कौन हैं PLA के नए कमांडर Gen Jhang जिनके ऊपर होगी LAC की पूरी जिम्मेदारी ? जानिए कमजोरी और ताकत
नई दिल्ली। PLA New Commander General Jhang: भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव के बीच जिस एक खबर ने पिछले दिनों खूब सुर्खियां बटोरी वह थी चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के पश्चिमी थियेटर कमांड (Western Theatre Command) में बदलाव की थी। चीन ने जनरल झाओ जोंग्की (Gen Zhao Zongqi) की जगह जनरल जनरल झांग जुडोंग (General Zhang Xudong) को शक्तिशाली पश्चिमी थियेटर कमांड का नया कमांडर बनाया। चीन की पश्चिमी थियेटर कमांड ही लद्दाख स्थित एलएसी पर तैनात है।
झांग को दिसम्बर में बनाए गया है जनरल
जनरल झांग (Gen Jhang) उन चार अफसरों में हैं जिन्हें चीन के सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (CMC) के चेयरमैन राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 18 दिसम्बर 2020 को पदोन्नति देकर जनरल बनाया है। जनरल झांग को पश्चिमी थियेटर कमांड का नया कमांडर बनाया गया जहां उन्होंने जनरल झाओ की जगह ली है जो अपनी रिटायरमेंट की उम्र (65) पूरी करने के बाद भी बने हुए थे।
पीपल्स लिबरेशन आर्मी की पश्चिमी थियेटर कमांड (WTC) चीन की पांचों थियेटर कमांड में सबसे बड़ी और रणनीतिक रूप से भी सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। इसके जिम्मे भारत से लगी चीन की पूरी सीमा के साथ ही तिब्बत और तनावग्रस्त शिनजियांग की जिम्मेदारी भी है। पश्चिमी थियेटर कमांड का निर्माण चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा 2013 में पीएलए में शुरू किए गए बदलाव के महत्वाकांक्षी अभियान का तहत हुआ है। इसे 2015 में चेंगदू Chengdu) और लंझोऊ ( Lanzhou) मिलिट्री रीजन का पुर्नगठन कर बनाया गया था।
नए जनरल के पास एलएसी का कोई अनुभव नहीं
पिछले 7 महीने से पूर्वी लद्दाख स्थित एलएसी पर तनाव को देखते हुए पीएलए में इस बदलाव को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। चीनी राष्ट्रपति के इस फैसले को एलएसी पर भारत के साथ तल्खी कम करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। खासतौर पर पश्चिमी थियेटर कमांड के पूर्ववर्ती जनरल झाओ को हटाना, जिन्हें भारत के साथ तनाव बढ़ाने का प्रमुख जिम्मेदार माना जा रहा था। जिसके बाद दोनों देशों की सीमाएं इस कड़ाके की ठंड में दुनिया के सबसे ऊंचे मैदान में आमने-सामने डटी हुई हैं।
जनरल झाओ ने 1979 की वियतनाम में हिस्सा लेने के साथ ही सैन्य सेवा में अपना अधिकांश समय तिब्बत में बिताया है और उनके पास इस क्षेत्र का अच्छा अनुभव है। यही वजह है कि उम्र पूरी होने के बाद भी जिनपिंग ने उन्हें एक्टेंशन देकर तैनाती दे रखी थी। वहीं नए कमांडर जनरल झांग के पास पश्चिमी थियेटर कमांड में काम करने का कोई अनुभव नहीं है और इस इलाके की बारीकियों से उनका पहली बार सामना हो रहा है। जनरल झांग रूस की सीमा पर तैनात उत्तरी थियेटर कमांड में 79 कॉर्प्स के 2017-18 में कमांडर रह चुके हैं।
चीनी आर्मी के राइजिंग स्टार
