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LOCKDOWN का पूरी दुनिया को हुआ ये सबसे बड़ा फायदा, पूरी तरह भरा ओजोन छिद्र

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न्यूयार्क। कोरोना संकट को देखते हुए भारत समेत विश्व के कई देशों में इस वक्त लॉकडाउन है, जिसकी वजह से जहां कारोबार जगत प्रभावित हो रहा है, वहीं दूसरी ओर प्रकृति इस वक्त खुश नजर आ रही है, क्योंकि प्रदूषण की मात्रा जो कम हो गई है, आपको जानकर हैरत होगी कि इस महीने यानी अप्रैल की शुरुआत में वैज्ञानिकों को उत्तरी ध्रुव यानी नॉर्थ पोल के ऊपर स्थित ओजोन लेयर में एक 10 लाख वर्ग किमी का छेद दिखा था, जो कि इतिहास का सबसे बड़ा छेद बताया गया था, वैज्ञानिकों ने सोचा था कि यह कम तापमान का परिणाम है,जिससे दक्षिण की ओर एक बड़ा खतरा पैदा हो सकता था।

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Positive story: Lockdown का दुनिया को हुआ सबसे बड़ा फायदा, भर गया Ozone छिद्र | वनइंडिया हिंदी
आर्कटिक के ऊपर Ozone Layer का होल हुआ ठीक

आर्कटिक के ऊपर Ozone Layer का होल हुआ ठीक

लेकिन लॉकडाउन की वजह से कम हुए प्रदूषण की वजह से ये छेद भर गया है, जो कि अपने आप में एक बहुत बड़ी खुशखबरी है, नासा के मुताबिक नॉर्थ पोल यानी धरती का आर्कटिक वाला क्षेत्र के ऊपर एक ताकतवर पोलर वर्टेक्स बना हुआ था, जो अब खत्म हो गया है।

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ओजोन परत क्या होती है?

गौरतलब है कि पृथ्वी के वायुमंडल में यह विशेषता है कि इसमें अलग अलग परते पाई जाती है, पृथ्वी की सतह से 20 से 30 किलोमीटर की ऊंचाई पर ओजोन गैस की एक परत पाई जाती है, इसे ही ओजोन लेयर या ओजोन परत का नाम दिया गया है, यह परत बहुत पतली होने के बावजूद बहुत ही अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सूर्य से आने वाली अल्ट्रावॉयलेट रेडिएशन यानि की पराबैगनी विकिरणों को सोख लेती है., पराबैगनी विकिरण अगर धरती तक पहुंच जाए तो यह सभी प्रकार के पेड़-पौधों और जीवो को नुकसान पहुंचाते हैं, इसीलिए पृथ्वी पर जीवन के लिए ओजोन परत बहुत महत्वपूर्ण है। पराबैंगनी विकिरण न केवल मनुष्य के लिए, बल्कि पेड़ पौधों और जानवरों के लिए भी बहुत हानिकारक है, यह जीवो में कैंसर और कई खतरनाक बीमारियां पैदा कर सकतें हैं।

प्रदूषण की वजह से पतली हो रही है ओजोन परत

प्रदूषण की वजह से पतली हो रही है ओजोन परत

ओजोन लेयर के छेद को कम करने के पीछे बादल, क्लोरोफ्लोरोकार्बन्स और हाइड्रोक्लोरोफ्लोरोकार्बन्स कारण थे, इन तीनों की मात्रा स्ट्रेटोस्फेयर में बढ़ गई थी, इनकी वजह से ओजोन लेयर को पतला कर रहे थे, जिसके उसका छेद बड़ा होता जा रहा था. इसमें प्रदूषण औऱ इजाफा करता लेकिन लॉकडाउन में वो हुआ नहीं।

ओजोन का स्वास्थ्य पर प्रभाव

ओजोन का स्वास्थ्य पर प्रभाव

हवा में मौजूद वायु प्रदूषक फेफड़ों को ओजोन के प्रति अधिक प्रतिक्रियाशील बनाते हैं और जब आप सांस लेते हैं तो ओजोन के अंदर जाने से छाती में दर्द, खांसी, गले में जलन और श्वास की नली में सूजन आदि हो सकता है, यही नहीं ओजोन की वजह से फेफड़ों के काम करने में शक्ति प्रभावित होती है, ओजोन ब्रोंकाइटिस, अस्थमा, फेफड़ों में सूजन जैसी चीजें पैदा कर सकता है, ओजोन हृदय की गति को भी प्रभावित कर सकती है।


अंतर्राष्ट्रीय ओजोन दिवस


ओजोन परत के महत्व को देखते हुए यूनाइटेड नेशंस की जनरल असेंबली ने 16 सितंबर के दिन को अंतर्राष्ट्रीय ओजोन दिवस के नाम से मनाने का फैसला लिया,INTERNATIONAL DAY FOR THE PRESERVATIN OF THE OZONE Layer , यह फैसला 19 दिसंबर सन 2000 को लिया गया था।

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English summary
According to reports, scientists have confirmed that the 1 million square kilometre wide hole in the ozone layer over the Arctic has finally healed. And, apparently the hole over the north pole has healed itself.
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