'दुनिया के अंत' पर बना 100 मीटर का विशाल गड्ढा
यमन में बना ये गड्ढ़ा 100 मीटर चौड़ा है। शोधकर्ता इस गड्ढे के बनने के कारणों की जांच कर रहे हैं। आपको बता दें कि साइबेरिया के इस क्षेत्र में तापमान आम तौर पर शून्य से 50 डिग्री नीचे तक चला जाता है। इस गड्ढे की गहराई का अभी कोई अंदाजा नहीं है। ये गड्ढा शोधकर्ताओं के लिए कोतुहल का विषय है। इसे समझने के लिए साइबेरिया के सेंटर फॉर स्टडी ऑफ आर्कटिक से दो और रूस की अकैडमी ऑफ साइंस से एक विशेषज्ञ वहां जा रहे हैं।
इस गड्ढे के बनने के कारणों को लेकर अटकलें भी शुरू हो गई हैं। जहां कुछ लोग इसे किसी मीटियरॉइट की टक्कर से बना हुआ मान रहे हैं, वहीं कुछ का मानना है कि धरती के नीचे चट्टानों के धंसने से यह सुराख बना होगा। हालांकि कुछ लोग इसे किसी यूएफओ की लैंडिंग की जगह भी करार दे रहे हैं।
गौरतलब है कि यमल क्षेत्र रूस के सबसे बड़े नैचरल गैस भंडारों में से एक है। यह गड्ढा रूस के विशाल बोवानेन्त्सकी गैस फील्ड के करीब 20 मील दूर है। ऐसे में कुछ लोग यह भी अनुमान लगा रहे हैं कि यह किसी अंडरग्राउंड गैस विस्फोट का नतीजा है।