इसके साथ ही वह सेंट्रल थियेटर कमांड के डिप्टी कमांडर भी रह चुके हैं जिसके ऊपर चीन की राजधानी बीजिंग की सुरक्षा की जिम्मेदारी है। वह पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की स्थापना के 70 साल पूरे होने पर हुई भव्य परेड जैसे महत्वपूर्ण समारोह के डिप्टी कमांडर थे। पिछले कुछ सालों में लगातार प्रमोशन पाने वाले और 58 साल की उम्र में शक्तिशाली पश्चिमी थियेटर कमांड का प्रमुख बनाए जाने के चलते पीएलए में उन्हें राइजिंग स्टार के तौर पर देखा जा रहा है।
हालांकि पश्चिमी थियेटर कमांड के वर्तमान जनरल झांग अपने पूर्ववर्ती जनरल झाओ की तरह कम्युनिष्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) की केंद्रीय कमेटी के सदस्य नहीं हैं। सीपीसी की केंद्रीय कमेटी वह सर्वोच्च संस्था है जो देश को चलाने वाले शक्तिशाली पोलित ब्यूरो और सेना में अधिकारियों की नियुक्ति करने वाले सीएमसी का चयन करती है।
जनरल झाओ ने 2016 में पश्चिमी थियेटर कमांड की कमान संभाली थी। 2017 में डोकलाम संकट का आइडिया उन्हीं का माना जाता है। जनरल झाओ को इसी साल के मध्य में रिटायर होना था लेकिन पूर्वी लद्दाख स्थित एलएसी पर तनाव के चलते उनका कार्यकाल बढ़ा दिया गया। अब सर्दियों के आने पर कमांड में इस प्रमुख बदलाव की वजह भी है। माना जा रहा है कि सर्दियों में दोनों देश कोई बड़ा ऑपरेशन नहीं करेंगे। इस बीच जनरल झांग को स्थिति को समझने का मौका मिल सकेगा।
एलएसी पर क्या फर्क पड़ेगा?
लद्दाख में एलएसी पर होने वाली हर गतिविधि पर चीन की सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (सीएमसी) से नजर रखी जाती है ऐसे में कमांड प्रमुख के बदलने से स्थिति में बहुत अधिक परिवर्तन की उम्मीद नहीं की जा सकती। इसके साथ ही पश्चिमी थियेटर कमांडर के दूसरे कमांडर, पालिटिकल कमिसार जनरल वु, कमांडर ग्राउंड फोर्स लेफ्टिनेंट जनरल शू किलिंग, कमांडर पीएलए एयरफोर्स ले. जन. वांग कियांग और साउथ शिनजियांग मिलिट्री रीजन के कमांडर मेजर जन. लियु लिन, जिनके सैनिक एलएसी पर तनाव में शामिल हैं, अपनी स्थिति में बने रहेंगे।
इसके साथ ही अभी हाल में डिसएंगेजमेंट और डि-एस्केलेशन को लेकर भी बातचीत में कोई सकारात्मक परिणाम की उम्मीद नजर नहीं आ रही है क्योंकि पीएलए भारतीय सेना को पहले कैलाश रेंज से हटने को कह रही है जबकि चीनी देपसांग क्षेत्र, जहां पीएलए को बढ़त मिली है, पर बातचीत को लेकर पीछे हट रहे हैं।
शी जिनपिंग के लिए महत्वपूर्ण
जनरल झांग की तैनाती के पीछे सबसे महत्वपूर्ण जो बात है वह है उनके पास आगे का लंबा समय। पीएलए में थियेटर कमांड के प्रमुख का कार्यकाल 3 से 4 साल का होता है। इस हिसाब से जनरल झांग के पास आगे की रणनीति के लिए लंबा वक्त है। साथ ही उनकी उम्र भी अभी 58 साल है। अगर जरूरत पड़ने पर उन्हें लंबे समय तक रखा जाए तो भी समस्या नहीं होगी।
सभी थियेटर कमांडर चीन की शक्तिशाली सेंट्रल मिलिट्री कमीशन को सीधे रिपोर्ट करते हैं। ऐसे में सीएमसी ने जनरल झांग को साफ मिशन देकर भेजा होगा जिसे उन्हें अगले कुछ सालों में पूरा करना होगा।
राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कमांडर-इन-चीफ के रूप में पीएलए को साफ संदेश दे रखा है कि उनका लक्ष्य 2027 तक पीएलए को अमेरिका की सेना के बराबरी पर खड़ा करना है। अगले साल चीन की कम्युनिष्ट पार्टी (सीपीसी) जब अपनी 100वीं वर्षगांठ मना रही होगी ऐसे में शी जिनपिंग पार्टी महासचिव के रूप में अपनी उपलब्धियां जरूर सबके सामने रखना चाहेंगे।
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