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आखिरकार चीन ने मान ली लद्दाख क्षेत्र में घुसपैठ की बात

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नई दिल्‍ली/बीजिंग। अक्‍सर लद्दाख क्षेत्र में घुसपैठ करने की बात पर बिफर जाने वाली चीन ने आखिरकार कुबूल कर ही लिया है कि उसने लद्दाख क्षेत्र के देपसांग घाटी में घुसपैठ की थी। गुरुवार को चीन के रक्षा मंत्रालय की ओर से इस बात को स्‍वीकार किया गया है।

चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्‍ता कर्नल गेंग याशेंग ने कहा है कि वर्ष 2013 में सीमा क्षेत्र पर कुछ घटनाएं जरूर हुई थीं लेकिन इन सारे विवादों को आपसी बातचीत और समझौतों के तहत सुलझाना होगा।

चीन की मानें तो इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं क्‍योंकि वास्‍तविक एलएसी यानी लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल को लेकर दोनों देशों को नजरिया अलग-अलग यानी दोनों देशों के बीच भ्रम की स्थिति बनी हुई है।

हालांकि कर्नल गेंग की ओर से पिछले वर्ष चीन की पीपुल्‍स लिब्रेशन आर्मी यानी पीएलए के कुछ सैनिकों की ओर से जिस देपसांग घाटी में घुसपैठ की गई थी, उसका जिक्र नहीं किया गया। न ही उन्‍होंने यह बात कहीं कि उनके सैनिकों ने इस क्षेत्र में टेंट लगाकर अपनी मौजूदगी दर्ज कराने की कोशिश की थी।

कर्नल गेंग ने बताया कि दोनों पक्षों की ओर से सीमा क्षेत्र को चिन्हित नहीं किया गया है और दोनों ही पक्ष एलएसी को लेकर अपने-अपने तर्क प्रस्‍तुत करते रहते हैं। कर्नल गेंग ने भारतीय समाचार एजेंसी पीटीआई की ओर से पूछे गए एक सवाल के जवाब के एवज में यह बात कही।

पिछले वर्ष देपसांग घाटी में चीन के सैनिक दाखिल हुए और उन्‍होंने यहां पर अपने टेंट लगाए थे। साथ ही उनके हाथ में एक बैनर भी था। इस बैनर पर लिखा था, 'गो बैक।' यह घटना चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग की मई में होने वाली भारत यात्रा से पहले यह घटना घटी थी।

यह पहली बार है जब चीन की सेना की ओर से इस घटना का जिक्र किया गया है। हालांकि सेना ने इस बात की जानकारी नहीं दी कि आखिर उसने ली के भारत दौरे से पहले ही ऐसा कदम क्‍यों उठाया।

भारत और चीन के बीच एलएसी के तौर पर करीब 4,000 किमी का क्षेत्र आता है। चीन जहां अरुणाचल प्रदेश के 90,000 स्‍क्‍वॉयर मीटर जमीन पर अपना हक जताता है तो वहीं जम्‍मू और कश्‍मीर में वह अक्‍सर ही 38,000 स्‍क्‍वॉयर मीटर की जमीन को लेकर अपना दावा पेश करता रहता है।

English summary
Finally China accepts incursion at Depsang valley in Ladakh region. It is the very first time when some spokesperson from Chinese defence ministry issues an official statement about incursion.
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