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स्वेज़ नहर के बंद होने से आपकी जेब पर असर क्यों पड़ सकता है- चार वजहें

स्वेज़ नहर में मंगलवार को चीन से नीदरलैंड जा रहा मालवाहक जहाज़ फंस गया. इससे समुद्र से माल की ढुलाई ठप्प हो गई है.

By BBC News हिन्दी
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स्वेज़ नहर, व्यापार
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स्वेज़ नहर, व्यापार

विश्व व्यापार की रीढ़ के रूप में मशहूर स्वेज़ नहर दुनिया की मुख्य समुद्री क्रॉसिंग में से एक है. इससे दुनिया के कुल क़ारोबार का 12 फ़ीसदी माल गुज़रता है.

ऐसे में चीन से नीदरलैंड जा रहे मालवाहक जहाज़ के मंगलवार की सुबह फंस जाने के बाद अब तक उसके न निकलने से दुनिया के क़ारोबार पर गंभीर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है.

इस मालवाहक जहाज़ ने बाकी जहाजों के रास्ते को रोक दिया है.

डेनमार्क की कंसल्टेंसी फ़र्म सी-इंटेलिजेंस में प्रॉडक्ट्स और आपरेशंस के उपाध्यक्ष नील्स मैडसेन का अंदाज़ा है कि अगर यह जहाज़ और 48 घंटे तक फंसा रहा तो पहले से गंभीर दशा धीरे-धीरे ख़राब होती जाएगी.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स को उन्होंने बताया कि यदि ऐसा तीन से पांच दिनों तक हो गया तो विश्व व्यापार पर इसका बहुत बुरा असर पड़ना शुरू हो जाएगा. माल की आवाजाही रूकने से महंगाई के बढ़ने की आशंका सबसे आम है.

स्वेज़ नहर, व्यापार, मिस्र
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स्वेज़ नहर, व्यापार, मिस्र

स्वेज़ नहर इतना महत्वपूर्ण क्यों हैं?

1) पूरब और पश्चिम को एकजुट करने की एक महत्वपूर्ण कड़ी

स्वेज़ नहर मिस्र में स्थित 193 किलोमीटर की नौगम्य नहर है जो भूमध्य सागर को लाल सागर से जोड़ती है. यह एशिया और यूरोप के बीच सबसे छोटा समुद्री लिंक है. यह जलमार्ग मिस्र में स्वेज़ इस्थमस (जलडमरूमध्य) को पार करती है. इस नहर में तीन प्राकृतिक झीलें शामिल हैं.

1869 से सक्रिय इस नहर का महत्व इसलिए है कि दुनिया के पूर्वी और पश्चिमी भाग को आने-जाने वाले जहाज़ इसके पहले अफ्रीका के दक्षिणी सिरे पर मौज़ूद केप ऑफ गुड होप होकर जाते थे. लेकिन इस जलमार्ग के बन जाने के बाद पश्चिमी एशिया के इस हिस्से से होकर यूरोप और एशिया को जहाज़ जाने लगे.

विश्व समुद्री परिवहन परिषद के अनुसार इस नहर के बनने के बाद एशिया और यूरोप को जोड़ने वाले जहाज़ को नौ हजार किलोमीटर की दूरी कम तय करनी पड़ती है. यह कुल दूरी का 43 फ़ीसदी हिस्सा है.

2) 9.5 बिलियन का दैनिक मूल्य

कंसल्टेंसी फर्म लॉयड्स लिस्ट के अनुसार, बुधवार को 40 मालवाहक जहाज़ और 24 टैंकर नहर पार करने के इंतज़ार में फंसे थे.

इन जहाज़ों पर अनाज, सीमेंट जैसे ड्राई प्रॉडक्ट लदे हैं. वहीं टैंकरों में पेट्रोलियम उत्पाद भरे हैं.

समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग के अनुसार पशुधन और पानी के टैंकर ले जाने वाले आठ जहाज भी फंसे हुए हैं.

स्वेज़ नहर की स्थिति और इसके महत्व को देखते हुए इसे पृथ्वी के कुछ 'चोक पॉइंट' में से एक कहा जाता है. इसलिए अमेरिकी एनर्जी एजेंसी स्वेज़ नहर को वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा और हर तरह के माल की आपूर्ति के लिए ज़रूरी मानता है.

एक अनुमान के अनुसार स्वेज़ नहर से क़रीब 19 हजार जहाज़ों से हर साल 120 करोड़ टन माल की ढुलाई होती है. लॉयड्स लिस्ट का मानना है कि इस नहर से हर दिन 9.5 अरब डॉलर मूल्य के मालवाहक जहाज़ गुजरते हैं. इनमें से लगभग पांच अरब डॉलर के जहाज़ पश्चिम को और 4.5 अरब डॉलर पूरब को जाते हैं.

3) सप्लाई चेन के लिए काफ़ी अहम

ज़ानकारों का कहना है कि यह चैनल दुनिया में माल की सप्लाई के लिए काफ़ी ज़रूरी है. इसलिए इसके अवरुद्ध होने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं.

सी इंटेलिजेंस के विश्लेषक लार्स जेन्सेन कहते हैं कि पहली समस्या पोर्ट कंजेशन में हो सकती है.

