UN के पूर्व मुखिया कोफी अन्नान ने हेट स्पीच की वजह से सांप्रदायिक हिंसा को लेकर फेसबुक पर साधा निशाना
यूनाइटेड नेशंस (यूएन) के पूर्व मुखिया कोफी अन्नान ने हेट स्पीच को लेकर सोशल नेटवर्किंग फेसबुक पर निशाना साधा है। अन्नान ने कहा है फेसबुक को कुछ देशों में हेट स्पीच की वजह से बढ़ रही हिंसा से निबटने के लिए एक स्पेशल टीम तैयार करनी चाहिए।
सैन फ्रांसिस्को। यूनाइटेड नेशंस (यूएन) के पूर्व मुखिया कोफी अन्नान ने हेट स्पीच को लेकर सोशल नेटवर्किंग फेसबुक पर निशाना साधा है। अन्नान ने कहा है फेसबुक को कुछ देशों में हेट स्पीच की वजह से बढ़ रही हिंसा से निबटने के लिए एक स्पेशल टीम तैयार करनी चाहिए। अन्नान ने यह बात म्यांमार और बांग्लादेश के परिपेक्ष्य में कही है। यूएन की ह्यूमन राइट्स टीम में शामिल एक्सपर्ट्स ने मार्च में कहा था कि फेसबुक ने म्यांमार में हेट स्पीच को बढ़ावा देने में एक बड़ा रोल अदा किया है। यह टीम म्यांमार संभावित नरसंहार की जांच कर रही है। पिछले वर्ष अगस्त में म्यांमार में कई हमलों के बाद यहां पर सुरक्षा व्यवस्था से जुड़ी कार्रवाई की गई थी और इस कार्रवाई में करीब 700,000 रोहिंग्या मुसलमान म्यांमार से बांग्लादेश में दाखिल हो गए थे।
तेजी से खतरे से निबटे फेसबुक
गुरुवार को अन्नान ने कहा कि फेसबुक को म्यांमार जैसे देशों में सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े खतरों से और तेजी से निबटने की जरूरत है और इसके लिए एक स्पेशल टीम को तैयार करना चाहिए। अन्नान के बयान ने अब फेसबुक पर दबाव और बढ़ा दिया है। फेसबुक पहले से ही कई देशों में अथॉरिटीज और कई ग्रुप्स के निशाने पर है जिन्होंने फेसबुक पर हेट स्पीच, गलत कहानियों और सरकार की ओर से समर्थित बातों को बढ़ावा देने का जिम्मेदार बताया है। अन्नान यह बात उस समय कही जब वह फेसबुक से जुड़े एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। फेसबुक के चीफ प्रॉडक्ट ऑफिसर क्रिस कॉक्स ने अन्नान से पूछा था कि क्या उनके पास कंपनी के लिए चुनावों की सुरक्षा करने से जुड़ा कोई प्रस्ताव है? अन्नान ने जवाब दिया कि फेसबुक को उन सोसायटीज पर ध्यान देना होगा जहां पर लोग जहरीले संदेश पोस्ट करते हैं और फिर उनकी भाषा पर भी नजर रखनी होगी। अन्नान ने कहा कि फेसबुक को एक 'रैपिड रिएक्शन ग्रुप' बनाना चाहिए जिसे इस स्थिति को सामने आते ही उससे निबटने के लिए कहा जा सके ताकि यह ग्रुप चुनाव आयोग या फिर इसमें शामिल लोगों को सलाह दे सके।
म्यांमार में सोशल मीडिया की वजह से हालात खराब
फेसबुक का कहना है कि इसके पास 7,500 से ज्यादा कर्मी हैं जो पोस्ट्स पर नजर रखते हैं। हालांकि कुछ देशों में इसके पास इस काम को अंजाम देने के लिए जरूरी लोग नहीं हैं। फेसबुक ने पिछले माह कहा था कि उसे म्यांमार में और ज्यादा लोगों की जरूरत है। यूएन की जिस ह्यूमन राइट्स टीम ने फेसबुक पर सवाल उठाए थे उससे जुड़े कमीशन को अन्नान ही लीड कर रहे थे। म्यांमार में बौद्ध धर्म के अनुयायियों की संख्या काफी ज्यादा है। कमीशन का कहना था म्यांमार में संकट के समय लोगों पर ज्यादा बल का प्रयोग करने से बचा गया था लेकिन सोशल मीडिया ने स्थिति को और खराब कर दिया। अन्नान ने कॉक्स से सवाल किया, 'अगर ऐसा ही कोई केस था तो क्या कभी एक पल ऐसा आया जब कोई कार्रवाई की जा सकी जिससे संदेशों को फैलने से रोका जा सके?' अन्नान ने कहा कि यह कुछ ऐसे विषय हैं जिन पर आपको गंभीरता से सोचना होगा।