रक्षा मंत्रालय ने कहा- गलवान में चीन को हुआ था भारी नुकसान, मारे गए थे कई PLA जवान
नई दिल्ली। Galwan Clash: भारत के रक्षा मंत्रालय ने अपनी साल के आखिर में आने वाली रिपोर्ट में कहा है कि 2020 के जून में गलवान घाटी में भारतीय जवानों के साथ हुए संघर्ष में चीन को भी भारी क्षति हुई थी और उसके भी कई सैनिक मारे गए थे। रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि चीन द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर यथास्थिति बदलने के लिए एकपक्षीय और भड़काऊ कार्रवाई की थी जिसका भारतीय सेना ने एक सुदृढ़ और गैर-आक्रामक तरीके से जवाब दिया था। भारतीय सेना पूर्वी लद्दाख में भारत के दावे की रक्षा के लिए पूरी तरह से सक्षम है। रक्षा मंत्रालय ने साल 2020 को लेकर सेना के ईयर इंडर रिव्यू में ये बाते लिखी हैं। इसके पहले जून में आई रिपोर्ट में चीनी आक्रामकता का जिक्र था लेकिन बाद में इस रिपोर्ट को हटा लिया गया था।
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पीएलए ने किया गैर-पारम्परिक हथियार का उपयोग
मंत्रालय ने बताया कि भारतीय सेना सभी प्रोटोकाल और भारत व चीन के बीच हुए सभी समझौतों का पालन करती है। हालांकि पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने गैर परम्परागत हथियारों का उपयोग किया और बड़ी संख्या में सेना को जमा करना शुरू कर दिया। भारतीय सेना ने भी एयरफोर्स की मदद से सैनिकों को पहुंचाना शुरू किया और तेजी से उनकी संख्या बढ़ाई। इसके साथ ही भारी हथियार जैसे बंदूकें, टैंक, तोपखाने, राशन और कपड़े पहुंचाए गये। हमारे इंजीनियर्स ने वहां सैनिकों को तैनात करने के लिए रोड और रहने के लिए आवास बनाए।
चीन के भी मारे गए कई सैनिक
बयान में आगे कहा गया है कि 'गलवान में हमारे 20 बहादुर जवान पीएलए के सैनिकों को हमारी सीमा में प्रवेश करते रोकते समय शहीद हो गए। चीनियों के भी कई सैनिक मारे गए। इसके बाद 28-29 अगस्त की रात को भारतीय जवानों ने चीन के विस्तारवादी नीति से एहतियात लेते हुए पैंगांग त्सो की दक्षिणी चोटियों पर कब्जा कर लिया। बयान में कहा गया है कि इस खतरनाक मौसम में भारतीय सैनिकों का तैनात किया जाना जारी रखा गया।'
बता दें कि चीन ने आधिकारिक तौर पर अपने सैनिकों की मौत के बारे में कुछ भी नहीं कहा है। हालांकि ये स्पष्ट था कि चीन के सैनिक मारे गए थे। ये तथ्य तब और पुख्ता हुआ जब चीन की सरकारी मीडिया के एक सम्पादक ने अपने ट्विटर पेज पर सैनिकों के हताहत होने की बात स्वीकार की थी। हालांकि संख्या के बारे में कोई बात नहीं कही गई थी। सूत्रों से जो जानकारी है उसके मुताबिक चीन के 43 सैनिक मारे गए थे।
बातचीत के साथ सेना तैयार
'शीतकाल के लिए पूरा सामान जुटाया गया और सर्दियों में सैनिक रक्षण मजबूत करने के लिए पूरी तैयारी की गई ताकि चीनी सेना द्वारा की जाने वाली किसी भी तरह की कार्रवाई को मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके। जहां भारतीय सेना किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार है वहीं मुद्दे को हल करने के लिए दोनो पक्षों के बीच बातचीत भी जारी है।'
पूर्वी लद्दाख में चीन की चाल, पैंगांग त्सो के दक्षिण में रोड बनाने में जुटी PLA