शशि थरूर और पत्रकारों के खिलाफ केस पर UN ने कहा-सबको अपने "मन की बात" कहने की आजादी
नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस पर किसानों के ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा को लेकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर और देश के कई वरिष्ठ पत्रकारों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है। इसे लेकर जब पाकिस्तान के एक पत्रकार ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक गुटेरेस से सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक मौलिक अधिकारी है। उन्होंने कहा कि, ' मैं उस मामले के बारे में विशेष कुछ नहीं जानता हूं। लेकिन, मैं आपको इतना बता सकता हूं कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक मौलिक सार्वभौमिक स्वतंत्रता है और लोगों को अपने मन की बात कहने और खुलकर बोलने में सक्षम होना चाहिए।'
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बता दें कि नोएडा पुलिस ने शशि थरूर, पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडे, विनोद के जोस (कारवां) और अन्य पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया है। 28 जनवरी को दर्ज की गई एक प्राथमिकी में कहा गया है कि उन्हें 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान एक किसान की मौत से संबंधित ट्वीट करने और गलत खबर फैलाने के लिए नामजद किया गया है।
एडिटर्स गिल्ड ने भी मुकदमा दर्ज करने को बताया गलत
एडिटर्स गिल्ड ने यह कहते हुए उनके खिलाफ कथित ट्वीट के आधार पर मामला दर्ज किए जाने की आलोचना की है। एडिटर्स गिल्ड की तरफ से कहा गया है कि वे स्थापित पत्रकारिता प्रथाओं के अनुरूप हैं। एडिटर्स गिल्ड के बयान में कहा गया है कि विरोध-प्रदर्शन के दिन प्रत्यक्षदर्शियों के साथ-साथ पुलिस की ओर से भी कई तरह की खबरें आ रही थीं। इसलिए पत्रकारों के लिए सभी विवरणों को रिपोर्ट करना स्वाभाविक था। यह स्थापित पत्रकारिता प्रथाओं के अनुरूप है।
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