फ्रांस: 200 साल में पहली बार, नोट्रे-डेम कैथेड्रल में नहीं होगा क्रिसमस मास
फ्रांस। पैरिस के ऐतिहासिक नोट्रे-डेम कैथेड्रल चर्च में इस बार क्रिसमस मास का आयोजन नहीं होगा। ऐसा 200 साल में पहली बार हो रहा है। इसके पीछे का कारण है चर्च में लगी आग। ये घटना अप्रैल माह में हुई थी और आग इतनी भयंकर थी कि अभी तक यहां का विनिर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है। चर्च के प्रवक्ता एंड्रे फिनोट ने रविवार को बताया कि साल 1803 के बाद पहली बार 850 साल पुराने इस कैथरडल में मास का आयोजन नहीं होगा।
सांस्कृतिक मंत्रालय ने क्या कहा था?
हालांकि राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने विनिर्माण का काम पूरा करने के लिए पांच साल का लक्ष्य रखा है। चर्च में आग लगने से भारी नुकसान हुआ था। अक्टूबर माह में फ्रांस के सांस्कृतिक मंत्रालय ने कहा था कि इस विनिर्माण कार्य के लिए एक बिलियन डॉलर का फंड एकत्रित किया गया है। इससे पहले मास तब नहीं हुआ था जब दूसरे विश्व युद्ध के दौरान नाजियों ने कब्जा कर लिया था।
आग लगने के पीछे का कारण क्या था?
फ्रांसीसी अभियोजकों ने जून माह में आग लगने के पीछे का कारण सिगरेट का जलना या शॉर्ट सर्किट बताया था। अधिकारियों ने कहा था कि हो सकता है कि ऐसा लापरवाही के कारण हुआ हो। उन्होंने कहा था कि इस घटना की जांच शुरू कर दी गई है। अप्रैल माह में आग ऐसे समय में लगी थी जब ईस्टर की तैयारियां की जा रही थीं। आग इतनी भयावह थी कि इसकी लपटें आसमान तक उठ रही थीं, जिसे वहां मौजूद पर्यटक देख हैरान रह गए थे।
आगे के टावर मुश्किल से बचा था
दमकल विभाग के करीब 400 कर्मियों ने काफी मशक्कत के बाद आग बुझाई थी। ये लोग काफी नुकसान के बावजूद आगे के टावर बचाने में कामयाब रहे। इस चर्च की सबसे खास बात यह है कि ये दुनिया के सबसे पुराने कैथेड्रल में से एक है। लाखों की तादात में हर साल लोग इसे देखने और प्रार्थना करने आते हैं। हाल ही में इसकी इमारत की दीवारों में दरारें नजर आने लगी थीं, जिसके नवीनीकरण का काम चल रहा था। फ्रांस में इसके अलावा दूसरी कोई इमारत ऐसी दिखाई नहीं पड़ती है।
इमारत 400 फीट से ज्यादा लंबी
फ्रांस में आइफल टावर को टक्कर देने वाली यही एक इमारत है। ये इमारत दो विश्व युद्ध की गवाह रही है। इसे फ्रांसीसी क्रांति के समय भी भारी नुकसान उठाना पड़ा था। इमारत के टावर 200 फीट ऊंचे हैं और यह 400 फीट से ज्यादा लंबी है। यह कुल 52 हजार वर्ग फीट में बनी हुई है। जब फ्रांस में क्रांति हुई थी, तब यहां लूटपाट तक हुई थी। नेपोलियन ने इसी जगह को अपनी ताजपोशी के लिए इस्तेमाल किया था।
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