जर्मनी को कोरोना वायरस से 130 बिलियन पाउंड का हुआ नुकसान, अखबार ने छाप दी पूरी लिस्ट, चीन को ठहराया जिम्मेदार
नई दिल्ली। चीन के वुहान प्रांत से पूरी दुनिया में फैला कोरोना वायरस संक्रमण अबतक डेढ़ लाख से अधिक लोगों की जान ले चुका है, जबकि 20 लाख से अधिक लोग इस संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। दुनिया के कई देश कोरोना वायरस के संक्रमण के लिए चीन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। अमेरिका खुले तौर पर कह चुका है कि चीन को इस संक्रमण के परिणाम भुगतने पड़ेंगे। वहीं जर्मनी के प्रतिष्ठित अखबार ने कोरोना वायरस से देश को हुए नुकसान का पूरा बिल छाप दिया है और इस नुकसान का जिम्मेदार चीन को ठहराया है।
हर नुकसान का आंकलन
जर्मनी के न्यूजपेपर बिल्ड ने चीन को 130 बिलियन पाउंड का बिल भेजा है। जर्मनी न्यूजपेपर ने चीन को इस संक्रमण की वजह से हुए नुकसान के लिए जिम्मेदार ठहराया है। दरअसल जर्मनी के सबसे बड़े टैबलॉयड न्यूजपेपर बिल्ड में एक संपादकीय छपा, जिसमे 130 बिलियन पाउंड का अनुमानित नुकसान बताया गया है। इस लिस्ट में 27 मिलियन यूरो का नुकसान पर्यटन को हुआ है, 7.2 मिलियन यूरो का नुकसान फिल्म इंडस्ट्री को हुआ, एक मिलियन यूरो का नुकसान जर्मन एयरलाइंस लुफ्त्साना, 50 बिलियन यूरो का नुकसान जर्मनी के छोटे उद्यमियों को हुआ। बिल्ड के अनुसार कुल 1784 यूरो का नुकसान प्रति व्यक्ति को हुआ है और देश की जीडीपी 4.2 फीसदी गिर गई, ऐसे में चीन इन तमाम नुकसान के लिए जिम्मेदार है। वहीं चीन ने इस दावे पर जवाब देते हुए कहा कि यह राष्ट्रवाद को बढ़ावा देना और विदेशियों से नफरत को दर्शाता है।
कई देश पहले भी लगा चुके हैं आरोप
इससे पहले फ्रांस, यूके और अमेरिका ने कोरोना वायरस का जिम्मेदार सीधे तौर पर चीन को बताया है। दरअसल हाल में जिस तरह के खुलासे सामने आए हैं कि चीन ने कोरोना वायरस के संक्रमण की भयावहता को छिपाने की कोशिश की और इसकी उत्पत्ति को लोगों के सामने नहीं आने दिया। इससे पहले शनिवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि अगर चीन ने यह जानबूझकर किया है तो उसे इसके परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
ट्रंप का सख्त रुख
ट्रंप ने कहा कि इसे चीन में ही रोका जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया, जिसकी वजह से पूरी दुनिया को इसका परिणाम भुगतना पड़ रहा है। अगर यह गलती थी, तो गलती गलती होती है। लेकिन अगर इसे जानबूझकर किया गया है तो इसके परिणाम गंभीर होंगे। डोनाल्ड ट्रंप और उनके वरिष्ठ सहयोगी लगातार चीन पर आरोप लगा रहे हैं कि उसने इस पूरे मामले में पारदर्शिता नहीं बरती। जहां से इस वायरस की शुरुआत हुई, वहां मरने वालों की संख्या को अपडेट किया गया है और इसमे 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। यूके और अमेरिका इस बात की जांच कर रहे हैं कि कोरोना वायरस सचीन के लैब में उत्पन्न हुआ था नाकि वेट मार्केट से।
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