राष्ट्रपति ओलांद ने कहा इस्लामिक आतंकवाद के खतरे में फ्रांस
पेरिस। फ्रांस के दक्षिणी शहर नीस में नेशनल डे के मौके पर हुए हमले के बाद ष्ट्रपति फ्रांसुआ ओलांद ने कहा है कि यह साफ तौर पर आतंकी हमला था। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह सेनाओं से बात करेंगे और हो सकता है कि फ्रांस में इमरजेंसी को और बढ़ा दिया जाए।
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आतंकवाद का चरित्र पहचानना मुश्किल
आपको बता दें कि नंवबर 2015 में पेरिस में हुए आतंकी हमलों के बाद फ्रांस में इमरजेंसी लगाई गई थी जिसे आज यानी 15 जुलाई को खत्म होना था। ओलांद ने कहा कि नीस हमले के पीछे आतंकवाद का चरित्र क्या था, इसे परिभाषित नहीं किया जा सकता है।
पढ़ें-नीस
की
सड़क
पर
पिन
की
तरह
उड़
रही
थीं
डेडबॉडीज!
उन्होंने कहा कि यह साफ है कि हमें आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपना सबकुछ झोंक देना होगा। ओलांद ने इसके साथ ही सुरक्षा इंतजामों को लेकर कुछ जानकारियां भी दीं। उन्होंने बताया कि फ्रांस इस्लामिक आतंकवाद के साए में जीने को मजबूर है लेकिन इसके बाद भी मजबूत है।
अब क्या करेगा फ्रांस
- जनवरी 2015 में फ्रांस में ऑपरेशन सेंटीनेले को शुरू किया गया।
- इसके तहत अलग-अलग जगहों पर तैनात 7,000 मिलिट्री पर्सनल को अभी हटाया नहीं जाएगा।
- फ्रांस के स्कूलों, कॉलेजों और मेट्रो स्टेशन के बाहर इन 7,000 मिलिट्री पर्सनल को चौकस रहना होगा।
- इन जवानों की मदद के लिए ओलांद देश के उन पर्सनल से बात करेंगे जो मिलिट्री या फिर पुलिस का हिस्सा रहें हैं।
- ये पर्सनल इन 7,000 मिलिट्री पर्सनल की मदद करेंगे जो कि ऑपरेशन का ही हिस्सा होगा।
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फ्रांस
की
सीमोओं
पर
खासतौर
पर
जवानों
की
तैनाती
को
बढ़ाया
जाएगा।