सोमालीलैंड में रेप पहली बार बना अपराध
सोमालीलैंड ने पहली बार रेप के ख़िलाफ़ क़ानून पास किया है.
स्वघोषित गणतंत्र सोमालीलैंड ने ऐतिहासिक रूप से पहली बार बलात्कार के ख़िलाफ़ एक क़ानून पास किया है. अब बलात्कार को अपराध के दायरे में लाया गया है.
अब तक यहां बलात्कार को सांस्कृतिक समस्या के रूप में देखा जाता था और बलात्कारियों को पीड़ितों से शादी के लिए कहा जाता था.
अब क़ानून पास होने के बाद बलात्कारियों को कम से कम 30 सालों की जेल होगी. सोमालीलैंड ने 1991 में ख़ुद को सोमालिया से अलग स्वतंत्र देश घोषित कर लिया था. हालांकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक देश के रूप में इसे अब भी मान्यता नहीं मिली है. सोमालिया में अब भी रेप के ख़िलाफ़ कोई क़ानून नहीं है.
सोमालीलैंड संसद के स्पीकर बाशे मोहम्मद फराह ने बीबीसी को बताया कि रेप की वारदात बढ़ गई थीं और उन्हें उम्मीद है कि नए क़ानून इसे रोकने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा, ''इन दिनों हमने देखा कि लोग सामूहिक बलात्कार को अंजाम दे रहे थे. नए क़ानून का उद्देश्य रेप को पूरी तरह से रोकना है.''
इस क़ानून को अमलीजामा पहनाने में बच्चों और महिलाओं के अधिकारों की वकालत करने वालों की बड़ी भूमिका रही है. महिला अधिकार संगठन वुमन एजेंडा फोरम की फैसा अली युसूफ़ ने कहा कि वो इस तरह के क़ानून का इंतजार लंबे समय से कर रही थीं.