान फेफड़ों में किसी अन्य बीमारी का सबूत नहीं मिला है। सार्स की वैक्सीन के दौरान अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट में संक्रमण के कुछ सबूत मिले थे लेकिन बंदरों को दी गई वैक्सीन के बाद न्यूमोनिया का कोई संकेत नहीं मिला है। वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू होने के बावजूद अमेरिका और यूके में जानवरों पर ट्रायल जारी हैं। वैज्ञानिक इस बात की पुष्टि करना चाहते हैं कि कोरोना के खिलाफ वैक्सीन पूरी तरह स काम करती है या नहीं और क्या इसके साइड इफेक्ट होने की भी कोई गुंजाइश है।

100 से ज्‍यादा वैक्‍सीन का ट्रायल जारी

100 से ज्‍यादा वैक्‍सीन का ट्रायल जारी

इस समय दुनियाभर में कोरोना वायरस की 100 से ज्‍यादा वैक्‍सीन का ट्रायल चल रहा है। इस वायरस से अब तक तीन लाख लोगों की मौत हो गई है और 4.39 मिलियन लोग इससे संक्रमित हैं। साधारण तौर पर एक वैक्‍सीन को डेवलप होने में कम से कम 10 साल तक का समय लग सकता है। लेकिन जब आपातकाल सी स्थिति होती है तो समय-सीमा को कम कर दिया जाता है।

Comments
English summary
Good news: Oxford study on monkeys found 'protective' coronavirus vaccine.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X