फ्रांस ने गूगल पर लगाया 60 मिलियन डॉलर का जुर्माना, प्राइवेसी नियमों के उल्लंघन का आरोप
पेरिस। फ्रांस में सर्च इंजन गूगल पर 50 मिलियन यूरो यानी 56.8 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया गया है। फ्रांस के प्राइवेसी रेगुलेटर के तहत यूरोपियन यूनियन (ईयू) के नियमों के तहत फाइन लगाया गया है। फ्रांस की डाटा अथॉरिटी कमीशन नेशनल दे इनफॉर्मेटिक एट डेस लिबरटीज (सीएनआईएल) की ओर से यह कार्रवाई की गई है। संस्था का कहना है कि गूगल पर जो फाइन लगाया है वह पूरी तरह से जायज है क्योंकि कंपनी ने कई सिद्धांतों का उल्लंघन किया है। सीएनआईएल की मानें तो कंपनी ने ईयू के जनरल डाटा प्रोटेक्शन रूल्स के मूलभूत नियमों को तोड़ा है जो पारदर्शिता, जानकारी और आपसी सहमति से जुड़े हुए हैं।
पुराने नियमों के तहत नहीं होती थी सख्त कार्रवाई
ईयू के नियम 25 मई से प्रभावी थे और इनमें नेशनल प्राइवेसी रेगुलेटर्स को जुर्माना लगाने की आजादी दी गई थी। गूगल पहले भी सीएनआईएल की सुरक्षा में आ चुका है लेकिन पुराने नियमों के तहत उस पर जुर्माना कभी भी 150,000 यूरो से ज्यादा नहीं लगाया जा सका था। सीएनआईएल को पहली बार नए नियमों का फायदा लिमा है और कई और देशों की ओर से भी जुर्माने की प्रक्रिया को अपनाया गया है। हालांकि गूगल इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकता है। गूगल के खिलाफ कार्रवाई दो शिकायतों के आधार पर हुई है। पहली शिकायत को नॉयब की ओर से दर्ज कराया गया था। इस ग्रुप को ऑस्ट्रियन प्राइवेसी एक्टिविस्ट मैक्स स्क्रेम्स की ओर से बनाया गया था। गूगल पर आरोप लगे हैं कि उसने यूजर्स को नई प्राइवेसी नीतियों को मानने के लिए मजबूर किया था।