उन्होंने कहा, "यदि हम यह मानकर चलें कि सभी जहाज़ भरे हुए हैं. तो 55 हजार टीईयू (कंटनेर की क्षमता मापने वाली इकाई) के लिहाज से दो दिन के अंदर कुल 110 हजार टीईयू माल जो एशिया से यूरोप जा रहा होगा, फंस जाएगा. और जाम खत्म होते ही ये सारे जहाज़ यूरोपीय बंदरगाहों पर एक साथ पहुंचेगे जिससे वहां का लोड भी पीक पर पहुंच जाएगा."

जेन्सेन का अनुमान है कि एक हफ़्ते के भीतर हमें यूरोपीय बंदरगाहों पर भारी दबाव देखना पड़ेगा. उनकी राय में इस समस्या के चलते दुकानों में बिकने वाला हर माल की आपूर्ति और उसकी क़ीमत के प्रभावित होने की आशंका है.

स्वेज़ नहर, व्यापार, मिस्र
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स्वेज़ नहर, व्यापार, मिस्र

4) महंगाई बढ़ने का ख़तरा

अमेरिका में नॉर्थ कैरोलिना के कैंपबेल यूनिवर्सिटी में समुद्री मामलों के जानकार और इतिहास के प्रोफेसर सल्वाटोर मर्कोग्लियानो का मानना है कि इस समस्या के विश्व व्यापार पर गंभीर असर हो सकते हैं.

बीबीसी के साथ बातचीत में उन्होंने बताया, "नहर के बंद होने से मालवाहक जहाज़ और तेल टैंकर यूरोप में भोजन, ईंधन और तैयार माल नहीं पहुंचा पा रहे हैं. इस चलते यूरोप से सुदूर पूर्व तक भी कोई माल नहीं भेजा जा रहा है."

बीबीसी के आर्थिक संवाददाता थियो लेगट्ट ने कहा, "स्वेज़ नहर पेट्रोलियम और तरल प्राकृतिक गैस की ढुलाई के लिए काफी अहम है, क्योंकि मध्य पूर्व से ईंधन को यूरोप तक लाया जाता है."

स्वेज़ नहर, व्यापार, मिस्र
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स्वेज़ नहर, व्यापार, मिस्र

लॉयड्स लिस्ट इंटेलिजेंस ने बताया कि आंकड़ों के अनुसार पिछले साल इस नहर से 5,163 टैंकर गुज़रे थे. इससे हर दिन क़रीब बीस लाख बैरल तेल की ढुलाई हुई थी.

अमेरिका की ईआईए के अनुसार, स्वेज़ नहर और सुमेड पाइपलाइन (भूमध्यसागर के अलेक्जेंड्रिया से स्वेज़ खाड़ी तक) के ज़रिए समुद्र से होने वाले कुल तेल क़ारोबार के नौ फ़ीसदी और तरल प्राकृतिक गैस के आठ फ़ीसदी की ढुलाई होती है.

नहर के इसी महत्व और मौज़ूदा समस्या को देखते हुए बुधवार को तेल के दाम छह फ़ीसदी से ज़्यादा बढ़ गए. हालांकि गुरुवार को इसमें गिरावट आई.

आईएनजी बैंक का मानना है कि यदि यह रूकावट लंबे समय तक रही तो ज़्यादा संभावना है कि खरीदारों को कहीं और से तेल की आपूर्ति सुरक्षित करने के लिए नक़दी बाज़ार की ओर रुख़ करना होगा.

कंटेनरों को यह भी तय करना होगा कि क्या उसे खाली करने के लिए इंतज़ार करना है या 'केप ऑफ गुड होप' होकर जाना है. बैंक के अनुसार दोनों विकल्पों में से किसी को भी चुनने पर माल ढुलाई में देरी होगी.

जानकारों की राय में मौज़ूदा समस्या का असल प्रभाव समय के साथ ही सामने आ पाएगा.

रिस्ताद कैबिनेट के ब्योनार टोनहुगेन ने समाचार एजेंसी एएफ़पी को बताया, "इस समस्या का असर शायद कमजोर और कुछ समय के लिए होगा. लेकिन यदि यह रूकावट ज़्यादा समय तक चली तो इससे महंगाई बढ़ेगी ही. यह असर लंबे समय तक बना रहेगा."

स्वेज़ नहर, व्यापार, मिस्र
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अन्य सामानों पर असर

लंदन की क्लाइड एंड को के समुद्री मामलों के वकील इयान वुड्स ने एनबीसी को बताया, "अन्य जहाजों पर लाखों डॉलर के सामान हैं. यदि नहर को जल्दी सामान्य नहीं किया गया तो जहाज़ दूसरे रास्तों से जाएंगे. इसका अर्थ है ज़्यादा समय और अधिक लागत. और यह आख़िरकार उपभोक्ताओं से ही वसूला जाएगा."

बीबीसी के एक विशेषज्ञ लेगेट ने कहा कि यह एक बुरा सपना है.

उन्होंने कहा, "इससे पता चला है कि एवर गिवेन जैसे नई पीढ़ी के बड़े जहाज़ों के नहर की संकरी सीमा से गुजरने पर क्या ग़लत हो सकता है."

हालांकि, नहर के कुछ हिस्सों को 2015 में आधुनिकीकरण की योजना के तहत चौड़ा किया गया था. फिर भी इसमें नेविगेट करना बहुत मुश्किल है. यही नहीं भविष्य में ऐसी और भी गंभीर दुर्घटनाएं होने की आशंका है.

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English summary
Four reasons why the closure of the Suez Canal may affect your pocket
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