अमेरिका के पूर्व NSA बोल्टन ने बताया, चीन के साथ विवाद में डोनाल्ड ट्रंप किसका साथ देंगे
वॉशिंगटन। भारत और चीन के बीच पांच मई से पूर्वी लद्दाख में जो टकराव हुआ, उस पर अमेरिका की तरफ से भी कई तरह की प्रतिक्रियाएं आईं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से लेकर विदेश मंत्री माइक पोंपेयो तक ने कहा कि उनका देश हर मुश्किल घड़ी में भारत के साथ खड़ा रहेगा। लेकिन ट्रंप के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जॉन बोल्टन ने इस बात से इनकार कर दिया है। जॉन बोल्टन की मानें तो इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि ट्रंप, चीन के खिलाफ भारत की मदद साथ समर्थन करेंगे।
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चुनाव के बाद चीन के साथ बड़ी ट्रेड डील
भारतीय न्यूज चैनल वियॉन को दिए इंटरव्यू में बोल्टन ने इस मुद्दे पर खुलकर बातचीत की। उन्होंने कहा, 'अगर भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ता है, तो मुझे नहीं लगता कि डोनाल्ड ट्रंप भारत के समर्थन में आगे आएंगे। मैं नहीं जानता कि नवंबर के चुनाव के बाद ट्रंप क्या करेंगे, लेकिन यदि वह सत्ता में वापस आते हैं, तो उइगर मुस्लिमों पर अत्याचार और हांगकांग को लेकर चीन का विरोध नहीं करेंगे। इसके विरीत वह चीन से बड़ी ट्रेड डील करेंगे, इसलिए यदि भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ता है, तो मुझे नहीं लगता कि डोनाल्ड ट्रंप भारत के साथ खड़े होंगे।'
बोल्टन बोले-इतिहास से अनजान हैं ट्रंप
उनसे पूछा गया कि क्या मौजूदा समय में यदि भारत और चीन में टकराव बढ़ता है, तो क्या अमेरिका के भारत का साथ देने की कोई गारंटी नहीं है? इस पर बोल्टन ने कहा, 'हां, यह सही है। मुझे नहीं लगता कि ट्रंप, सीमा संघर्ष के महत्व को समझते हैं और उन्हें भारत-चीन के बीच हिंसक झड़पों के इतिहास के बारे में कुछ पता है। उन्हें भले ही इसके बारे में बताया जा सकता है, लेकिन इतिहास का ज्ञान होना भी जरूरी है।' उन्होंने आगे कहा कि ट्रंप जानते हैं कि इस बार का चुनाव उनके लिए आसान नहीं है, इसलिए वह चुनावी फायदे को ध्यान रखकर काम कर रहे हैं। उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता कि इससे भारत को फायदा होगा या चीन हो।