फिनलैंड में काम न करने वालों को भी हर माह सरकार देगी 40,000 रुपए की सैलरी
गरीबी, लाल फिताशाही को खत्म करने और रोजगार को बढ़ावा देने के मकसद से फिनलैंड की अनोखी पहल। काम न करने वाले लोगों को भी मिल रही हर माह 560 यूरो या 40,000 रुपए की सैलरी।
हेलेंस्की। फिनलैंड की सरकार ने एक अनोखी पहल शुरू की है और इस पहल के तहत देश के तमाम बेरोजगार नागरिकों को हर महीने 560 यूरो या 587 डॉलर बतौर सैलरी दिए जाएंगे। अगर भारतीय रुपयों में बात की जाए तो यह रकम करीब 40,000 रुपए है।
दो वर्ष तक होगा ट्रायल
सरकार दो वर्ष तक इस योजना को ट्रायल के तौर पर चलाएगी और इसके तहत 2000 नागरिकों को चुना गया है। पहली जनवरी से शुरू हुई इस योजना का फायदा इन्हीं 2000 नागरिकों को मिलेगा। जिन लोगों को चुना गया है उन्हें हर माह 560 यूरो दिए जाएंगे। इस बात की कोई जानकारी नहीं दी गई है कि जो लोग बेरोजगार हैं वह वे इसे कैसे खर्च करेंगे। यह रकम उन्हें मिलने वाले किसी भी फायदे से काट ली जाएगी। जिन लोगों को यह रकम दी जाएगी उन्हें इस पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। अगर इसे हासिल करने वाले लोग कुछ एक्स्ट्रा काम भी करते रहेंग तो भी वे इस रकम को रख सकते हैं। फिनलैंड के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक यहां पर प्राइवेट सेक्टर की ओर से प्रति माह औसतन 3,500 यूरो की सैलरी मिलती है।
58 वर्ष के लोग भी हिस्सा
इस
योजना
को
सोमवार
दो
जनवरी
से
शुरू
किया
गया
है
और
पहला
पेमेंट
नौ
जनवरी
को
होगा।
फिनलैंड
के
कुछ
नागरिकों
को
अक्टूबर
2016
में
नौकरी
दी
गई
है।
नवंबर
में
उन्हें
पहला
बेरोजगारी
भत्ता
मिला।
जिन
2000
लोगों
को
इसके
लिए
सेलेक्ट
किया
गया
है
उनकी
उम्र
25
से
58
वर्ष
के
हैं
और
उन्हें
देश
की
55
लाख
आबादी
में
से
चुना
गया
है।
इनमें
से
48
प्रतिशत
महिलाएं
हैं
और
52
प्रतिशत
पुरुष
हैं।
फिनलैंड
से
पहले
अमेरिका,
कनाडा
और
नीदरलैंड्स
में
पहले
ही
ऐसी
ही
योजना
को
टेस्ट
किया
जा
चुका
है।
सरकार
का
मकसद
इस
पहल
के
जरिए
देश
में
जारी
लाल
फीताशाही,
गरीबी
को
खत्म
करने
और
रोजगार
को
बढ़ावा
देना
है।