जानिए, उन 3 वैज्ञानिकों के बारे में जिन्हें मिला केमिस्ट्री में नोबेल पुरस्कार
स्टॉकहोम। केमिस्ट्री के लिए वर्ष 2018 का नोबेल पुरस्कार का बुधवार को घोषणा की गई। इस साल रसायन विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार तीन लोगों फ्रांसेस अर्नोल्ड, जार्ज स्मिथ और ग्रेगरी विंटर को सम्मलित रूप से दिया गया है। तीनों वैज्ञानिकों को यह सम्मान क्रमविकास के सिद्धांतों का उपयोग कर जैव ईंधन से ले कर औषधि तक, हर चीज बनाने में इस्तेमाल होने वाले एंजाइम का विकास करने के के लिए दिया गया है।
फ्रांसेस अर्नोल्ड को पुरस्कार राशि 90 लाख स्वीडिश क्रोनोर की आधी रकम की दी जाएगी। वहीं वाकी दो लोगों के बीच आधी रकम को बांट दिया जाएगा। अर्नोल्ड रसायन विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल जीतने वाली पांचवीं महिला हैं। एकेडमी की नोबेल कैमेस्ट्री कमेटी के प्रमुख क्लेस गुस्तफसन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 2018 के नोबेल विजेताओं ने डार्विन के सिद्धांत को परखनली में उतारा। उन्होंने आन्विक स्तर पर क्रमविकास की प्रक्रियाओं की समझ का उपयोग किया और अपनी प्रयोगशाला में उसे सच साबित कर दिखाया।
ये भी पढ़ें: ऑर्थर , गेरार्ड और डोना स्ट्रिक्लैंड को मिला भौतिकी का नोबेल
अर्नोल्ड कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी में प्रोफेसर हैं। वह जीवाश्म ईधन की विशेषज्ञ हैं। नये प्रोटीनों के निर्माण की उनकी पद्धति का इस्तेमाल गन्ना को जैव ईंधन जैसे नवीकरणीय संसाधनों में बदलने और पर्यावरण अनुकूल रसायनिक पदार्थ बनाने में किया गया।
वहीं ग्रेगरी विंटर यूनिवर्सिटी ऑफ मिसूरी के स्मिथ और कैंब्रिज में एमआरसी लेबोरेटरी ऑफ मॉलीक्यूलर बॉयोलॉजी में प्रोफेसर हैं। उनकी खोज अर्थराइटिस, सोराइसिस और आंत की सूजन जैसी बीमारी के लिए औषधि के बेहतर बनाने में साहयक होगी। जॉर्ज पी स्मिथ 1941 में संयुक्त राज्य अमेरिका के नॉर्वक में पैदा हुआ थे। वह एमेरिटस ऑफ बायोलॉजिकल साइंसेज, मिसौरी विश्वविद्यालय, कोलंबिया, यूएसए में प्रोफेसर है।
नोबल पुरस्कार की घोषणा, चिकित्सा में इन दो वैज्ञानिकों को दिया गया ये सम्मान