अमेरिकी हिंसा के बीच भारतीय मूल का यह शख्स बना लोगों का 'हीरो', रात भर अपने घर में 80 लोगों को दी पनाह
वॉशिंगटन। अमेरिका में अश्वेत अमेरिकन जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद लाखों लोग सड़कों पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। राजधानी वॉशिंगटन डीसी ले लेकर न्यू यॉर्क समेत 50 से अधिक शहरों में हिंसा और कर्फ्यू देखने को मिल रहा है। इसी बीच वॉशिंगटन में रहने वाले भारतीय मूल के अमेरिकी राहुल दुबे लोगों के बीच लोकल हीरो बनकर उभरे हैं। प्रदर्शन के दौरान पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए लगभग 80 लोग उनके घर में घुस आए, जिन्हें राहुल ने ना सिर्फ पनाह दी बल्कि उनका ख्याल भी रखा।
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पुलिस से बचाई प्रदर्शनकारियों की जान
एक मैगजनी को दिए इंटरव्यू में राहुल ने कहा, मेरे घर में करीब 75 लोग थे। उन्हें एक सोफे जितनी ही जगह मिल रही थी। एक मां और बेटी के परिवार को मैंने अपने बेटे का कमरा दिया ताकि वह आराम कर सकें। यहां तक कि बाथटब में भी लोग थे लेकिन कोई भी किसी बात की शिकायत नहीं कर रहा था। वे खुश थे... नहीं वे खुश नहीं थे। वे सुरक्षित थे। वे एक-दूसरे को सहारा दे रहे थे। राहुल सोमवार को हुए प्रदर्शन के बाद ही चर्चा में आ गए और उनके इस कदम के लिए सोशल मीडिया पर भी उनकी काफी सराहना की गई।
राहुल ने सभी प्रदर्शनकारियों का रखा ख्याल
प्रदर्शन में शामिल एक युवक ने सोशल मीडिया पर लिखा कि, पेपर स्प्रे से पुलिस ने मुझे घायल कर दिया था उसके बाद मैं अब डीसी में एक घर में हूं। घर को पुलिस ने घेर रखा है और अंदर हम करीब 100 लोग हैं। सभी लोगों ने अपने घर के दरवाजे खोल दिए हैं और प्रदर्शनकारियों की देखभाल कर रहे हैं। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया जिसमें पुलिस द्वारा किए जा रहे पेपर स्प्रे से बचने के लिए लोग एक घर में घुस रहे हैं।
लोगों ने राहुल को फूल भेजकर कहा थैंक्यू
राहुल द्वारा की गई मदद को लोग सोशल मीडिया पर सराह रहे हैं। लोग उन्हें रियल हीरो बोल रहे है। घटना के अगले लोग उनके घर के सामने आकर फूल और पोस्टर के जरिए रात में प्रदर्शनकारियों के लिए की गई उनकी मदद के लिए शुक्रिया बोल रहे हैं। राहुल दुबे ने बजफीड न्यूज से कहा कि, अगर आपने देखा होता कि मेरी आंखों के सामने क्या हो रहा था... कोई विकल्प ही नहीं बचा था। लोगों पर पेपर स्प्रे किया जा रहा था और उन्हें पीटा जा रहा था ।
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अब राहुल गांधी ने ट्वीट कर की तारीफ
दुबे ने कहा कि, मैं उम्मीद करता हूं कि मेरा 13 साल का बेटा इन्हीं की तरह एक कमाल का इंसान बने। हमारे देश ने इन जैसे लोगों की जरूरत है। अगले दिन जब कर्फ्यू खत्म हुआ तो वह उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम को एक शानदार स्पीच के साथ खत्म किया। राहुल ने कहा कि, वे शांतिपूर्ण तरीके से लड़ी जा रही इस लड़ाई को ना छोड़े। वे इस मूवमेंट में एक लोकल हीरो बनकर उभरे हैं। राहुल के इस कदम की राहुल गांधी ने भी तारीफ की है। राहुल ने ट्वीट कर लिखा कि, कमजोर और पीड़ितों के लिए अपना दिल और अपने घर को खोलने के लिए राहुल दुबे का धन्यवाद।
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