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कोरोना को हराने के लिए हमें फेक न्यूज जैसी महामारी से भी लड़ना होगा: रेड क्रॉस प्रमुख

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस संकट के बीच लोगों को वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार है। इस बीच भारत में वैक्सीन को मंजूरी मिलने से पहले कोरोना वायरस के टीके को लेकर कई तरह की भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस एंड रेड क्रिसेंट सोसाइटीज के प्रमुख फ्रांसेस्को रोक्का ने विश्वभर की सरकारों और संस्थाओं से आग्रह किया है कि वह वैक्सीन और कोविड-19 की दूसरी लहर को लेकर फैलाए जा रहे फेक न्यूज के खिलाफ सख्त कदम उठाएं। फ्रांसेस्को रोक्का ने यह भी कहा कि हमें कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर दुनियाभर के समुदायों में विश्वास पैदा करने की आवश्यकता है।

Francesco Rocca said to beat this pandemic we also have to defeat the parallel pandemic of distrust

फ्रांसेस्को रोक्का ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इस महामारी को हराने के लिए, हमें लोगों में फैल रही अविश्वास जैसी महामारी को भी खत्म करना होगा। उन्होंने कहा, दुनिया भर में कोविड-19 वैक्सीन को लेकर लोगों में एक झिझक है, हाल ही में 67 देशों में किए गए हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में पाया गया है कि इस वर्ष जुलाई से अक्टूबर तक अधिकांश देशों में वैक्सीन की स्वीकृति में काफी गिरावट आई है। अध्ययन में पाया गया कि एक चौथाई देशों में कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन की स्वीकृति दर 50 प्रतिशत के पास या उससे कम थी।

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फ्रांसेस्को रोक्का ने इस दौरान कुछ देशों के उदाहरण भी दिए जिनमें जापान में वैक्सीन की स्वीकृति दर 70 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक रही वहीं, फ्रांस में स्वीकृति दर में 51 प्रतिशत से 38 प्रतिशत रही। फ्रांसेस्को रोक्का ने इस दौरान कुछ देशों के उदाहरण भी दिए। जापान में वैक्सीन की स्वीकृति दर 70 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक रही वहीं, फ्रांस में स्वीकृति दर में 51 प्रतिशत से 38 प्रतिशत रही। फ्रांसेस्को ने महासंघ के शोध का हवाला देते हुए कहा है कि आठ देशों में हाल के महीनों में वैक्सीन को लेकर लोगों में विश्वास की कमी देखी गई है। इनमें कांगो, कैमरून, गैबॉन, जिम्बाब्वे, सिएरा लियोन, रवांडा, लेसोथो और केन्या जैसे देश शामिल हैं, जहां COVID-19 संक्रमण के जोखिम की धारणाओं में लगातार गिरावट दर्ज की गई है।

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English summary
Francesco Rocca said to beat this pandemic we also have to defeat the parallel pandemic of distrust
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