Year Ender 2018: श्रीलंका में पॉलिटिकल ड्रामे की हैप्पी एंडिंग, जानिए साल 2018 की बड़ी अंतरराष्ट्रीय घटनाएं
नई दिल्ली। एक और वर्ष का अंत हो गया और हर बार की तरह यह साल भी कई अच्छी और बुरी यादों के साथ विदा हो रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साल 2018 काफी हंगामेदार रहा है। चीन से लेकर पाकिस्तान और अमेरिका से लेकर रूस तक हर तरफ कई ऐसी खबरें रहीं जिन्होंने सुर्खियां बटोरी। साल की शुरुआत जहां भारत के पड़ोसी देश मालदीव में आपातकाल के साथ हुई तो साल के अंत में श्रीलंका में जारी राजनीतिक ड्रामे की 'हैप्पी एंडिंग' हुई। इसके अलावा टर्की के सऊदी कांसुलेट में वॉशिंगटन पोस्ट के जर्नलिस्ट जमाल खाशोगी की हत्या ने सऊदी अरब पर बड़ा संकट पैदा कर दिया है। एक नजर डालिए साल 2018 के बड़े और अहम अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों पर।
मालदीव में राजनीतिक उठा-पटक
इस साल की शुरुआत में मालदीव में आपातकाल का ऐलान हुआ तो दुनिया हैरान रह गई। फरवरी में तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने देश में 15 दिनों के लिए इमरजेंसी का ऐलान कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के नौ राजनीतिक बंदियों को रिहा करने का आदेश देने और राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के इस आदेश को मानने से इनकार करने के बाद बड़ी तादाद में लोगों के सड़कों पर उतरने और भारी राजनीतिक उथलपुथल के बाद मालदीव में इमरजेंसी की घोषणा की गई है। बड़े पैमाने पर दुनिया में इसकी आलोचना हुई और अमेरिका समेत कई देशों ने मालदीव से लोकतंत्र की बहाली का अनुरोध किया। 22 मार्च 2018 को यामीन ने देश में आपातकाल के खत्म होने का ऐलान किया। इसके बाद सितंबर में मालदीव में चुनाव हुए और यामीन की जगह इब्राहीम मोहम्मद सोलिह देश के राष्ट्रपति बने। सोलिह के राष्ट्रपति बनने से भारत ने चैन की सांस ली क्योंकि जहां यामीन चीन के करीबी और भारत के विरोधी थे तो वहीं सोलिह चीन के विरोधी हैं। सोलिह के राष्ट्रपति बनने से भारत इसलिए खुश था क्योंकि जो दूरियां यामीन के कार्यकाल में आ गई थीं, उन्हें सोलिह के कार्यकाल से दूर किया जा सकता है।
श्रीलंका में आखिरकार हुई हैप्पी एंडिंग
26 अक्टूबर को श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को उनके पद से हटा दिया। सिरीसेना ने महिंदा राजपक्षे को देश का पीएम नियुक्त किया और इसके साथ ही तीन वर्ष बाद राजपक्षे की श्रीलंका की सत्ता में वापसी हुई। विक्रमसिंघे ने राजपक्षे को पीएम मानने से इनकार कर दिया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचा। 13 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सिरीसेना की ओर से संसद भंग करने को अवैध बताया है। 16 दिसंबर को एक बार फिर से 51 दिन बाद रविवार को रानिल विक्रमसिंघे की देश के प्रधानमंत्री पद पर फिर से वापसी हुई। कोलंबो में राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने विक्रमसिंघे को शपथ दिलाई। इसके साथ ही श्रीलंका में जारी सियासी ड्रामे की हैप्पी एंडिंग हुई।
पाकिस्तान में इमरान के हाथ में आई सत्ता
भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में 25 जुलाई को संसदीय चुनाव हुए। इन चुनावों में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को विशाल जीत मिली और इसके साथ ही सत्ता पार्टी के मुखिया इमरान खान के हाथ में आई। इमरान खान ने जब साल 1996 में अपनी पार्टी पीटीआई की स्थापना की थी और साल 1997 में उन्होंने पहली सीट जीती, तब से ही उनके दिल में पाकिस्तान की पीएम बनने की तमन्ना जोर पकड़ रही थी। चुनावों से पहले पाकिस्तान के पूर्व पीएम और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के मुखिया नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के एक मामले में जेल में डाल दिया गया। नवाज के खिलाफ मामले को सुप्रीम कोर्ट में खारिज किया गया। अब नवाज फिर से पाकिस्तान की राजनीति में वापसी कर चुके हैं तो इमरान देश की सत्ता को संभाल रहे हैं।
किम जोंग उन ने रचा इतिहास, पहुंचे दक्षिण कोरिया
नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने 27 अप्रैल को उस समय इतिहास लिखा जब वह बॉर्डर पार करके साउथ कोरिया पहुंचे। किम जोंग उन नॉर्थ कोरिया के पहले ऐसे नेता बने जो छह दशकों में सैन्य बॉर्डर पार करके साउथ कोरिया पहुंचे हैं। किम जोंग ने यहां पर दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन से वार्ता की और दोनों देश परमाणु कार्यक्रम से जुड़ी अहम वार्ता पर पहुंचे। दोनों के बीच नॉर्थ कोरिया के परमाणु हथियारों पर विस्तार से बात हुई। इस यात्रा के दौरान किम वापस लौटते समय मून को नॉर्थ की तरफ भी लेकर गए और फिर दोनों नेता वापस साउथ कोरिया की तरफ आ गए। नॉर्थ और साउथ कोरिया दोनों देश 20वीं सदी के सबसे भयानक युद्ध के गवाह बने हैं जिसके बाद कोरियाई प्रायद्वीप में बंटवारा हो गया है। इस युद्ध के बाद से ही दोनों देशों में युद्ध की स्थिति है।
प्रिंस हैरी और कनैडियन एक्ट्रेस मेगन की शादी
लंदन में 15वीं सदी के विंडसर कैसल के सेंट जॉर्ज चर्च में प्रिंस हैरी और एक्ट्रेस मेगन मर्केल 19 मई को शादी के बंधन में बंध गए। प्रिंस हैरी और मेगन पिछले करीब ढाई वर्षों से रिलेशनशिप में थे और इस वर्ष मई में दोनों ने अपनी रिलेशनशिप को नया मुकाम दिया। इस शादी के साथ ही दोनों को नया रॉयल टाइटल ड्यूक एंड डचेज ऑफ ससेक्स टाइटल दिया गया। दोनों की शादी में बॉलीवुड एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा समेत करीब 600 मेहमान शामिल हुए। ड्यूक ऑफ ससेक्स यह टाइटल अभी तक किसी को भी नहीं दिया गया था। पहले से ही माना जा रहा था कि प्रिंस हैरी और उनकी पत्नी को यह टाइटल दिया जाएगा। अब प्रिंस हैरी और मेगन अप्रैल में अपने पहले बच्चे के स्वागत की तैयारियां कर रहे हैं।
ईरान पर फिर से लगे प्रतिबंध
अमेरिका ने अगस्त में ईरान पर फिर से नए और एकतरफ प्रतिबंध लगा दिए। इन प्रतिबंधों के साथ ही ईरान पर फिर से वही प्रतिबंध और सजा लागू हो गई जिन्हें साल 2015 पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में हटा लिया गया था। ओबामा के कार्यकाल में ईरान के साथ परमाणु समझौता हुआ था। इस समझौते को एतिहासिक समझौते की संज्ञा दी जाती है। लेकिन इस वर्ष पहले मई में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस डील को खत्मकिया और फिर अगस्त में ईरान पर पुराने प्रतिबंधों को फिर से लागू कर दिए गए। जब से ट्रंप ने परमाणु डील को रद्द करने का फैसला किया ईरान की मुद्रा रियाल की कीमत करीब आधी हो गई। ट्रंप जिस समय अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के लिए प्रचार कर रहे थे, उसी समय उन्होंने परमाणु डील से अमेरिका को बाहर करने का वादा किया था। इस वर्ष उन्होंने अपना यह वादा पूरा किया। ट्रंप ने एक बार फिर से इस डील को 'खतरनाक' और 'एक-पक्षीय' डील करार दिया था।
जेरूशलम में खुला अमेरिकी दूतावास
14 मई को इजरायल के जेरूशलम में अमेरिका के दूतावास का उद्घाटन हुआ। इस दूतावास के खुलते ही अमेरिका ने पिछले करीब सात दशकों से चली आ रही एक परंपरा को तोड़ दिया और जेरूशलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर मान्यता दी डाली। इस कार्यक्रम में अमेरिका के कई टॉप ऑफिशियल्स समेत राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी और ट्रंप प्रशासन में सर्वोच्च स्थान रखने वाली इवांका ट्रंप भी शामिल हुईं। इवांका के पति जरार्ड कश्नर यहूदी हैं और उनका परिवार इजरायल का ही रहने वाला है। इवांका के साथ जेरार्ड भी जेरूशलम पहुंच थे।
खाशोगी मर्डर ने सबकों चौंकाया
दो अक्टूबर को टर्की के इस्तानबुल में सऊदी अरब के कांसुलेट में एक ऐसी घटना घटी जिसने दुनिया को हैरान करके रख दिया। अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट के जर्नलिस्ट जमाल खाशोगी यहां पर अपनी मंगेतर हैतिस चेंगिज से शादी करने के लिए जरूरी कागजात लेने पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि चेंगिज ने करीब 11 घंटे तक वहां पर खाशोगी का इंतजार किया लेकिन वह बाहर ही नहीं आए। कई दिनों तक खाशोगी की तलाश होती रही और कई लोगों ने इस बात का अंदेशा जताया कि उनकी हत्या कर दी गई है। 15 अक्टूबर को सऊदी अरब ने माना कि खाशोगी जिंदा नहीं हैं। अब उनकी हत्या का इल्जाम सऊदी के राजकुमार मोहम्मद बिन सलमान पर है हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस बात को मानने से इनकार कर चुके हैं।