संयुक्त राष्ट्र ने कहा, Covid19 महामारी से ज्यादा घातक हो सकता है जलवायु परिवर्तन संकट!
नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को कहा कि नए कोरोनो वायरस के खिलाफ लड़ाई में दृढ़ संकल्प दुनिया को जलवायु परिवर्तन के लिए भी ऐसी लड़ाई लड़नी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र के विश्व मौसम संगठन ने कहा कि यह वक्त जलवायु परिवर्तन की विकराल समस्या को कम करने का है, क्योंकि पिछले पांच वर्षों में सबसे ग्रह के तापमान में अधिक गर्माहट रिकॉर्ड हुई है, जो ग्रह के तापमान की तीव्रता में लगातार हुई वृद्धि को दर्शाती है।
डब्लूएमओ ने बुधवार को कहा कि पर्यावरण संरक्षण के समर्थन को प्रदर्शित करने के लिए एक वार्षिक कार्यक्रम पृथ्वी दिवस की 50 वीं वर्षगांठ पर चिह्नित प्रवृत्ति के जारी रहने की उम्मीद है।
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डब्ल्यूएमओ ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की दशा को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण ग्लोबल पहलू ग्रह का कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर है, जो वर्ष 1970 की तुलना में लगभग 26 फीसदी अधिक हुआ है जबकि औसत वैश्विक तापमान में 0.86 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है। यानी पूर्व-औद्योगिक युग की तुलना में तापमान 1.1 सेल्सियस अधिक गर्म है।
एजेंसी ने कहा कि COVID-19 संकट जलवायु परिवर्तन के सामाजिक आर्थिक प्रभावों को बढ़ा रहा था। उदाहरण के लिए उष्णकटिबंधीय चक्रवातों से लोगों को सुरक्षित रखना कठिन हुआ है।हालांकि WMO के जलवायु निगरानी कार्यक्रम ने महामारी के दौरान औद्योगिक गतिविधि में गिरावट के परिणामस्वरूप प्रमुख प्रदूषकों में कमी और वायु की गुणवत्ता में सुधार दर्ज किया है।
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स साल कार्बन उत्सर्जन में 6 फीसदी की कमी आने वाली है
डब्ल्यूएमओ के महासचिव पेट्री तालास ने कहा, हमारा अनुमान है कि परिवहन के उत्सर्जन और औद्योगिक ऊर्जा उत्पादन में कमी की वजह से इस साल कार्बन उत्सर्जन में 6 फीसदी की कमी आने वाली है, लेकिन उन्होंने कहा कि यह गिरावट केवल अस्थायी होगा और हम अगले साल संभवतः सामान्य हो पाएंगे।
महामारी और जलवायु परिवर्तन दोनों से एक साथ निपटने की जरूरत
आगे जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने में विफलता लोगों के हितों, पारिस्थितिक तंत्र और अर्थव्यवस्था को खतरा है, जिससे उबरने में एक सदी लग सकती है। उन्होंने कहा कि हमें महामारी और जलवायु परिवर्तन दोनों के दुष्प्रभावों को समतल करने की जरूरत है।
जलवायु परिवर्तन के खिलाफ समान दृढ़ संकल्प दिखाने की जरूरत
बकौल पेट्री तालास, हमें COVID -19 के खिलाफ जलवायु परिवर्तन के खिलाफ समान दृढ़ संकल्प और एकता दिखाने की जरूरत है और यह कदम केवल अल्पावधि के लिए नहीं, बल्कि कई पीढ़ियों के लिए बढ़ाना होगा।
दो संकट को एक बार में संभालने की आवश्यकता : ग्रेटा थुनबर्ग
स्वीडन के जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग ने स्टॉकहोम में एक वार्ता के दौरान जलवायु परिवर्तन और महामारी संकट यानी दो संकट को एक बार में संभालने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन एक तत्कालिक खतरा है, भले ही यह कोरोनो वायरस के रूप में तत्काल नहीं हो सकता है।
जलवायु परिवर्तन से निपटने की जरूरत है अन्यथा यह हावी हो जाएगा
लेकिन यह अभी भी हमें प्रभावित करेगा, विशेष रूप से दुनिया के अन्य हिस्सों में दूसर लोगों को प्रभावित करेगा। नोबेल पुरस्कार संग्रहालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, हमें अब इससे निपटने की आवश्यकता है अन्यथा यह हम पर हावी हो जाएगा।
कार्बन डाइऑक्साइड की सांद्रता रिकॉर्ड स्तर पर है
प्रमुख रिपोर्टिंग ठिकानों पर कार्बन डाइऑक्साइड की सांद्रता रिकॉर्ड स्तर पर है। डब्लूएमओ ने कहा कि यह महत्वपूर्ण था कि कोई भी पोस्ट-कोरोना वायरस रिकवरी प्रोत्साहन पैकेज अर्थव्यवस्था को वापस हरियाली के रूप में विकसित करने में मदद करें।
इतिहास में संकट से उबरने के लिए अधिक उत्सर्जन वृद्धि किया गया है
संगठन ने कहा कि पिछले आर्थिक संकटों में देखा गया है कि संकट से उबरने के लिए संकट से पहले की तुलना में बहुत अधिक उत्सर्जन वृद्धि किया गया है, जो जलवायु परिवर्तन संकट के लिहाज से उचित कदम नहीं है इसलिए जलवायु परिवर्तन और महामारी संकट दोनों के निदान के लिए अपील की जा रही है।