G7 की ऑनलाइन मीटिंग को पहली बार संबोधित करेंगे जो बाइडेन, जानिए भारत को क्या हासिल होगा?
G7 वर्चुअल मीटिंग को पहली बार अमेरिका के नये राष्ट्रपति जो बाइडेन संबोधित करेंगे। जिसमें प्रधानमंत्री मोदी बतौर गेस्ट शामिल होंगे
नई दिल्ली: अमेरिका के नये राष्ट्रपति जो बाइडेन पहली बार किसी अंतर्राष्ट्रीय मंच पर शिरकत करने वाले हैं और वो मंच होगा G7 का। व्हाइट हाउस ने बयान जारी करते हुए कहा है कि इस बार 19 फरवरी को होने वाली G7 की ऑनलाइन बैठक को राष्ट्रपति जो बाइडेन संबोधित करेंगे। बताया जा रहा है कि जो बाइडेन के संबोधन की प्रमुख बातों में कोरोना वायरस और वैश्विक अर्थव्यवस्था में आया सिकुड़ाव हो सकता है। इसके साथ ही चीन भी जो बाइडेन के संबोधन में शामिल हो सकता है।
जो बाइडेन करेंगे संबोधित
व्हाइट हाउस प्रवक्ता जिन पास्की ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि G7 के ऑनलाइन संबोधन में अमेरिकी राष्ट्रपति कई मुद्दों पर बात कर सकते हैं, जिसमें कोरोना वायरस से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग को बढ़ाने पर जोर हो सकता है। इसके साथ ही जो बाइडेन वैश्विक साझेदारी और बहुपक्षीय संबंधों को लेकर भी अपनी राय रख सकते हैं। G7 मीटिंग अमेरिका के लिए कई मायनों में काफी महत्वपूर्ण रहता है और वैश्विक साझेदारी बढ़ाने के साथ साथ आर्थिक संबंधों को लेकर भी G7 की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जाते रहे हैं, लिहाजा इस बार भी जो बाइडेन से G7 को कई उम्मीदें होंगी। व्हाइट हाउस के मुताबिक राष्ट्रपति जो बाइडेन कोरोना वैक्सीन के वितरण और प्रोडक्शन को लेकर भी बात कर सकते हैं। इसके साथ ही विभिन्न देशों के बीच आर्थिक और औद्योगिक संबंधों को लेकर भी जो बाइडेन बात कर सकते हैं। अमेरिका की अर्थव्यवस्था इस वक्त काफी खराब स्थिति से गुजर रही है, लिहाजा अमेरिका G7 बैठक को काफी महत्वपूर्ण मान रहा है।
बोरिस जॉनसन करेंगे अध्यक्षता
G7 बैठक की अध्यक्षता इस बार इंग्लैंड के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन करने वाले हैं। साथ ही बैठक में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बतौर अतिथि बैठक में शामिल होंगे। भारत के अलावा बतौर अतिथि ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया को भी G7 में बुलाया गया है। ब्रिटेन की तरफ से G7 की ऑनलाइन बैठक से पहले कहा गया है कि जून में होने वाले G7 शिखर सम्मेलन की बैठक का ही ऑनलाइन मीटिंग एक हिस्सा है।
G7 को लेकर बाइडेन की रणनीति क्या होगी?
जहां डोनल्ड ट्रंप ने भारत को G7 ग्रुप में शामिल करने की जमकर वकालत की थी, वहीं अब सवाल उठ रहे हैं, कि बाइडेन प्रशासन का रूख G7 ग्रुप को लेकर क्या होने वाला है? क्या जो बाइडेन भारत को G7 समूह की सदस्यता दिलाने की मांग करेंगे? इस सवाल का जवाब बाइडेन के हालिया उठाए गये कदम से पता चलता है, जब बाइडेन ने अमेरिका की एशियाई राजनीति के लिए कर्ट कैम्पबेल को हेड के तौर पर चुना था। कर्ट कैम्पबेल को एशियाई प्रमुख बनाकर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ये संदेश दे दिया है, कि चीन को लेकर उनकी भी रणनीति ट्रंप प्रशासन की तरह ही होने वाली है। ऐसा इसलिए, क्योकि अमेरिकी किसी भी हाल में एशिया में चीन के वर्चस्व को कम करना चाहता है और इसके लिए अमेरिका को हर हाल में भारत का साथ चाहिए और कर्ट कैम्पबेल वो राजनीतिज्ञ हैं, जिन्होंने जापान और अमेरिका के साथ भारत को जोड़ते हुए एशिया में एक नया ट्रांएगल बनाया था।
कर्ट कैम्पबेल लगातार इस बात पर जोर देते हैं, कि हर मसले पर एक नया और बड़ा गठजोड़ बनाने से बेहतर है, कि अमेरिका औपचारिक तौर पर G-7 समूह में भारत, ऑस्ट्रेलिया और साउथ कोरिया को शामिल कर G-10 ग्रुप का निर्माण करे, जिसकी वकालत ब्रिटेन भी करता है। कर्ट कैम्पबेल के मुताबिक, G-10 का निर्माण टेक्नोलॉजी, ट्रेड, सप्लाई चेन के लिए करना बेहद जरूरी है और अगर भारत को इस ग्रुप में शामिल किया जाता है, तो ना सिर्फ G7 का महत्व बढ़ जाएगा बल्कि चीन को चुनौती देने में काफी आसानी हो जाएगी।
G7 पर भारत का रूख
आने वाले सालों में भारत अपनी इकॉनोमी को बढ़ाकर 5 ट्रिलियन डॉलर करना चाहता है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra modi) ने देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। फिलहाल भारत की अर्थव्यवस्था का आकार 3 ट्रिलियन डॉलर के करीब है। हालांकि, पिछले साल कोरोना वायरस की वजह से लगाए गये लॉकडाउन ने भारतीय अर्थव्यवस्था को बहुत बड़ा झटका दिया है, बावजूद इसके भारत का लक्ष्य बदला नही है।
अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए भारत भी G7 ग्रुप में शामिल होना चाहता है, ताकि भारतीय उद्योगों को यूरोपीय बाजार में रियायत के साथ ही आधुनिक टेक्नोलॉजी मिल सके। नरेन्द्र मोदी जहां एक बार G7 समिट में शामिल हुए, वहीं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने G7 समिट में पांच बार हिस्सा लिया था। ऐसे में अगर भारत G7 ग्रुप का हिस्सा बनता है, तो निश्चित तौर पर उसे वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान बनाने में कामयाबी हासिल होगी।
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