उत्तराखंड त्रासदी पर फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों ने जताया दुख, बोले- भारत के साथ खड़ा है फ्रांस
नई दिल्ली। उत्तराखंड में रविवार को आई भयानक प्राकृतिक आपदा ने एक बार फिर लोगों को 2013 की त्रासदी को याद दिला दिया। चमोली का नंदादेवी ग्लेशियर टूटने से आस-पास के इलाकों में भीषण बाढ़ आ गई। इस हादसे में 100 से अधिक लोगों के मरने की आशंका जताई जा रही है, अभी तक रेस्क्यू टीम ने आठ शव बरामद किए हैं। उत्तराखंड में आई त्रासदी को लेकर देश-दुनिया के नेता अपनी संवेदना व्यक्त कर रहे हैं। फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस दुख की घड़ी में भारत के साथ खड़े होने की बात कही है।
बता दें कि ग्लेशियर टूटने से चमोली से निकले वाली नदी के आस-पास तबाही का मंजर हैं, इस हादसे में कई लोग लापता हैं तो कईयों के मारे जाने की संभावना जताई जा रही हैं। रविवार को आई इस त्रासदी पर दुख प्रकट करते हुए फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भारत के साथ पूरी एकजुटता व्यक्त की है। उन्होंने कहा, इस हादसे में 100 से ज्यादा लोग लापता हो गए हैं। हमारे विचार उनके और उनके परिवारों के साथ हैं। बता दें कि रेस्क्यू ऑपरेशने में आटीबीपी जवानों के साथ साथ भारतीय सशस्त्र बल जुट गए हैं। ITBP ने तपोवन टनल में फंसे 15 लोगों को बाहर निकाला है। 250 मीटर लंबी सुरंग में बचाव कार्य अभी भी जारी है।
France expresses its full solidarity with India, after a glacier burst in the Uttarakhand province, leading to the disappearance of over 100 people. Our thoughts are with them and their families: French President Emmanuel Macron
(file pic) pic.twitter.com/52FI2Zn3zr
— ANI (@ANI) February 7, 2021
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आपातकालीन
नंबर
जारी
प्रकृतिक
आपदा
के
बाद
राज्य
के
सीएम
त्रिवेंद्र
सिंह
रावत
ने
किसी
भी
आपातकालीन
स्थिति
के
लिए
आपदा
संचालन
सेंटर
नंबर
1070,
9557444486
पर
कॉल
करने
को
कहा
है।
उत्तराखंड
के
सीएम
त्रिवेंद्र
सिंह
रावत
ने
ट्वीट
कर
कहा,
"यदि
आप
प्रभावित
क्षेत्रों
में
फंसे
हुए
हैं
और
आपको
किसी
सहायता
की
आवश्यकता
है।
आपदा
परिचालन
केंद्र
संख्या
1070
या
9557444486
पर
संपर्क
करें।''
वहीं,
थोड़ी
देर
पहले
ही
सीएम
रावत
ने
हालात
सुधरने
को
लेकर
जानकारी
दी
है।
उन्होंने
कहा,
"राहत
की
खबर
ये
है
कि
नंदप्रयाग
से
आगे
अलकनंदा
नदी
का
बहाव
सामान्य
हो
गया
है।
नदी
का
जलस्तर
सामान्य
से
अब
1
मीटर
ऊपर
है
लेकिन
बहाव
कम
होता
जा
रहा
है।