क्या पाक पीएम इमरान खान भी हो चुके हैं कोरोना वायरस के शिकार?
Fact Check:Has Pakistan PM Imran Khan become Corona virus positive? know truthफैक्ट चेक: क्या पाक पीएम इमरान खान भी हो चुके हैं कोरोना वायरस शिकार? जानें सच्चाई
नई दिल्ली। दुनिया के अन्य देशों की तरहफ भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान भी कोरोना की जबइस्त चपेट में हैं। पहले से ही कंगाली झेल रहे पाकिस्तान के लिए कोरोना वायरस के संकट ने बहुत विकट समस्या खड़ी कर दी हैं। कोरोना के प्रकोप के बीच हर पाकिस्तानी स्वयं को बहुत ही असुरक्षित महसूस कर रहा हैं क्योंकि उनके देश के पास इस समस्या से जूझने के लिए न तो पर्याप्त सुविधाएं हैं और न ही धन हैं। पाक नागरिकों के मन में छाए इसी खौफ के बीच शुक्रवार को आई एक न्यूज सुनकर सभी दंग रह गए। इस खबर ने पूरे पाकिस्तान में तहलका मचा दिया था।
क्या पाक पीएम इमरान की भी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है
दरअसल, शुक्रवार को खबर आयी कि पाकिस्तान में बढ़ते कोरोना वायरस की चपेट में प्रधानमंत्री इमरान खान भी आ गए हैं और उनका कोरोना टेस्ट पॉजीटिव आया है। इस खबर के बाद लोगों में दहशत बढ़ गई और लोग तरह-तरह की चर्चांएं करने लगे। ये खबर सुनकर पीएम इमरान के विरोधी जहां खुश हो रहे थे वहीं उनकी पाकिस्तान की जनता ये कहती नजर आयी कि जब पीएम इमरान ही इस वायरस की चपेट में आ गए तो अब हमारा क्या होगा।
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इसी बीच इमरान खान पहुंच गए प्रेस वार्ता में
आखिरकार ये खबर आग की तरह ऐसे फैली की इसकी सुगबुगाहट राजनीतिक गलियारों तक में होने लगी। खास बात ये भी रही कि जिस वक्त राजनीतिक गलियारों में इसकी चर्चा हो रही थी उस वक्त इमरान खान पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। प्रेस वार्ता के दौरान लोग ये बात कर रहे थे कि कि कोरोना पॉजटिव पास जाने के बावजूद आखिर ऐसा क्यों कर रहे हैं। ऐसा करके वो अपने साथ हम सबकी जान जोखिम में डाल रहे हैं।
सांसद फैसल जावेद को देनी पड़ी सफाई
हालांकि आखिरकार इस तरह की अफवाहों पर विराम लगाने के लिए पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) के सांसद फैसल जावेद को दखल देनी पड़ा। सोशल मीडिया और न्यूज चैनलों पर आ रही न्यूज का खंडन करते हुए उन्होंने एक ट्वीट कर कह लिखा कि पीएम इमरान खान बिल्कुल सही हैं। सांसद फैसल जावेद अपने ट्वीट में अपील भी की कि इस तरह की झूठी और भ्रामक खबरों को न दिखाएं और लोग इन पर विश्वास न करें।
जानें कैसे फैली ये न्यूज
गौरतलब हैं कि इमरान खान को कोरोना पॉजटिव पाए जाने के खबर पहले लंदन बेस्ड न्यूज मीडिया एराइज वर्ल्ड न्यूज ने बतौर ब्रेकिंग न्यूज अपने टीकर पर चलाया था। इस खबर के थोड़ी देर पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के कोरोना वायरस का टेस्ट पॉजीटिव होने की पुष्टि हो चुकी थी। पूरी दुनिया इस खबर को लेकर चर्चा करते हुए चिंतित थी। इस बीच एराइज न्यूज ने इमरान खान को लेकर भी खबर चला दी। इसके बाद ब्रिटेन में रह रहे पाकिस्तान के नागरिकों ने इसको सोशल मीडिया पर डाला और चंद मिनटों ये बढ़ते-बढ़ते ये पाकिस्तान तक ये खबर आग की तरह फैल गई। चंद ही घंटों में लोगों ने इस खबर का वीडियो बनाकर ट्वीट भी किया। पीएम इमरान के करीबियों से लोग फोन करके इस खबर की पुष्टि कर रहे थे।
पीटीआई को करना पड़ा इसका खंडन
इस फेक न्यूज के आग की तरह फैलने के बाद पीटीआई की तरफ से इसका बकायदा खंडन किया कि जिसके बाद एराइज ने अपनी इस खबर को हटा लिया। मालम हो कि पाकिस्तान में फैसल सांसद होने के अलावा इंफार्मेशन ब्रॉडकास्टिंग एंड हेरिटेज की स्टेंडिंग कमेटी के चेयरमेन भी हैं। इसके अलावा 1996 से वो इंफो-मेंबर कोर कमेटी के सदस्य भी हैं। इस फेक न्यूज के आग की तरह चंद मिनटों में फैलने से एक बार फिर साबित हो चुका हैं कि सच के बजाय झूठ अधिक तेजी से फैलता है।
कोरोना फैलने पर इमरान सरकार ने खड़े किए हाथ
बता दें पाकिस्तान में कोरोना वायरस के चपेट में आने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। वहीं वहां के बदइंतजामी की बदौलत भी इसमें इजाफा हो रहा है। खुद प्रधानमंत्री इमरान खान ने माना है कि पाकिस्तान में इसको रोकने का न तो कोई मैनेजमेंट है, न ही ऐसा कोई इंफ्रास्ट्रक्चर जिससे इसको रोकने में मदद मिले। इसके अलावा उन्होंने फंड की कमी को भी एक बड़ी वजह बताया है। इतना ही नहीं कोरोना वायरस के तेजी से फैलने के बाद भी पाकिस्तान में कुछ जगहों पर एकजुट होकर नमाज पढ़ने की तस्वीरों ने पूरी दुनिया को हैरत में डाल दिया है। इसके बाद सरकार और राष्ट्रपति की तरफ से अपील की गई है कि इस पर रोक लगाई जानी चाहिए।
पीएम इमरान के फैसले को दरकिनार कर सेना ने पाकिस्तान को किया लॉकडाउन
जिसके बाद शनिवार को कोरोना वायरस के कारण पाकिस्तान में लॉकडाउन नहीं करने के प्रधानमंत्री इमरान खान के घोषित इरादों के बावजूद पाकिस्तान में प्रांतों ने लॉकडाउन का ऐलान किया है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इमरान के नहीं चाहने पर देश की सेना ने उन्हें साइडलाइन कर दिया और प्रांतीय सरकारों के साथ मिलकर प्रांतों में लॉकडाउन करवाया। इमरान आम मजदूरी पेशा लोगों और पूरी अर्थव्यवस्था पर इसके पड़ने वाले असर के कारण इसके पक्ष में नहीं रहे हैं।