जिम्बाब्वे के पूर्व राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे का 95 वर्ष की आयु में निधन
नई दिल्ली। जिम्बाब्वे के पूर्व राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे का 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया। जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति एमर्सन मांगवा ने इस बात की आधिकारिक जानकारी अपने ट्विटर हैंडल से दी। रिपोर्ट की मानें तो रॉबर्ट मुगाबे काफी दिनों से बीमार चल रहे थे, जिसके बाद उनका निधन हो गया। मुगाबे का निधन सिंगापुर में हुआ है जहां उनका इलाज चल रहा था। बता दें कि मुगाबे को जिम्बाब्वे में सेना ने नवंबर 2017 में सत्ता से बाहर कर दिया था और तीन दशक लंबे उनके शासनकाल को खत्म कर दिया था।
मुझे सिर्फ भगवान सत्ता से हटा सकते हैं
रॉबर्ट मुगाबे अपने बयानों और विचारधार की वजह से हमेशा से चर्चा में रहते थे, उन्होंने कहा था कि उन्हें सत्ता से सिर्फ भगवान ही बाहर कर सकते हैं। लेकिन सेना ने 2017 में उन्हे सत्ता से बेदखल कर दिया था। दरअसल मुगाबे ने तत्कालीन उपराष्ट्रपति एमरर्सन मांगवा को उनके पद से हटाकर अपनी पत्नी को इस पद पर बैठा दिया था जिसकी वजह से उनकी पार्टी के ही लोग उनके खिलाफ हो गए थे। मुगाबे के इस कदम के बाद सेना ने तख्ता पलट करते हुए उन्हें सत्ता से हटा दिया था।
तानाशाही
मुगाबे पर आरोप है कि उन्होंने सत्ता में बने रहने के लिए हर तरह की दमनकारी नीतियों का इस्तेमाल किया, उन्होने हिंसा से लेकर लोगों को आवाज को भी दबाने का काम किया, जिसकी वजह से देश में काफी गरीबी आ गई। मुगाबे ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत जिम्बाब्वे की आजादी के अभियान के दौरान शुरू की थी। वह कई वर्षों तक राजनीतिक कैदी के तौर पर जेल भी रहे और उन्होंने नस्लीय भेदभाव के खिलाफ लड़ाई में काफी लंबे समय तक अपना योगदान दिया।
10 साल जेल में रहे
तकरीबन 10 साल तक जेल में रहने के बाद मुगाबे को यूनिवर्सिटी की डिग्री हासिल हुई। उन्होंने अर्थशास्त्र और कानून से लंदन विश्वविद्यालय से पढ़ाई की थी। 70 के दशक में उन्होंने राजनीति के क्षेत्र में कदम रखा था और जिम्बाब्वे अफ्रीकन नेशनल यूनियन का नेतृत्व किया। आजादी के बाद जिम्बाब्वे में 1980 में चुनाव हुआ और वह देश के पहले प्रधानमंत्री बने। मुगाबे हमेशा खुद को सलीके से पेश करने में यकीन रखते थे और हमेशा बेहतर पोशाक में नजर आते
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