पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में विदेश मंत्री ने पाक-चीन पर साधा निशाना, कहा- अखंडता एवं संप्रभुता का करें सम्मान
15वें पूर्वी एशिया सम्मेलन में विदेश मंत्री बोले- पाकिस्तानी बलों द्वारा निर्दोष नागरिकों को जानबूझकर निशाना बनाया गया
नई दिल्ली: भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने शनिवार (14 नवंबर) को 15वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया। इस दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने चीन और पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने साफ संदेश देते हुए कहा कि किसी भी राष्ट्र को दूसरे राष्ट्र की अखंडता एवं संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय कानूनों के पालन के महत्व पर भी जोर दिया। जयशंकर ने कहा कि सभी विचारों को सुसंगत बनाना कभी भी चुनौतीपूर्ण नहीं रहेगा यदि अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए सारे देश प्रतिबद्धता दिखाए तो। शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता वियतनाम के प्रधानमंत्री गुयेन जुआन फुक ने आसियान अध्यक्ष के रूप में की। ये सम्मेलन वर्चुअल तौर पर आयोजित की गई थी।
पहले बता दें इस शिखर सम्मेलन में सभी 18 सदस्य देश भाग लिया। इस समूह में आसियान के 10 देशों के अलावा भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका और रूस शामिल हैं। पूर्वी एशिया सम्मेलन सुरक्षा और रक्षा संबंधी मुद्दों पर एशिया-प्रशांत क्षेत्र का प्रमुख मंच है। 2005 में इसके गठन से लेकर अभी तक इसने पूर्वी एशिया के रणनीतिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साधा चीन पर निशाना
गौरतलब है कि चीन और भारत के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध चल रहा है तथा दक्षिणी चीन सागर एवं हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भी बीजिंग का विस्तारवादी रवैया अपनाए हुए है। जयशंकर ने इस सम्मेलन में हिंद-प्रशांत क्षेत्र के बारे में बात की। चीन को इनडायरेक्टली संदेश देते हुए उन्होंने दक्षिणी चीन सागर में विश्वास खत्म करने वाले 'कदमों एवं घटनाओं' को लेकर चिंता जताई और इस बात पर बल दिया कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों की अनुपालना और क्षेत्रीय अखंडता एवं संप्रभुता का सम्मान होना चाहिए। कई देशों की ओर से घोषित नीतियों का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि अगर अंतरराष्ट्रीय सहयोग को लेकर प्रतिबद्धता हो तो विभिन्न दृष्टिकोण का समायोजन रखना कभी चुनौतीपूर्ण नहीं होगा।भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए जयशंकर ने ईएएस के महत्व को दोहराया और इंटरनेशन कानून का पालन, क्षेत्रीय अखंडता एवं संप्रभुता का सम्मान करने और नियम आधारित वैश्विक व्यवस्था को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
अशांति फैलाने के लिए पाक ने भारत में दीपावली के त्योहार को चुना
विदेश मंत्री ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा कि भारत ने सीमा पार से घुसपैठ को पाक के निरंतर समर्थन का विरोध किया। उन्होंने कहा पाक को भारत के खिलाफ आतंकवाद के लिए किसी भी क्षेत्र को उसके नियंत्रण के लिए इस्तेमाल नहीं करने की अपनी द्विपक्षीय प्रतिबद्धता की याद दिलाई गई थी। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा भारत निंदा करता है, पाकिस्तानी बलों द्वारा निर्दोष नागरिकों को जानबूझकर निशाना बनाया गया। यह बहुत ही घृणित है कि पाकिस्तान ने एलओसी की लंबाई के साथ समन्वित फायरिंग के माध्यम से जम्मू-कश्मीर में शांति और गतिरोध को बाधित करने के लिए भारत में दीपावली के त्योहार को चुना।
दीपावली पर भारतीय सेना के तीन जवान शहीद हुए
बता दें दीपावली के पर्व पर जम्मू-कश्मीर में एलओसी पर पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए की गई गोलीबारी में भारतीय सेना के तीन जवान शहीद हो गए हैं। शुक्रवार को पाकिस्तान समर्थित आतंकियों और सेना की ओर से हुई गोलीबारी में उरी सेक्टर में दो और गुरेज सेक्टर में एक जवान की जान गई है। शहीद होने वाले जवानों में एक बीसीएफ के सब-इंस्पेक्टर भी हैं। तीन नागरिकों की भी मौत गोलीबारी में हो गई है। वहीं भारतीय सेना की जवाबी गोलीबारी में 10 से 12 पाक सेना के जवानों के मारे जाने की खबर है।
भारत के विदेश मंत्रालय ने बताया कि पाकिस्तान उच्चायोग के प्रभारी डीएफ़ेयर को आज विदेश मंत्रालय द्वारा बुलाया गया था और 13 नवंबर को जम्मू-कश्मीर में एलओसी के साथ-साथ कई सेक्टरों पर पाकिस्तानी सेनाओं द्वारा अकारण संघर्ष विराम उल्लंघन को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया गया था, जिसमें 4 नागरिकों की मौत हो गई थी और 19 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
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