तो पाकिस्तान ने अमेरिकी राष्ट्रपति को दिया था धोखा, भारत से पहले बना लिया था परमाणु बम!
CIA की ओर से सार्वजनिक किए दस्तावेजों से यह बात सामने आई है कि तात्कालीन पाक राष्ट्रपति जनरल जिया उल हक ने अपने समकक्ष अमेरिकी राष्ट्रपति रीगन को परमाणु बम ना बनाने का आश्वासन दिया था।
इस्लामाबाद। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए की ओर से सार्वजनिक किए गए एक पत्र में यह खुलासा हुआ है कि वर्ष 1981-89 के दौरान तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन से पाकिस्तान के तात्कालीन राष्ट्रपति जनरल जिया उल हक न वादा किया था कि पाकिस्तान कोई परमाणु हथियार तैयार नहीं करेगा। साल 1982 में 5 जुलाई को लिखी गई चिट्ठी से खुलासा हुआ है कि जिया उल हक ने रीगन को धोखे में रखा था। इस चिट्ठी में में जिया उल हक ने लिखा था कि 'पाकिस्तान ना तो परमाणु बम बना रहा है, ना ही वो बनाएगा।'
लिखा
गया
था
कि
यह
बहुत
ही
दुखद
है
कि
पाकिस्तान
में
अमेरिकी
राजनयिक
वरनोन
वॉल्टर
ने
आपको
(रीगन)
बताया
कि
उनके
पास
इस
बात
के
स्पष्ट
सबूत
हैं
कि
पाकिस्तान
चोरी-चुपके
परमाणु
बम
बनाने
का
प्रयत्न
कर
रहा
है।
जिया
उल
हक
ने
यह
भी
लिखा
था
कि
पाकिस्तान
की
ओर
परमाणु
बम
बनाए
जाने
की
खबर
पूर्णतया
बेबुनियाद
है।
पाकिस्तान,
परमाणु
उर्जा
के
मुद्दे
पर
ऐसा
कोई
फैसला
कभी
नहीं
करेगा,
जिससे
उसके
और
अमेरिकी
रिश्ते
पर
कोई
आंच
आए।
जिया
उल
हक
ने
कहा
था
कि
पाकिस्तान,
बिजली
से
जुड़ी
आवश्यकताओं
को
पूरा
करने
के
लिए
परमाणु
संयंत्रों
पर
काम
कर
रहा
है।
हालांकि
दुनिया
के
तमाम
मुल्क
यह
मानते
हैं
कि
पाक
ने
जिया
उल
हक
के
कार्यकाल
में
ही
परमाणु
बम
बना
लिया
था।
साथ
ही
एक
अन्य
दस्तावेज
सार्वजनिक
हुआ
है।
इस
दस्तावेज
में
भारत
रूस
के
संबंधों
के
मद्देनजर
पाक
और
अमेरिका
के
संबंधों
की
चर्चा
की
गई
है।
इस
दस्तावेज
के
जरिये
यह
बात
सामने
आई
है
कि
दक्षिण
अफ्रीका
और
कश्मीर
में
अमेरिकी
भूमिका
के
बावजूद
भी
पाकिस्तान
का
झुकाव
पश्चिमी
मुल्कों
के
प्रति
उसका
झुकाव
बरकरार
रहेगा।
इसी
दस्तावेज
से
यह
बात
भी
सामने
आई
है
कि
पाकिस्तान
का
ना
तो
इसाई,
ना
ही
पूंजीावाद
के
प्रति
कोई
झुकाव
है
बल्कि
वो
रूस
और
भारत
के
संबंधों
के
कारण
पश्चिमी
मुल्कों
के
प्रति
झुका
है।
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