पूर्व इंजीनियर ने Google पर किया मुकदमा, लैंगिक असमानता पर लिखने के लिए कंपनी ने निकाला था
गूगल के पूर्व कर्मचारी ने कंपनी के ऊपर केस किया है। गूगल ने पिछले साल अगस्त में इंजीनियर जेम्स डमोरे को नौकरी से निकाल दिया था। जेम्स पर कंपनी के अंदर एक मैनिफेस्टो लिखा था जिसमें कहा गया था तकनीकी क्षेत्र में महिलाओं का न होना लैंगिक असमानता नहीं, बल्कि बायोलॉजिकल अंतर के कारण है।
कैलिफोर्निया। गूगल के पूर्व कर्मचारी ने कंपनी के ऊपर केस किया है। गूगल ने पिछले साल अगस्त में इंजीनियर जेम्स डमोरे को नौकरी से निकाल दिया था। जेम्स पर कंपनी के अंदर एक मैनिफेस्टो लिखा था जिसमें कहा गया था तकनीकी क्षेत्र में महिलाओं का न होना लैंगिक असमानता नहीं, बल्कि बायोलॉजिकल अंतर के कारण है। इसके बाद गूगल ने अपने इस इंजीनियर को नौकरी से निकाल दिया था। अब उन्होंने एक और पूर्व इंजीनियर के साथ मिलकर कंपनी पर मुकदमा दायर किया है।
इंजीनियर जेम्स ने सोमवार को गूगल पर केस करते हुए कहा कि वो कंपनी में भेदभाव का शिकार हुए हैं। जेम्स डमोरे ने गूगल के ही एक पूर्व कर्मचारी डेविड गुडमैन के साथ मिलकर कैलिफोर्निया के सांता क्लारा काउंटी सुपीरियर कोर्ट में एक प्रस्तावित वर्ग कार्रवाई के रूप में मुकदमा दायर किया। मुकदमे में कहा गया है कि कंपनी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प या रूढ़िवादी राजनीतिक विचारों के समर्थन से संबंधित कार्यस्थल उत्पीड़न से कर्मचारियों की रक्षा करने में विफल रही है।
जेम्स ने पिछले साल एक मैनिफेस्टो लिखा था जो कंपनी में अंदर ही अंदर काफी वायरल हो गया। इस मैनिफेस्टो में महिलाओं और पुरुषों के बीच के असमान वेतन का कारण बायोलॉजिकल अंतर बताया गया था। जेम्स का मानना था कि दोनों की क्षमताएं अलग-अलग होती हैं। इसलिए तकनीकी क्षेत्र और कंपनी की लीडरशिप में महिलाएं नहीं दिखती।
इसके बाद जेम्स को नौकरी से निकालते हुए सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा था कि इस मैनिफेस्टो में कई बातें आचार संहिता का उल्लंघन करती हैं। उन्होंने कंपनी में महिलाओं को संबंधित एक मेल भी भेजा था जिसमें उन्होंने कहा था कि गूगल को महिला कर्मचारियों की जरूरत है।
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