बांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया को भ्रष्टाचार के मामले में सात वर्ष की सजा, जानें क्या है पूरा मामला
ढाका। बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को भ्रष्टाचार के मामले में सात वर्ष की सजा सुनाई है। सोमवार को आए कोर्ट के फैसले ने पूर्व पीएम और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की चीफ जिया की उस याचिका को भी खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ जारी कानूनी प्रक्रिया को रोकने की बात कही थी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने लोअर कोर्ट के ऑर्डर को भी बरकरार रखा है। खालिदा जिया ने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी जिसमें लोअर कोर्ट को उनकी गैर-मौजूदगी में भ्रष्टाचार के केस में सुनवाई जारी रखने का आदेश दिया गया था।
जेल में ही चलेगा मुकदमा
अटॉर्नी जनरल के ऑफिस की ओर से कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट की अपील बेंच जिसे चीफ जस्टिस मोहम्मद हुसैन लीड कर रहे थे, उसने ट्रायल जारी रखने के लिए कोर्ट का रास्ता इस फैसले के साथ साफ कर दिया है। 20 सितंबर को कोर्ट की ओर से फैसला किया गया था कि ढाका के सेंट्रल में जिया की गैर-मौजूदगी में ट्रायल चलाया जाएगा। 73 वर्ष की जिया ने 27 सितंबर को हाई कोर्ट में एक रिवीजन याचिका दायर की थी और इसमें 20 सितंबर वाले आदेश को चुनौती दी गई थी। 14 अक्टूबर को हाई कोर्ट ने जिया की याचिका को खारिज कर दिया था।
पहले ही एक केस में दोषी साबित जिया
खालिदा जिया पहले ही एक केस में दोषी साबित हो चुकी हैं और सजा काट रही हैं। उन पर एक अनाथालय के लिए फंड के नाम करोड़ों रुपयों की उगाही करने का आरोप है। यह अनाथालय उनके पति जियाउर रहमान के नाम पर है। फरवरी में जिया को इस केस में सजा सुनाई गई थी। जिया अपनी बीमारी का हवाला देकर अक्सर ही सुनवाई से गायब रही हैं। एंटी-करप्शन कमीशन (एसीसी) की ओर से जिया चैरिटबल ट्रस्ट केस में जिया और तीन और लोगों को आरोपी बनाया गया था। इस केस के मुताबिक पूर्व पीएम और तीन और लोगों ने अपनी ताकत का गलत प्रयोग किया और अज्ञात सूत्रों से ट्रस्ट के नाम पर पैसे एंठें।
37 मामलों में हैं आरोपी
इस वर्ष फरवरी में जिया को भ्रष्टाचार के एक और मामले में पांच वर्ष की सजा सुनाई गई थी। जिया और उनके बेटे के खिलाफ 2008 से ढाका कोर्ट में भ्रष्टाचार का मामला चल रहा था और उनके बेटे को हाल ही में उम्रकैद की सजा दी गई है। ट्रस्ट में भ्रष्टाचार को लेकर खालिदा जिया के खिलाफ 2008 में मामला दर्ज हुआ था। भ्रष्टाचार रोधी आयोग (एसीसी) ने खालिदा, उनके बेटे तारिक रहमान और चार अन्य के खिलाफ 2.1 करोड़ टका के गबन के आरोप में केस दर्ज किया था। 2008 में दिए गए फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर अंतिम सुनवाई करते हुए न्यायाधीश एम. इनायतुर रहीम और न्यायाधीश शहीदुल करीम ने खालिदा जिया के खिलाफ यह फैसला दिया है। 2001 से 2006 तक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं खालिदा कुल 37 मामलों में आरोपी हैं।