फ्रांस में विपक्ष की नेता की मांग, पाकिस्तानियों की एंट्री की जाए बैन
पेरिस। फ्रांस में अक्टूबर माह में हुए दो आतंकी हमलों के बाद इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने की मांग तेज होती जा रही है। विपक्ष की नेता मैरिन ले पेन ने अब सरकार से पाकिस्तान और बांग्लादेश से जुड़ी एक ऐसी मांग कर डाली है जो इन देशों खासतौर पर पाक की मुश्किलें बढ़ाने वाली हैं। पेन ने मांग की है कि पाक और बांग्लादेश से आकर यहां बसने वाले अप्रवासियों पर बैन लगा देना चाहिए। उन्होंने यह मांग दक्षिण एशिया के इन दोनों देशों में होने वाले विरोध प्रदर्शनों के चलते की है। आपको बता दें कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो की तरफ से की गई टिप्पणी से नाराज पाकिस्तान और बांग्लादेश के लोग बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन पर उतर आए हैं।
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पाक-बांग्लादेश में हो रहे प्रदर्शन
ले पेन ने ट्वीट की अपनी मांग सरकार के सामने रखी है। फ्रेंच में की गई ट्वीट का अनुवाद कुछ इस तरह से हैं, 'आज बांग्लादेश और पाकिस्तान में नए सिरे से हिंसा विरोध प्रदर्शन हुए हैं। इन्हें देखते हुए मैं सरकार से मांग करती हूं कि इन देशों से आने वाले लोगों को राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम तुरंत बैन कर दिया जाना चाहिए।' पाक और बांग्लादेश में हजारों की संख्या में मुसलमान इकट्ठा हुए थे। इन लोगों ने राष्ट्रपति मैंक्रो के पुतले जलाए और सड़कों पर इनका प्रदर्शन किसी को भी दहशत में डालने वाला था। मैंक्रो इस समय हर मुस्लिम देश के निशाने पर हैं। 16 अक्टूबर को जब एक टीचर का सिर कलम कर दिया गया था तो मैंक्रो ने फ्रांस की संस्कृति की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि फ्रांस पैगंबर मोहम्मद के कार्टून छापना बंद नहीं करेगा।
मदरसे में मैंक्रो के पुतले का सिर कलम
मुसलमान समुदाय के लोग पैगंबर मोहम्मद के चित्रण को ईशनिंदा के तहत मानते हैं। टीचर की निर्मम हत्या के बाद कई जगह पर फ्रेंच नागरिकों ने इन कार्टूनों का प्रदर्शन किया था। इसकी वजह से मुसलमान खासे नाराज हैं। मैंक्रो ने हिस्ट्री के टीचर सैमुअल पैटी की हत्या के बाद कहा था, 'उन्हें इस्लामिक आतंकियों ने इसलिए मार दिया क्योंकि वह हमारा भविष्य चाहते थे। लेकिन फ्रांस कार्टूनों को नहीं त्यागेगा।' शुक्रवार को पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन के नाम पर अजब-गजब वाकया हुआ। यहां पर मदरसे में पढ़ाने वाले टीचर ने छात्राओं के सामने मैंक्रो के पुतले का सिर कलम कर दिया। इन छात्राओं में से कई ऐसी थीं जिनकी उम्र बहुत कम थी। वहीं बांग्लादेश की राजधानी ढाका में भी प्रदर्शन जारी हैं। बताया जा रहा है कि एक प्रदर्शन में करीब 40,000 लोगों ने हिस्सा लिया है जिसे इस्लामी आंदोलन बांग्लादेश की तरफ से आयोजित किया गया था। पाक की राजधानी इस्लामाबाद में भी 2000 प्रदर्शनकारियों ने फ्रांस के दूतावास तक मार्च निकाला था।