सरकार विरोध दंगों से फ्रांस में बनी आपातकाल की स्थिति, राष्ट्रपति ने बुलाई सिक्योरिटी मीटिंग
पेरिस। फ्रांस की सड़कों पर पिछले तीन हफ्तों से लाखों की संख्या में प्रदर्शनकारी तेल की कीमतों की वजह से सरकार विरोधी प्रदर्शन कर रहे हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों में हो रही हिंसा और गिरफ्तारियों के बाद फ्रांस की सरकार देश में आपातकाल लागू करने का मन बना रही है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए सुरक्षाकर्मियों की आपात मीटिंग बुलाई है। सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि देश में अराजकता की स्थिति से निपटने के लिए आपातकाल लगाया जा सकता है। फ्रांस में पिछले एक दशक के बाद ऐसी घटना देखने को मिल रही है।
पेरिस में प्रदर्शनकारियों को काले मास्क में देखा जा सकता है, जो सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं। सेंट्रल पेरिस में शनिवार को मास्क पहने प्रदर्शनकारियों ने कई गाड़ियों और इमारतों को आग के हवाले कर दिया। कई प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी कर दुकानों और घरों को शीशे तोड़ दिए तो कई उपद्रवियों ने दुकानों को भी लूट लिया। इमैन्यु्एल मैक्रों को सत्ता में आए फिलाहाल 18 महीनें ही हुए हैं और उन्हें अपने देश में गृह युद्ध जैसी चुनौती का सामना करना पड़ा रहा है।
शनिवार को शांति से प्रदर्शनकारी सरकार विरोधी मार्च निकाल रहे थे, लेकिन कुछ ही घंटे बाद प्रदर्शनकारियों सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प हो गई। पेरिस में आज हुई हिंसा में 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिसमें 23 सुरक्षाकर्मी भी शामिल है। इस हिंसा में अब तक तीन लोगों की मौत भी हो चुकी है।
मैक्रों सरकार पिछले एक साल से तेल की कीमतों को कम करने में नाकाम रही है। फ्रांस में सरकार विरोधी दंगे पिछले महीने 17 नवंबर को बढ़ती तेल की कीमतों की वजह से शुरू हुए थे और इसमें सोशल मीडिया का सबसे बड़ा रोल बताया जा रहा है। ना सिर्फ पेरिस में बल्कि फ्रांस के कई बड़े शहरों में लोग सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी सड़कों को ब्लॉक कर रहे हैं, शॉपिंग मॉल, फैक्टरियों और तेल डीपों पर प्रदर्शनकारी उपद्रव मचा रहे हैं।