कोरोना महामारी और बाढ़ की वजह से चीन में खाने का संकट, जिनपिंग बोले-रात में कम खाओ
बीजिंग। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने खाने की बर्बादी को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने देश में भोजन की बर्बादी रोकने के लिए 'ऑपरेशन एम्प्टी प्लेट' लॉन्च किया है। जिनपिंग का कहना है कि इसका मकसद देश के नए दुश्मन को निशाना बनाना है। उन्होंने फूड वेस्ट को सबसे बड़ा दुश्मन करार दिया है। इस ऑपरेशन के तहत चीन में लोगों से अपील की जा रही है कि वह रात को कम मात्रा में खाने का ऑर्डर दें।
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खाने की बर्बादी को बताया शर्मनाक
कहा जा रहा है कि इसका मकसद भोजन करने वाले लोगों की ज्यादा खाना ऑर्डर करने की आदत को बदलना है। हालांकि कुछ जानकार यह भी कह रहे हैं कि चीन में खाद्यान संकट की आशंका को देखते हुए सरकार ने ये फैसला किया है। जिनपिंग ने गुरुवार को इस कैंपेन को लॉन्च किया। उनका भाषण जो चीन की मीडिया में आया है, उसमें उन्होंने कहा, 'कितने शर्म की बात है और यह कंजूसी सम्मानजनक है।' उन्होंने बताया कि देश में बड़े स्तर पर खाने की बर्बादी होती है और यह काफी परेशान करने वाला है।
कोविड की वजह से पड़ा बुरा असर
शी ने एक कविता का जिक्र करते हुए कहा, 'कोई नहीं जानता है कि हमारे व्यंजन में जो भोजन होता है वह कितनी मेहनत के बाद हम तक पहुंचता है? ऐसे में हमें खाद्यान्न सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए संकट को भी ध्यान में रखना चाहिए। इस वर्ष कोरोना वायरस महामारी की वजह से देश पर जो प्रभाव पड़ा है वह चौंकाने वाला है।' द गार्डियन ने लिखा है कि फूड वेस्ट पर चीनी सरकार का ध्यान तब गया है जब बड़े पैमाने पर आई बाढ़ ने फसलों को चौपट कर दिया है। खाने-पीने की चीजों की कीमतें भी आसमान छू रही हैं। कोविड-19 की वजह से ही देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो चुकी है।
अब मिलेगा कम खाना
जिनपिंग के इस कैंपेन पर कैटरिंग ग्रुप्स ने N-1 policy अपनाया है जिसमें ग्राहकों से अपील की गई है कि वे एक टेबल पर जितने लोग भोजन कर रहे हैं, उनकी संख्या से एक डिश कम ऑर्डर करें। जो कैंपेन लॉन्च किया गया है उसके मुताबिक रेस्टोरेंट्स में अकेले भोजन करने वालों के लिए संतुलित मात्रा में या आधी मात्री में डिश सर्व करने का ऑर्डर है। चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज की 2018 की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि हर रेस्टोरेंट में डिनर में औसतन हर डिश का 93 ग्राम (3 औंस) हिस्सा बर्बाद होता है, इस तरह हर साल 18 मिलियन टन भोजन बड़े शहरों में फेंक दिया जाता है।
अमेरिका और दूसरे देशों से आयात होता अनाज
कोरोना महामारी के मद्देनजर खाद्य सुरक्षा को लेकर सार्वजनिक तौर पर चिंता बढ़ी है। यह चिंता लॉकडाउन के दौरान लोगों द्वारा घबराहट में की गई खरीददारी और उसके कारण आई कमी में साफ नजर आती है। इसके अलावा बाढ़ ने भी यहां चिंता बढ़ाई है। बाढ़ ने यांग्त्जी नदी के डेल्टा में खेतों को जमकर बर्बाद किया है। यहां चीन का लगभग आधा कृषि उत्पादन होता है। इसके अलावा अमेरिका और दूसरे देशों के साथ भी चीन का तनाव चल रहा है। इस वजह से भी देश में खाने-पीने की चीजों पर असर पड़ा है। चीन 20 से 30 प्रतिशत अनाज दूसरे देशों से आयात करता है। हालांकि साल 2013 में भी जिनपिंग ने ऑपरेशन एम्प्टी प्लेट का जिक्र किया था।